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राज्यसभा इलेक्शन में बगावत का इनाम! सपा के 3 और विधायकों को Y कैटेगरी की सुरक्षा, कमांडो लगाए - SP MLA Cross Voting

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Mar 23, 2024, 2:09 PM IST

Updated : Mar 23, 2024, 2:23 PM IST

सपा प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने भी बागी विधायकों पर तंज कसते हुए केंद्रीय सुरक्षा दिलाई जाने की बात कही थी. मनोज पाण्डेय सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के बेहद करीबी रहे हैं. वो सपा में मुख्य सचेतक के पद पर थे.

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लखनऊ: समाजवादी पार्टी के बागी विधायक राकेश सिंह, मनोज पाण्डेय, विनोद चतुर्वेदी को Y श्रेणी की सुरक्षा मिली है. अब सीआरपीएफ के जवान सपा के बागी विधायको की सुरक्षा में रहेंगे. पिछले दिनों राज्यसभा के चुनाव के दौरान इन सभी विधायकों ने सपा से बगावात कर बीजेपी प्रत्याशी को वोट दिया था.

इसके बाद से ही बागी विधायकों को सुरक्षा मिलने की चर्चाएं चल रही थी. अब ये विधायक केंद्रीय सुरक्षा बल के सुरक्षा घेरे में रहेंगे. सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी बागी विधायकों पर तंज कसते हुए केंद्रीय सुरक्षा दिलाई जाने की बात कही थी. इससे पहले सपा के बागी विधायक अभय सिंह को वाई श्रेणी की सुरक्षा मिली थी.

अखिलेश के करीबी रहे थे मनोज पांडेय: मनोज पाण्डेय सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के बेहद करीबी रहे हैं. वो सपा में मुख्य सचेतक के पद पर थे. रायबरेली में जन्मे मनोज पांडेय 2012 के विधानसभा चुनाव में पहली बार जीते थे. इसके बाद अखिलेश सरकार में उन्हें मंत्री बनाया गया था.

साल 2017, 2022 में भी चुनाव लड़ा और इसमें भी बड़े अंतर से उन्होंने जीत दर्ज की. मनोज कुमार पाण्डेय का जन्म 15 अप्रैल, 1968 रायबरेली जिले में डॉ. रमाकान्त पाण्डेय के घर में हुआ था. मनोज कुमार पाण्डेय स्नातकोत्तर के साथ ही पीएचडी डिग्रीधारक हैं.

इनका विवाह 1 मई, 1995 को नीलम पांडेय के साथ हुआ है. इनके जीवकोपार्जन का साधन कृषि और उद्योग है. सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव के बेहद नजदीकी माने जाने वाले मनोज पांडेय ने राज्यसभा चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार को वोट कर बगावत की थी. वह राज्यसभा चुनाव से पहले सपा कार्यालय में आयोजित बैठक में नहीं पहुंचे थे और अपने पद से इस्तीफा दे दिया था.

राकेश प्रताप सिंह तीन बार रहे विधायक: राकेश प्रताप सिंह का जन्‍म 30 जून 1976 प्रदेश के अमेठी जिले के मऊ में तेज प्रताप सिंह के घर हुआ. राकेश प्रताप सिंह वर्तमान समय में गौरीगंज निर्वाचन क्षेत्र से सपा विधायक हैं. 2012 में राकेश प्रताप सिंह पहली बार गौरीगंज सीट से चुनाव लड़े थे और पहली बार में जीत हासिल कर विधायक बने थे.

2017 में दोबारा विधायक बने. इसके कुछ समय बाद उन्‍होंने भाजपा पर जनता से किए वादे ना पूरा करने का हवाला देकर 31 अक्‍टूबर 2021 को यूपी विधानसभा से इस्‍तीफा दे दिया था. 2022 के विधानसभा चुनाव में योगी लहर में सिंह ने भाजपा उम्‍मीदवार चंद्र पकाश मटियारी को 6,963 वोटों से हराया था.

कांग्रेस से सपा में आए थे विनोद चतुर्वेदी: जालौन के कालपी से विधायक विनोद चतुर्वेदी ने भी राज्यसभा चुनाव में अंतर आत्मा की आवाज पर वोटिंग की थी. चतुर्वेदी के क्रॉस वोटिंग करने के पीछे स्थानीय समीकरण बताया जा रहा था. 2022 में चतुर्वेदी ने सपा के सिंबल पर चुनाव लड़ कर निषाद पार्टी के छोटे सिंह को हराया था. हालांकि, जीत का मार्जिन काफी कम था. चतुर्वेदी सपा में आने से पहले कांग्रेस में थे. विनोद चतुर्वेदी 2007 में पहली बार विधायक बने.

क्या होती है वाई श्रेणी की सुरक्षा: वाई श्रेणी की सुरक्षा में 11 सुरक्षाकर्मी होते हैं, जिनमें एक या दो कमांडो और पुलिस कर्मचारी भी होते हैं. इसके तहत दो निजी सुरक्षा अधिकारियों का ऑफर भी रहता है. सुरक्षा की जिम्‍मेदारी निभाने वालों में एनएसजी कमांडो से लेकर अन्‍य एजेंसियों से जुड़े जवान व अधिकारी शामिल होते हैं, जिनकी तैनाती खतरों को देखते हुए की जाती है.

