भरतपुर. शिक्षा प्रत्येक व्यक्ति का मौलिक अधिकार है, लेकिन महाराजा सूरजमल बृज विश्वविद्यालय के कुलपति की हठधर्मिता के चलते एक छात्र को पीजी पाठ्यक्रम में प्रवेश नहीं मिल पा रहा है. छात्र अब तक प्रदेश के मुख्यमंत्री, गृह राज्य मंत्री समेत तमाम जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों का दरवाजा खटखटा चुका है. यहां तक कि छात्र के प्रवेश के लिए केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय कुमार मिश्रा ने भी कुलपति को पत्र लिखा है. बावजूद इसके छात्र को शिक्षा से वंचित रखा जा रहा है. वहीं, कुलपति प्रो. रमेश चंद्र का आरोप है कि छात्र प्रवेश के लिए योग्य नहीं है. साथ ही कुलपति ने छात्र पर आपराधिक गतिविधियों में लिप्त होने का आरोप लगाया है.
छात्रहित में आवाज उठाने का खामियाजा : छात्र विष्णु कुमार ने बताया कि वो समय-समय पर विद्यार्थियों के हितों की आवाज उठाते रहते हैं. विश्वविद्यालय ने छात्रों का शुल्क बढ़ा दिया था, जिसका उन्होंने विरोध प्रदर्शन किया था. इस बात से कुलपति खफा हैं. यही वजह है कि विष्णु को पाठ्यक्रम में प्रवेश नहीं दिया गया. विश्वविद्यालय परिसर तक में छात्र विष्णु के आने जाने पर पाबंदी लगा दी गई है.
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छात्र विष्णु ने बताया कि एक तरफ तो विश्वविद्यालय के पीजी पाठ्यक्रमों के लिए छात्र उपलब्ध नहीं हो रहे. सीट रिक्त रह जाती हैं और वहीं मेरे स्नातक में 48% अंक व खेल प्रमाण पत्र के बावजूद प्रवेश नहीं दिया जा रहा. इस संबंध में पीड़ित छात्र विष्णु अब तक गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढम, डीग-कुम्हेर विधायक डॉ. शैलेश सिंह, मुख्यमंत्री आदि को ज्ञापन सौंप चुका है. यहां तक कि इस संबंध में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय कुमार मिश्रा ने कुलपति को पत्र भी लिखा है.
कुलपति बोले नहीं देंगे प्रवेश : इस संबंध में जब विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रमेश चंद्र से बात की गई तो उन्होंने कहा कि छात्र कई आपराधिक गतिविधियों में लिप्त है. उसके खिलाफ खुद विश्वविद्यालय ने कुम्हेर थाने में एफआईआर दर्ज कराई है. साथ ही प्रवेश के लिए स्नातक में न्यूनतम 50% अंक होने चाहिए, जो कि उसके नहीं हैं. ऐसे में वो छात्र कहीं से सिफारिश करवा ले हम उसे प्रवेश नहीं देंगे. कुलपति प्रो. रमेश चंद्र का कहना है कि विश्वविद्यालय में नंबर बढ़वाने का भ्रष्टाचार चल रहा है, जिसमें विष्णु व एक अन्य छात्र का भी नाम सामने आ रहा है. इस संबंध में एक जांच कमेटी भी गठित की गई है. जांच कमेटी की रिपोर्ट आने पर कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे.