आगरा : खेरागढ़ कस्बे में खनन माफिया के गुर्गों ने शनिवार की सुबह खनन का ट्रैक्टर रोकने पर सिपाही को गोली मार दी थी. हमलावरों ने इंस्पेक्टर की गाड़ी में टक्कर भी मारी थी. घायल सिपाही को अस्पताल में भर्ती कराया गया था. अब उसकी हालत खतरे से बाहर है. मामले में पुलिस ने खनन माफिया के 7 गुर्गे गिरफ्तार किए हैं. चार ट्रैक्टर-ट्रॉली और तीन बाइकें भी बरामद हुईं हैं. मगर, पुलिस के हाथ तमंचे से सिपाही को गोली मारने वाला नहीं आया है. वह खेरागढ़ का ही है. इधर, आरोपियों के परिजनों ने पुलिस पर घरों में तोड़फोड़ करने के आरोप लगाया है.
बता दें कि, खेरागढ़ कस्बा में शनिवार सुबह आठ बजे बालू से भरी ट्रैक्टर ट्रॉली की सूचना पर पुलिस ने घेराबंदी की थी. सूचना पर पहुंची पुलिस टीम को देखकर खनन माफिया ने गोलियां चलाईं थी. सिपाही अजय कुमार के सिर में गोली लगी. इंस्पेक्टर जीप से घायल सिपाही को लेकर आगरा आ रहे थे तब भी माफिया और उसके गुर्गों ने उनकी गाड़ी में ट्रैक्टर से टक्कर मारी.
छह टीमों की छापेमार कार्रवाई जारी : डीसीपी पश्चिमी सोनम कुमार ने बताया कि पुलिस टीम पर हमला करने वालों की तलाश में 6 टीमें धौलपुर और खेरागढ़ क्षेत्र में लगाईं. पुलिस टीमों ने खनन माफिया और उसके गुर्गों की गिरफ्तारी के लिए रातभर दबिश दीं. रविवार शाम सात हमलावर पकड़े गए हैं. इनमें चार ट्रैक्टर-ट्रॉली और तीन बाइकें बरामद हुईं हैं. आरोपी अपने ठिकाने छोड़कर भाग गए हैं. इस मामले में 18 अज्ञात लोगों के विरुद्ध जानलेवा हमला, सरकारी कार्य में बाधा, खनन अधिनियम सहित कई धाराओं में केस दर्ज है.
इनकी हुई गिरफ्तारी : खेरागढ़ निवासी नेमी कुशवाह, मोहर सिंह और मुकेश अग्रवाल, धौलपुर निवासी राजपाल, योगेश, विजय और विनय सिंह को गिरफ्तार किया गया है.
पहाड़ी का नगला में तोड़फोड़ : पुलिस टीम ने जब खेरागढ़ थाना के गांव पहाड़ी के नगला में दबिश देकर मोहर सिंह को पकड़ लिया. मोहर सिंह के परिजन का आरोप है कि दबिश में पुलिस ने घरों पर तोड़फोड़ की. हालांकि, पुलिस का तोड़फोड़ से इनकार है.
खनन माफिया और गुर्गों में नहीं खाकी का खौफ : खनन माफिया और उसके गुर्गों में खाकी का खौफ नहीं है. पहले भी बैरियर तोड़ने, पुलिस टीम पर फायरिंग, तहसील कर्मियों पर हमला, दहशत फैलाने की वारदात भी ये कर चुके हैं. जन प्रहरी संस्था के संयोजक नरोत्तम सिंह शर्मा का आरोप है कि पुलिस से तहसील तक व अन्य विभागों की मिलीभगत से इन पर कार्रवाई नहीं हो पाती है. पुलिस और प्रशासनिक कर्मचारियों और अधिकारियों की बंदरबांट की वजह से ही राजस्थान सीमा से सटा खेरागढ़ तहसील खनन का सबसे बड़ा अड्डा बन गया है.
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