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नवजात की मौत पर हंगामा, परिजनों ने किया प्रदर्शन, सांसद का रोका काफिला - Death of a newborn

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jul 5, 2024, 7:25 PM IST

Updated : Jul 5, 2024, 8:39 PM IST

बारां में एक नवजात की मौत के बाद परिजनों ने हंगामा कर दिया. आक्रोशित परिजनों ने सड़क पर जाम लगा दिया. हंगामें के दौरान सांसद दुष्यंत सिंह का काफिला भी रोक दिया.

नवजात की मौत पर हंगामा
नवजात की मौत पर हंगामा (ETV Bharat Baran)

बारां. जिला अस्पताल में शुक्रवार को प्रसव के बाद नवजात की मौत हो गई. मौत से अक्रोशित परिजनों ने अस्पताल में कार्यरत स्टाफ पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा कर दिया और नवजात के शव सड़क पर रख अस्पताल रोड पर जाम लगा दिया. इस दौरान बारां-झालावाड़ सांसद दुष्यंत सिंह का काफिला भी परिजनों ने रोक दिया. उनके काफिले की गाड़ियां काफी देर तक जाम में फंसी रही. हंगामा कर रहे परजिनों ने आरोप लगाया कि अस्पताल में उपचार के लिए पैसे मांगे गए.

मातृ एवं शिशु संस्थान के प्रभारी डॉक्टर रवि मीणा का कहना है कि भेसड़ा निवासी देवेन्द्र मीणा की पत्नी को प्रसव हुआ था. प्रसव के 15-20 मिनट बाद ही उसे कोटा के लिए रेफर कर दिया गया था, लेकिन यह लोग कोटा ना जाकर पास में ही दूसरे अस्पताल में चले गए, जहां बच्चे की मौत हुई है. स्टाफ के द्वारा पैसे मांगने पर रवि मीणा का कहना है कि लिखित में शिकायत नहीं मिली है, अगर शिकायत मिलेगी, तो जांच की जाएगी और कार्रवाई होगी.

इसे भी पढ़ें- नवजात की अदला बदली से अस्पताल में परिजनों ने किया हंगामा,अधीक्षक ने कही जांच की बात - Newborns exchanged in Jhalawar

काफी देर तक चली कशमकश : नवजात की मौत के बाद आक्रोशित परिजनों का आरोप है कि अगर समय पर उन्हें रेफर कर दिया जाता, तो नवजात की मौत नहीं होती. इसके साथ ही चिकित्सकों और अन्य स्टाफ पर भी कार्रवाई की मांग उन्होंने की है. इसी दौरान पांचवीं बार सांसद का चुनाव जीतने के बाद दुष्यंत सिंह पहली बार बारां आए थे, उनका काफिला अस्पताल रोड से गुजर रहा था. इस काफिले को इन लोगों ने रोक लिया. काफी देर तक हंगामा जैसी स्थिति भी बनी रही और सांसद के काफिले में शामिल अन्य गाड़ियां भी रुक गई थी. यह लोग जिला कलेक्टर से ही उनके चेंबर में बातचीत करवाने की बात को अड़ गए. इस दौरान सांसद के साथ मौजूद पूर्व जिला अध्यक्ष जगदीश मीणा अस्पताल में अधिकारियों से बातचीत करने भी गए. जहां भी परिजनों ने इस मामले में जांच कमेटी गठित करने और दोषी चिकित्सकों के खिलाफ कार्रवाई की मांग उठा दी.

पुलिस कर्मियों से भी हुई बहसः सांसद दुष्यंत सिंह का काफिला रोकने पर पुलिस कर्मियों ने इन लोगों को समझाया व हटाने का प्रयास किया, लेकिन लोग सुनने को तैयार नहीं थे. इस दौरान सांसद दुष्यंत सिंह गाड़ी से नीचे नहीं आए, लेकिन बारी-बारी से भाजपा के कई नेता इन लोगों को समझाइश के लिए आते रहे. हंगामे के दौरान बारां- झालावाड़ के संगठन प्रभारी छगन माहुर, भाजपा जिला अध्यक्ष नंदलाल सुमन, प्रधान मोरपाल सुमन, पूर्व जिला अध्यक्ष नरेश सिंह सिकरवार व निर्मल माथोडिया भी आए.

