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दिल्ली: सजा समीक्षा बोर्ड मीटिंग के बाद 14 दोषियों की समय पूर्व रिहाई की LG से सिफारिश - Sentence Review Board meeting - SENTENCE REVIEW BOARD MEETING

Sentence Review Board meeting: दिल्ली सरकार ने सजा समीक्षा बोर्ड की मीटिंग के बाद 14 दोषियों की समय पूर्व रिहाई के लिए LG से सिफारिश किया है.

दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना
दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jun 11, 2024, 8:38 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली सरकार के अधीन आने वाले गृह विभाग द्वारा मंगलवार को 14 दोषियों की समय पूर्व रिहाई का प्रस्ताव उपराज्यपाल के पास भेजा गया है. उल्लेखनीय है कि वैधानिक प्रावधानों का अनुपालन करते हुए दिल्ली के गृह मंत्री कैलाश गहलोत ने 23 फरवरी को सजा समीक्षा बोर्ड (एसआरबी) मीटिंग की अध्यक्षता की थी. जिसमें कुल 92 मामलों पर विचार किया गया था और 14 मामलों में दोषियों को समय से पहले जेल से रिहा करने की सिफारिश की गई थी.

ये भी पढ़ें: दिल्ली सरकार ने रिहा किए 47 कैदी, पाकिस्तानी कैदियों पर इस बार भी रहम नहीं

इस मीटिंग में बोर्ड के अन्य सदस्य, अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह), महानिदेशक (जेल), प्रधान सचिव (कानून), प्रधान जिला न्यायाधीश, स्पेशल कमिश्नर (पुलिस) एवं निदेशक (समाज कल्याण) भी शामिल हुए. दिल्ली के गृह विभाग के मंत्री कैलाश गहलोत का कहना है सजा समीक्षा बोर्ड ने न्याय और पुनर्वास के सिद्धांतों को ध्यान में रखते हुए प्रत्येक मामले को उसके इंडिविजुअल मेरिट के आधार पर गहनता से विचार किया है.

प्रस्ताव में कहा गया है कि वैसे कैदी जिनमें कारावास के दौरान वास्तविक सुधार और पश्चाताप दिखा है, उनकी समय पूर्व रिहाई के द्वारा हम उन्हें समाज की मुख्यधारा से जुड़ने का एक और मौक़ा देना चाहते हैं. इसके साथ ही इससे जेल पर बोझ को कम करने में भी मदद मिलेगी. बता दें कि दिल्ली की तिहाड़ जेल में क्षमता से अधिक कैदी हैं. इस जेल की क्षमतादिल्ली सरकार ने रिहा किए 47 कैदी, पाकिस्तानी कैदियों पर इस बार भी रहम नहीं सिर्फ 10 हजार कैदियों की है, जबकि यहां करीब 14 हजार कैदी रखे जा रहे हैं. कोरोना महामारी के समय यहां पर सोशल डिस्टेंसिंग की गंभीर समस्या उत्पन्न हो गई थी और करीब चार हजार कैदियों को पैरोल पर छोड़ना पड़ा था.

ये भी पढ़ें: दिल्ली के ककरोला में जल्द पूरा होगा सड़क निर्माण कार्य, कैलाश गहलोत ने दी जानकारी

नई दिल्ली: दिल्ली सरकार के अधीन आने वाले गृह विभाग द्वारा मंगलवार को 14 दोषियों की समय पूर्व रिहाई का प्रस्ताव उपराज्यपाल के पास भेजा गया है. उल्लेखनीय है कि वैधानिक प्रावधानों का अनुपालन करते हुए दिल्ली के गृह मंत्री कैलाश गहलोत ने 23 फरवरी को सजा समीक्षा बोर्ड (एसआरबी) मीटिंग की अध्यक्षता की थी. जिसमें कुल 92 मामलों पर विचार किया गया था और 14 मामलों में दोषियों को समय से पहले जेल से रिहा करने की सिफारिश की गई थी.

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इस मीटिंग में बोर्ड के अन्य सदस्य, अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह), महानिदेशक (जेल), प्रधान सचिव (कानून), प्रधान जिला न्यायाधीश, स्पेशल कमिश्नर (पुलिस) एवं निदेशक (समाज कल्याण) भी शामिल हुए. दिल्ली के गृह विभाग के मंत्री कैलाश गहलोत का कहना है सजा समीक्षा बोर्ड ने न्याय और पुनर्वास के सिद्धांतों को ध्यान में रखते हुए प्रत्येक मामले को उसके इंडिविजुअल मेरिट के आधार पर गहनता से विचार किया है.

प्रस्ताव में कहा गया है कि वैसे कैदी जिनमें कारावास के दौरान वास्तविक सुधार और पश्चाताप दिखा है, उनकी समय पूर्व रिहाई के द्वारा हम उन्हें समाज की मुख्यधारा से जुड़ने का एक और मौक़ा देना चाहते हैं. इसके साथ ही इससे जेल पर बोझ को कम करने में भी मदद मिलेगी. बता दें कि दिल्ली की तिहाड़ जेल में क्षमता से अधिक कैदी हैं. इस जेल की क्षमतादिल्ली सरकार ने रिहा किए 47 कैदी, पाकिस्तानी कैदियों पर इस बार भी रहम नहीं सिर्फ 10 हजार कैदियों की है, जबकि यहां करीब 14 हजार कैदी रखे जा रहे हैं. कोरोना महामारी के समय यहां पर सोशल डिस्टेंसिंग की गंभीर समस्या उत्पन्न हो गई थी और करीब चार हजार कैदियों को पैरोल पर छोड़ना पड़ा था.

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