दौसा: जिले के मेहंदीपुर बालाजी मंदिर में शुक्रवार को बांदीकुई विधायक भाचंद टांकडा, दौसा एसपी रंजीता शर्मा और एडिशनल एसपी लोकेश सोनवाल बालाजी की आराधना करते हुए नजर आए. इस दौरान 2 वर्षीय बच्ची नीरू और उसके परिजन भी मौजूद रहे. दरअसल, पिछले दिनों दौसा के बांदीकुई के वार्ड नंबर 2 में बोरवेल में नीरू नाम की बालिका घर के पास खेत में बने 600 फिट गहरे बोरवेल में गिर गई थी. नीरू के सकुशल बाहर आने को लेकर विधायक और एसपी ने कामना की थी. उनका कहना था कि जब नीरू बोरवेल से सकुशल बाहर आएगी, तब वह मेहंदीपुर बालाजी मंदिर में जाकर पूजा-अर्चना और अनुष्ठान करेंगे.
नीरू के साथ पहुंचे मेहंदीपुर बालाजी: शनिवार को एसपी रंजिता शर्मा, मासूम नीरू गुर्जर को लेकर उनकी मां कविता गुर्जर, पिता राहुल गुर्जर और बांदीकुई विधायक भागचंद टांकडा और उनकी पत्नी मेहंदीपुर बालाजी मंदिर में पहुंची. इस दौरान एसपी रंजिता शर्मा और विधायक भागचंद टांकडा ने सुंदरकांड का पठन किया. साथ ही एसपी रंजीता शर्मा ने बालाजी महाराज की आराधना कर बालिका को सकुशल बाहर निकालने पर भगवान का आभार जताया. वहीं मासूम बच्ची नीरू के सुखद और स्वस्थ जीवन की कामना की.
नीरू के बोरवेल में गिरने की कहानी: इस दौरान ईटीवी भारत से बात करते हुए नीरू की मां कविता गुर्जर ने बताया कि शाम के समय कुछ बच्चों के साथ नीरू खेल रही थी. ऐसे में कुछ देर बाद बच्चे अपने घर चले गए. लेकिन लेकिन नीरू कहीं नजर नहीं आ रही थी. इस दौरान काफी जगह तलाशने पर भी जब नीरू नहीं मिली, तो हमने किसी जंगली जानवर द्वारा नीरू को ले जाने की संभावना जताई. जिसके चलते पूरे बाजरे के खेत में नीरू को तलाश किया.
बोरवेल से आई रोने की आवाज: जब नीरू कहीं पर नहीं मिली, तो बोरवेल के पास से किसी बच्चे के रोने की आवाज आ रही थी. तब बोरवेल के पास जाकर कान लगाकर सुना, तो बोरवेल के अंदर से नीरू के रोने की आवाज आई. ऐसे में घबराते नीरू के बोरवेल में गिरने की सूचना अन्य परिजनों को दी. इसके बाद प्रशासन ने काफी मशक्कत के बाद नीरू को 18 घंटे बाद सकुशल बाहर निकाला. वहीं नीरू के सकुशल बोरवेल से बाहर निकलने के लिए नीरू के पिता राहुल गुर्जर ने प्रशासन के साथ बालाजी महाराज का आभार व्यक्त किया.
बोरवेल से निकलने के बाद मां को नहीं छोड़ती नीरू: नीरू की मां कविता गुर्जर ने बताया कि जब से नीरू को बोरवेल से सकुशल बाहर निकाला है. वह चिड़चिड़ी हो गई है. वहीं घटना से सहमी होने के कारण हमेशा मेरे पास ही रहती है. लेकिन प्रशासन के सहयोग से बच्ची सकुशल है.