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सेवा स्थायीकरण की मांग को लेकर रांची में सहायक पुलिसकर्मियों का आंदोलन शुरू, मनरेगाकर्मियों ने निकाली वादा निभाओ रैली - Agitation In Ranchi

MNREGA workers rally in Ranchi.विधानसभा चुनाव नजदीक आते हैं झारखंड में धरना-प्रदर्शन का दौर शुरू हो गया है. विभिन्न मांगों को लेकर मनरेगा कर्मियों और सहायक पुलिस कर्मियों ने रांची में धरना-प्रदर्शन किया है.

Agitation In Ranchi
रांची में प्रदर्शन करते सहायक पुलिसकर्मी और मनरेगाकर्मी (कोलाज इमेज-ईटीवी भारत)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jul 2, 2024, 6:20 PM IST

रांची: राजधानी रांची में मंगलवार को झमाझम बारिश के बीच सेवा स्थायीकरण और वेतनमान की मांग को लेकर मनरेगाकर्मियों ने बापू वाटिका से मुख्यमंत्री आवास तक वादा निभाओ रैली निकाली और मांगों को लेकर आवाज बुलंद की. वहीं दूसरी ओर विभिन्न जिलों से रांची पहुंचे सहायक पुलिसकर्मियों ने भी अपने अनिश्चितकालीन आंदोलन की शुरुआत कर दी है.
2017 में हुई थी सहायक पुलिस की अनुबंध पर नियुक्ति

वर्ष 2017 में राज्य के 12 नक्सल प्रभावित जिलों में विधि-व्यवस्था दुरुस्त रखने में सहायता के लिए जिन सहायक पुलिस की नियुक्ति हुई थी, वह आज फिर एक बार राजधानी पहुंचकर मोरहाबादी मैदान में बैठ गए हैं. सोमवार 01 जुलाई को पदस्थापन वाले जिलों में सामूहिक अवकाश पर रहने के बाद सहायक पुलिसकर्मियों ने रांची पहुंचकर अनिश्चितकालीन आंदोलन शुरू कर दिया है.
बड़ी संख्या में महिला जवान भी आंदोलन में हैं शामिल

राज्य में विधानसभा चुनाव निकट है. ऐसे में ज्यादातर कर्मचारियों को उम्मीद रहती है कि इन दिनों किया गया आंदोलन ज्यादा फलदायी होता है. यही वजह है कि एक ओर जहां आज मनरेगाकर्मी सेवा स्थायीकरण और वेतनमान की मांग के साथ सड़क पर उतरे हैं तो दूसरी ओर सहायक पुलिसकर्मियों ने भी रांची में डेरा डाल कर लंबा आंदोलन करने का शंखनाद कर दिया है.

विभिन्न जिलों से ढाई हजार सहायक पुलिसकर्मी पहुंचे हैं रांची

राज्य के 12 अति नक्सल प्रभावित जिलों के करीब ढाई हजार सहायक पुलिसकर्मियों का आंदोलन रांची के मोरहाबादी मैदान में शुरू हो गया है. सात साल से काम कर रहे सहायक पुलिसकर्मी अपने अनुबंध की नौकरी को स्थायी की मांग कर रहे हैं. दो साल पहले भी मानसून के महीने में सहायक पुलिस कर्मियों का लंबा आंदोलन मोरहाबादी मैदान में चला था. हालांकि तब सेवा विस्तार के बाद सहायक पुलिसकर्मियों ने अपना आंदोलन स्थगित कर दिया था.
पुलिस सेवा के खाली पदों पर सहायक पुलिसकर्मियों को हो समायोजनः विवेका गुप्ता

इस संबंध में सहायक पुलिस जवान संघ के विवेका गुप्ता ने बताया कि वे लोग 2017 से मात्र 10 हजार रुपये के मासिक मानदेय पर नौकरी कर रहे हैं. 10 हजार रुपये में अब परिवार चलाना संभव नहीं है. राज्य में पुलिस जवानों की घोर कमी है. ऐसे में पुलिस सेवा के खाली पदों पर उनका समायोजन हो.
सेवा स्थायीकरण और वेतनमान की मांग पूरी नहीं हुई तो हड़ताल को विवश होंगे मनरेगाकर्मी

राजधानी में मोरहाबादी स्थित बापू वाटिका से मुख्यमंत्री आवास के लिए निकले आंदोलनरत मनरेगा कर्मियों के नेता जॉन पीटर बागे ने कहा कि राज्य की सरकार ने उनसे वादा किया था कि उनकी सेवा स्थाई होगी और उन्हें वेतनमान मिलेगा. वर्तमान सरकार अब अपना कार्यकाल पूरा करने को है. इसके बावजूद मनरेगा कर्मियों की न तो सेवा स्थायी हुई है और न ही वेतनमान दिया गया है.

रैली निकालने के बाद सीएमओ को सौंपा ज्ञापन

इसे सरकार की वादा खिलाफी करार देते हुए मनरेगा संघ के अध्यक्ष जॉन पीटर बजे ने कहा कि आज उन्होंने सीएमओ को अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा है.अगर सरकार उनकी मांगों पर सार्थक निर्णय जल्द नहीं लेती तो आने वाले दिनों में राजभर के मनरेगा कर्मी हड़ताल पर जाने को विवश हो जाएंगे.

