जयपुर : आनंदपाल एनकाउंटर को लेकर ACJM सीबीआई कोर्ट ने एक बड़ा फैसला सुनाया है. सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट को कोर्ट ने खारिज कर दिया है और एनकाउंटर में शामिल 7 पुलिसकर्मियों के खिलाफ धारा 302 के तहत मुकदमा चलाने और जांच के आदेश दिए हैं.
24 जून 2017 को चूरू के मालासर गांव में एसओजी ने आनंदपाल का एनकाउंटर किया था. राजपूत समाज से जुड़े संगठनों ने इस एनकाउंटर पर सवाल खड़े किए थे. एनकाउंटर के बाद आनंदपाल का शव उसके पैतृक गांव सांवराद में लाया गया था और परिजनों को सुपुर्द कर दिया गया था, लेकिन परिजनों ने इस एनकाउंटर को फर्जी बताया था और आनंदपाल का दाह संस्कार करने से मना कर दिया था. करीब तीन सप्ताह तक आनंदपाल के शव को डीप फ्रीजर में रखा गया था. हालांकि, इसके बाद आनंद पाल के शव का दाह संस्कार कर दिया गया था.
श्रद्धांजलि सभा में प्रदर्शन : इस घटना के बाद सांवराद में राजपूत समाज के हजारों लोग आनंदपाल को श्रद्धांजलि देने के लिए जुटे थे. देखते ही देखते श्रद्धांजलि सभा हिंसक प्रदर्शन में बदल गई. पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हुई इस झड़प में कई पुलिसकर्मी घायल हुए थे. प्रदर्शन कर रहे लोगों ने पुलिस की एक गाड़ी भी फूंक दी थी. इसके बाद हिंसा को देखते हुए कुछ जिलों में इंटरनेट सेवा भी बंद कर दी गई थी. उग्र लोगों ने सांवराद रेलवे स्टेशन पर न सिर्फ रेलवे ट्रैक को उखाड़ दिया, बल्कि बुकिंग काउंटर पर भी तोड़फोड़ और आगजनी की थी.
भीड़ ने नागौर के एसपी परिस देशमुख की गाड़ी को भी आग लगा दी. यही नहीं उत्पाती लोगों ने दो पुलिसकर्मियों के हथियार भी छीन लिए. इस दौरान पुलिस की एक महिला अधिकारी लापता हो गई थी, जबकि इस पूरे हुड़दंग में एक व्यक्ति की भी मौत हो गई थी और 20 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हुए थे. हालात बिगड़ने पर अतिरिक्त पुलिस फोर्स मौके पर तैनात की गई, जिसके बाद स्थिति को संभाला जा सका. इस दौरान और कुछ स्थानों पर कर्फ्यू भी लगाना पड़ा था. राजपूत समाज आनंदपाल एनकाउंटर की जांच CBI से करवाने की मांग कर रहा था और उसके बाद ही सांवराद में हिंसा भड़की थी.