बारां. जिला अस्पताल में शुक्रवार को प्रसव के बाद नवजात की मौत हो गई. मौत से अक्रोशित परिजनों ने अस्पताल में कार्यरत स्टाफ पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा कर दिया और नवजात के शव सड़क पर रख अस्पताल रोड पर जाम लगा दिया. इस दौरान बारां-झालावाड़ सांसद दुष्यंत सिंह का काफिला भी परिजनों ने रोक दिया. उनके काफिले की गाड़ियां काफी देर तक जाम में फंसी रही. हंगामा कर रहे परजिनों ने आरोप लगाया कि अस्पताल में उपचार के लिए पैसे मांगे गए.

मातृ एवं शिशु संस्थान के प्रभारी डॉक्टर रवि मीणा का कहना है कि भेसड़ा निवासी देवेन्द्र मीणा की पत्नी को प्रसव हुआ था. प्रसव के 15-20 मिनट बाद ही उसे कोटा के लिए रेफर कर दिया गया था, लेकिन यह लोग कोटा ना जाकर पास में ही दूसरे अस्पताल में चले गए, जहां बच्चे की मौत हुई है. स्टाफ के द्वारा पैसे मांगने पर रवि मीणा का कहना है कि लिखित में शिकायत नहीं मिली है, अगर शिकायत मिलेगी, तो जांच की जाएगी और कार्रवाई होगी.

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काफी देर तक चली कशमकश : नवजात की मौत के बाद आक्रोशित परिजनों का आरोप है कि अगर समय पर उन्हें रेफर कर दिया जाता, तो नवजात की मौत नहीं होती. इसके साथ ही चिकित्सकों और अन्य स्टाफ पर भी कार्रवाई की मांग उन्होंने की है. इसी दौरान पांचवीं बार सांसद का चुनाव जीतने के बाद दुष्यंत सिंह पहली बार बारां आए थे, उनका काफिला अस्पताल रोड से गुजर रहा था. इस काफिले को इन लोगों ने रोक लिया. काफी देर तक हंगामा जैसी स्थिति भी बनी रही और सांसद के काफिले में शामिल अन्य गाड़ियां भी रुक गई थी. यह लोग जिला कलेक्टर से ही उनके चेंबर में बातचीत करवाने की बात को अड़ गए. इस दौरान सांसद के साथ मौजूद पूर्व जिला अध्यक्ष जगदीश मीणा अस्पताल में अधिकारियों से बातचीत करने भी गए. जहां भी परिजनों ने इस मामले में जांच कमेटी गठित करने और दोषी चिकित्सकों के खिलाफ कार्रवाई की मांग उठा दी.

पुलिस कर्मियों से भी हुई बहसः सांसद दुष्यंत सिंह का काफिला रोकने पर पुलिस कर्मियों ने इन लोगों को समझाया व हटाने का प्रयास किया, लेकिन लोग सुनने को तैयार नहीं थे. इस दौरान सांसद दुष्यंत सिंह गाड़ी से नीचे नहीं आए, लेकिन बारी-बारी से भाजपा के कई नेता इन लोगों को समझाइश के लिए आते रहे. हंगामे के दौरान बारां- झालावाड़ के संगठन प्रभारी छगन माहुर, भाजपा जिला अध्यक्ष नंदलाल सुमन, प्रधान मोरपाल सुमन, पूर्व जिला अध्यक्ष नरेश सिंह सिकरवार व निर्मल माथोडिया भी आए.

Last Updated : Jul 5, 2024, 8:39 PM IST
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