आगरा : यूपी सरकार ने 3 लाख रुपए की रिश्वत लेने के आरोप में जेल गए आगरा के संयुक्त शिक्षा निदेशक आरपी शर्मा को बहाल कर दिया है. जांच में जेडी आरपी शर्मा को क्लीनचिट मिलने पर दोबारा उन्हें आगरा का जेडी नियुक्त कर दिया गया. 20 दिन पहले ही जेडी आरपी शर्मा को जमानत मिली थी. विजिलेंस टीम कोर्ट में कोई ठोस सबूत पेश नहीं कर पाई थी. इसकी वजह से उन्हें जमानत मिली थी. विजिलेंस की कार्रवाई पर भी सवाल उठे थे. मामले में विजिलेंस के एसपी का भी तबादला किया जा चुका है. इसके साथ ही इस मामले की जांच सीबीसीआईडी कर रही है.
ये था मामला : सहायक अध्यापक अजय पाल सिंह ने विजिलेंस के आगरा कार्यालय में रिश्वत मांगने की शिकायत की थी. आरोप था कि फर्जी नियुक्ति की शिकायत की जांच में उनके पक्ष में रिपोर्ट लगाने के लिए 10 लाख की रिश्वत मांगी गई. पहली किस्त में तीन लाख रुपए मांगे थे. डीआईओएस ने शिक्षक को क्लीनचिट दे दी थी. लेकिन, जेडी आरपी शर्मा रिपोर्ट नहीं लगा रहे थे. 17 अगस्त को विजिलेंस ने 3 लाख रुपये की रिश्वत के साथ जेडी आरपी शर्मा को गिरफ्तार किया था. इसके बाद 18 अगस्त को विजिलेंस ने जेडी आरपी शर्मा को मेरठ के कोर्ट में पेश किया. यहां से कोर्ट के आदेश पर जेल भेज दिया. 20 दिन पहले ही आरपी शर्मा जेल से जमानत पर बाहर आए हैं.
जांच कमेटी की रिपोर्ट हुआ था एसपी का तबादला : आगरा के शिक्षकों ने जेडी आरपी शर्मा के समर्थन में प्रदर्शन किया था. मामला आगरा से लखनऊ तक पहुंचा. शिक्षा विभाग में खलबली मच गई थी. शासन ने इस पूरे मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया था. समिति में शामिल अधिकारियों ने आगरा में आकर डीआईओएस और जेडी कार्यालय के कर्मचारियों के साथ पूछताछ की थी. बयान दर्ज किए थे. इसके बाद जांच कमेटी ने शासन को अपनी रिपोर्ट दी थी.
जांच में विजिलेंस टीम की कार्रवाई भी संदिग्ध मिलने पर जांच समिति की रिपोर्ट के बाद 27 सितंबर को आगरा के एसपी विजिलेंस शगुन गौतम का स्थानांतरण झांसी कर दिया गया. उनकी जगह पर झांसी के एसपी विजिलेंस आलोक शर्मा को आगरा भेजा गया है. इसके साथ ही आगरा विजिलेंस में तैनात इंस्पेक्टर दुष्यंत तिवारी, हाकिम सिंह, आरक्षी जितेंद्र और धर्मेंद्र को भी गैर जनपद स्थानांतरित किया गया है. इसके साथ ही शासन ने इस मामले की जांच सीबीसीआईडी को दे दी है.
मामले की जांच कर रही सीबीसीआईडी : विजिलेंस में स्थानांतरण की कार्रवाई के बाद अब तीन अक्टूबर को विशेष सचिव रामनगीना मौर्य ने विवेचना विजिलेंस से सीबीसीआईडी स्थानांतरित करने के आदेश जारी किए हैं. विजिलेंस की ट्रैप से पहले प्री-ट्रैप की कार्रवाई की जाती है. अब सीबीसीआईडी की जांच में विजिलेंस टीम में शामिल पुलिसकर्मियों की गर्दन फंस सकती है. पहले भी विजिलेंस की कार्रवाई पर प्रदेश में सीबीसीआईडी ने जांच की है. इस मामले की विवेचना अब सीबीसीआईडी में अपर पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारी करेंगे.
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