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'टॉयलेट टैक्स के बाद अब खेल-खिलाड़ी टैक्स लेकर आई सुक्खू सरकार, ऐसा करना शर्मनाक' - Jairam Thakur slam sukhu govt

नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने सुक्खू सरकार पर खिलाड़ियों को हतोत्साहित करने का आरोप लगाया है. खेलों के प्रति सरकार का यह दृष्टिकोण शर्मनाक है.

पूर्व सीएम जयराम ठाकुर
पूर्व सीएम जयराम ठाकुर (फाइल फोटो)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Oct 6, 2024, 7:32 PM IST

शिमला: नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि खेल के मैदानों और खेल के समानों के इस्तेमाल के लिए सरकार की और से पैसों की मांग को शर्मनाक है. जयराम ठाकुर ने सुक्खू सरकार पर हर वर्ग को परेशान करने का भी आरोप लगाया.

मीडिया से बात करते हुए पूर्व सीएम जयराम ठाकुर ने बताया कि 'टॉयलेट टैक्स के बाद अब सरकार 'खेल-खिलाड़ी टैक्स योजना' लेकर आई है, जिससे तहत खेल और खिलाड़ियों के ऊपर टैक्स लगा रही है. सरकार की तरफ से प्रदेश के लोगों पर हर दिन किसी न किसी तरह का टैक्स लादा जा रहा है. मुख्यमंत्री ‘जनकल्याणकारी राज्य’ की परिभाषा भूल चुके हैं. एक-एक कर हर वर्ग को परेशान करने के बाद अब मुख्यमंत्री की सुई प्रदेश के खेल और खिलाड़ियों पर आकर रुक गई है. एक तरफ केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ‘खेलो इंडिया’ के तहत खेलों को प्रोत्साहित करने के लिए हर साल हजारों करोड़ का अतिरिक्त बजट खर्च कर रही है, दूसरी तरफ सुक्खू की सरकार हिमाचल में खेल और खिलाड़ियों पर टैक्स लगाकर उन्हें प्रदेश की आय का साधन बनाना चाह रही है. इसके पहले भी सुक्खू सरकार अंडर-12 के टूर्नामेंट के आयोजन पर भी रोक लगा चुकी है. खेलों को सुक्खू सरकार हर स्तर पर हतोस्ताहित करना चाहती है. खेलों के प्रति सरकार का यह दृष्टिकोण शर्मनाक है.'

नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि, 'सुक्खू सरकार ने ‘खेल-खिलाड़ी टैक्स योजना’ के तहत खेल के सामान से लेकर मैदान पर टैक्स लगाने का विरोध अब कांग्रेस पार्टी के ही वरिष्ठ नेता कर रहे हैं. उनकी बात मुख्यमंत्री की ओर से अनसुनी की गई होगी, इसीलिए ही उन्हें मीडिया में आकर अपनी बात कहनी पड़ी है. बच्चों के ट्रायल होने हैं तो सरकार द्वारा मैदान का दस हज़ार रुपए का किराया मांगा जा रहा है. इसके अलावा एक प्रतिष्ठित खेल प्रतियोगिता को भी सरकार की ओर से सहयोग न मिलने और खेलों के सामान और मैदान का शुल्क मांगने के कारण अन्य प्रदेश में आयोजित करवानी पड़ रही है. इस तरह से लोगों की आवाज को अनसुना नहीं करना चाहिए. खेल और खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करना चाहिए न कि खेल और खिलाड़ियों पर टैक्स लगाना चाहिए.'

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि, 'सरकार का काम होता है कि वो खेलों को प्रोत्साहित करे. खिलाड़ियों के सर्वांगीण विकास के लिए काम करे न कि उन पर टैक्स लगाकर खेलों को कठिन कर दे और खेलों में रुचि लेने वाले खिलाड़ियों को हतोत्साहित करे. खिलाड़ी अपने लिए नहीं खेलता है, वो अपने प्रदेश और अपने देश के लिए खेलता है. इसलिए प्रदेश का काम है कि उन्हें खेलने के लायक माहौल दे न कि उन पर टैक्स लगा दे.'

शिमला: नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि खेल के मैदानों और खेल के समानों के इस्तेमाल के लिए सरकार की और से पैसों की मांग को शर्मनाक है. जयराम ठाकुर ने सुक्खू सरकार पर हर वर्ग को परेशान करने का भी आरोप लगाया.

मीडिया से बात करते हुए पूर्व सीएम जयराम ठाकुर ने बताया कि 'टॉयलेट टैक्स के बाद अब सरकार 'खेल-खिलाड़ी टैक्स योजना' लेकर आई है, जिससे तहत खेल और खिलाड़ियों के ऊपर टैक्स लगा रही है. सरकार की तरफ से प्रदेश के लोगों पर हर दिन किसी न किसी तरह का टैक्स लादा जा रहा है. मुख्यमंत्री ‘जनकल्याणकारी राज्य’ की परिभाषा भूल चुके हैं. एक-एक कर हर वर्ग को परेशान करने के बाद अब मुख्यमंत्री की सुई प्रदेश के खेल और खिलाड़ियों पर आकर रुक गई है. एक तरफ केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ‘खेलो इंडिया’ के तहत खेलों को प्रोत्साहित करने के लिए हर साल हजारों करोड़ का अतिरिक्त बजट खर्च कर रही है, दूसरी तरफ सुक्खू की सरकार हिमाचल में खेल और खिलाड़ियों पर टैक्स लगाकर उन्हें प्रदेश की आय का साधन बनाना चाह रही है. इसके पहले भी सुक्खू सरकार अंडर-12 के टूर्नामेंट के आयोजन पर भी रोक लगा चुकी है. खेलों को सुक्खू सरकार हर स्तर पर हतोस्ताहित करना चाहती है. खेलों के प्रति सरकार का यह दृष्टिकोण शर्मनाक है.'

नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि, 'सुक्खू सरकार ने ‘खेल-खिलाड़ी टैक्स योजना’ के तहत खेल के सामान से लेकर मैदान पर टैक्स लगाने का विरोध अब कांग्रेस पार्टी के ही वरिष्ठ नेता कर रहे हैं. उनकी बात मुख्यमंत्री की ओर से अनसुनी की गई होगी, इसीलिए ही उन्हें मीडिया में आकर अपनी बात कहनी पड़ी है. बच्चों के ट्रायल होने हैं तो सरकार द्वारा मैदान का दस हज़ार रुपए का किराया मांगा जा रहा है. इसके अलावा एक प्रतिष्ठित खेल प्रतियोगिता को भी सरकार की ओर से सहयोग न मिलने और खेलों के सामान और मैदान का शुल्क मांगने के कारण अन्य प्रदेश में आयोजित करवानी पड़ रही है. इस तरह से लोगों की आवाज को अनसुना नहीं करना चाहिए. खेल और खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करना चाहिए न कि खेल और खिलाड़ियों पर टैक्स लगाना चाहिए.'

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि, 'सरकार का काम होता है कि वो खेलों को प्रोत्साहित करे. खिलाड़ियों के सर्वांगीण विकास के लिए काम करे न कि उन पर टैक्स लगाकर खेलों को कठिन कर दे और खेलों में रुचि लेने वाले खिलाड़ियों को हतोत्साहित करे. खिलाड़ी अपने लिए नहीं खेलता है, वो अपने प्रदेश और अपने देश के लिए खेलता है. इसलिए प्रदेश का काम है कि उन्हें खेलने के लायक माहौल दे न कि उन पर टैक्स लगा दे.'

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