ये भी पढ़ें-

फिर आंदोलन की तैयारी में राज्य के मनरेगा कर्मी! कल्पना सोरेन को सुनाना चाहते हैं अपनी पीड़ा - MNREGA workers agitation

झारखंड के 05 हजार से ज्यादा मनरेगाकर्मी राज्य सरकार से हैं नाराज, आंदोलन की बना रहे योजना!

आंदोलनरत सहायक पुलिसकर्मियों की मांग पर राजनीति शुरू, बीजेपी ने सरकार पर साधा निशाना

रांची: राजधानी रांची में मंगलवार को झमाझम बारिश के बीच सेवा स्थायीकरण और वेतनमान की मांग को लेकर मनरेगाकर्मियों ने बापू वाटिका से मुख्यमंत्री आवास तक वादा निभाओ रैली निकाली और मांगों को लेकर आवाज बुलंद की. वहीं दूसरी ओर विभिन्न जिलों से रांची पहुंचे सहायक पुलिसकर्मियों ने भी अपने अनिश्चितकालीन आंदोलन की शुरुआत कर दी है.
2017 में हुई थी सहायक पुलिस की अनुबंध पर नियुक्ति

वर्ष 2017 में राज्य के 12 नक्सल प्रभावित जिलों में विधि-व्यवस्था दुरुस्त रखने में सहायता के लिए जिन सहायक पुलिस की नियुक्ति हुई थी, वह आज फिर एक बार राजधानी पहुंचकर मोरहाबादी मैदान में बैठ गए हैं. सोमवार 01 जुलाई को पदस्थापन वाले जिलों में सामूहिक अवकाश पर रहने के बाद सहायक पुलिसकर्मियों ने रांची पहुंचकर अनिश्चितकालीन आंदोलन शुरू कर दिया है.
बड़ी संख्या में महिला जवान भी आंदोलन में हैं शामिल

राज्य में विधानसभा चुनाव निकट है. ऐसे में ज्यादातर कर्मचारियों को उम्मीद रहती है कि इन दिनों किया गया आंदोलन ज्यादा फलदायी होता है. यही वजह है कि एक ओर जहां आज मनरेगाकर्मी सेवा स्थायीकरण और वेतनमान की मांग के साथ सड़क पर उतरे हैं तो दूसरी ओर सहायक पुलिसकर्मियों ने भी रांची में डेरा डाल कर लंबा आंदोलन करने का शंखनाद कर दिया है.

विभिन्न जिलों से ढाई हजार सहायक पुलिसकर्मी पहुंचे हैं रांची

राज्य के 12 अति नक्सल प्रभावित जिलों के करीब ढाई हजार सहायक पुलिसकर्मियों का आंदोलन रांची के मोरहाबादी मैदान में शुरू हो गया है. सात साल से काम कर रहे सहायक पुलिसकर्मी अपने अनुबंध की नौकरी को स्थायी की मांग कर रहे हैं. दो साल पहले भी मानसून के महीने में सहायक पुलिस कर्मियों का लंबा आंदोलन मोरहाबादी मैदान में चला था. हालांकि तब सेवा विस्तार के बाद सहायक पुलिसकर्मियों ने अपना आंदोलन स्थगित कर दिया था.
पुलिस सेवा के खाली पदों पर सहायक पुलिसकर्मियों को हो समायोजनः विवेका गुप्ता

इस संबंध में सहायक पुलिस जवान संघ के विवेका गुप्ता ने बताया कि वे लोग 2017 से मात्र 10 हजार रुपये के मासिक मानदेय पर नौकरी कर रहे हैं. 10 हजार रुपये में अब परिवार चलाना संभव नहीं है. राज्य में पुलिस जवानों की घोर कमी है. ऐसे में पुलिस सेवा के खाली पदों पर उनका समायोजन हो.
सेवा स्थायीकरण और वेतनमान की मांग पूरी नहीं हुई तो हड़ताल को विवश होंगे मनरेगाकर्मी

राजधानी में मोरहाबादी स्थित बापू वाटिका से मुख्यमंत्री आवास के लिए निकले आंदोलनरत मनरेगा कर्मियों के नेता जॉन पीटर बागे ने कहा कि राज्य की सरकार ने उनसे वादा किया था कि उनकी सेवा स्थाई होगी और उन्हें वेतनमान मिलेगा. वर्तमान सरकार अब अपना कार्यकाल पूरा करने को है. इसके बावजूद मनरेगा कर्मियों की न तो सेवा स्थायी हुई है और न ही वेतनमान दिया गया है.

रैली निकालने के बाद सीएमओ को सौंपा ज्ञापन

इसे सरकार की वादा खिलाफी करार देते हुए मनरेगा संघ के अध्यक्ष जॉन पीटर बजे ने कहा कि आज उन्होंने सीएमओ को अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा है.अगर सरकार उनकी मांगों पर सार्थक निर्णय जल्द नहीं लेती तो आने वाले दिनों में राजभर के मनरेगा कर्मी हड़ताल पर जाने को विवश हो जाएंगे.

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