ये भी पढ़ेंः राज्यसभा चुनाव 2024 में भाजपा प्रत्याशी को दिया था वोट, सपा विधायक अभय सिंह को मिली Y श्रेणी सुरक्षा

लखनऊ: समाजवादी पार्टी के बागी विधायक राकेश सिंह, मनोज पाण्डेय, विनोद चतुर्वेदी को Y श्रेणी की सुरक्षा मिली है. अब सीआरपीएफ के जवान सपा के बागी विधायको की सुरक्षा में रहेंगे. पिछले दिनों राज्यसभा के चुनाव के दौरान इन सभी विधायकों ने सपा से बगावात कर बीजेपी प्रत्याशी को वोट दिया था.

इसके बाद से ही बागी विधायकों को सुरक्षा मिलने की चर्चाएं चल रही थी. अब ये विधायक केंद्रीय सुरक्षा बल के सुरक्षा घेरे में रहेंगे. सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी बागी विधायकों पर तंज कसते हुए केंद्रीय सुरक्षा दिलाई जाने की बात कही थी. इससे पहले सपा के बागी विधायक अभय सिंह को वाई श्रेणी की सुरक्षा मिली थी.

अखिलेश के करीबी रहे थे मनोज पांडेय: मनोज पाण्डेय सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के बेहद करीबी रहे हैं. वो सपा में मुख्य सचेतक के पद पर थे. रायबरेली में जन्मे मनोज पांडेय 2012 के विधानसभा चुनाव में पहली बार जीते थे. इसके बाद अखिलेश सरकार में उन्हें मंत्री बनाया गया था.

साल 2017, 2022 में भी चुनाव लड़ा और इसमें भी बड़े अंतर से उन्होंने जीत दर्ज की. मनोज कुमार पाण्डेय का जन्म 15 अप्रैल, 1968 रायबरेली जिले में डॉ. रमाकान्त पाण्डेय के घर में हुआ था. मनोज कुमार पाण्डेय स्नातकोत्तर के साथ ही पीएचडी डिग्रीधारक हैं.

इनका विवाह 1 मई, 1995 को नीलम पांडेय के साथ हुआ है. इनके जीवकोपार्जन का साधन कृषि और उद्योग है. सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव के बेहद नजदीकी माने जाने वाले मनोज पांडेय ने राज्यसभा चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार को वोट कर बगावत की थी. वह राज्यसभा चुनाव से पहले सपा कार्यालय में आयोजित बैठक में नहीं पहुंचे थे और अपने पद से इस्तीफा दे दिया था.

राकेश प्रताप सिंह तीन बार रहे विधायक: राकेश प्रताप सिंह का जन्‍म 30 जून 1976 प्रदेश के अमेठी जिले के मऊ में तेज प्रताप सिंह के घर हुआ. राकेश प्रताप सिंह वर्तमान समय में गौरीगंज निर्वाचन क्षेत्र से सपा विधायक हैं. 2012 में राकेश प्रताप सिंह पहली बार गौरीगंज सीट से चुनाव लड़े थे और पहली बार में जीत हासिल कर विधायक बने थे.

2017 में दोबारा विधायक बने. इसके कुछ समय बाद उन्‍होंने भाजपा पर जनता से किए वादे ना पूरा करने का हवाला देकर 31 अक्‍टूबर 2021 को यूपी विधानसभा से इस्‍तीफा दे दिया था. 2022 के विधानसभा चुनाव में योगी लहर में सिंह ने भाजपा उम्‍मीदवार चंद्र पकाश मटियारी को 6,963 वोटों से हराया था.

कांग्रेस से सपा में आए थे विनोद चतुर्वेदी: जालौन के कालपी से विधायक विनोद चतुर्वेदी ने भी राज्यसभा चुनाव में अंतर आत्मा की आवाज पर वोटिंग की थी. चतुर्वेदी के क्रॉस वोटिंग करने के पीछे स्थानीय समीकरण बताया जा रहा था. 2022 में चतुर्वेदी ने सपा के सिंबल पर चुनाव लड़ कर निषाद पार्टी के छोटे सिंह को हराया था. हालांकि, जीत का मार्जिन काफी कम था. चतुर्वेदी सपा में आने से पहले कांग्रेस में थे. विनोद चतुर्वेदी 2007 में पहली बार विधायक बने.

क्या होती है वाई श्रेणी की सुरक्षा: वाई श्रेणी की सुरक्षा में 11 सुरक्षाकर्मी होते हैं, जिनमें एक या दो कमांडो और पुलिस कर्मचारी भी होते हैं. इसके तहत दो निजी सुरक्षा अधिकारियों का ऑफर भी रहता है. सुरक्षा की जिम्‍मेदारी निभाने वालों में एनएसजी कमांडो से लेकर अन्‍य एजेंसियों से जुड़े जवान व अधिकारी शामिल होते हैं, जिनकी तैनाती खतरों को देखते हुए की जाती है.

ये भी पढ़ेंः राज्यसभा चुनाव 2024 में भाजपा प्रत्याशी को दिया था वोट, सपा विधायक अभय सिंह को मिली Y श्रेणी सुरक्षा

Last Updated : Mar 23, 2024, 2:23 PM IST
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