लखनऊ: लोकसभा चुनाव खत्म होते ही सीएम योगी आदित्यनाथ ने डीजीपी और गृह विभाग के साथ बैठक की थी. जिसके बाद डीजीपी ने सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों व जोनल एडीजी व आईजी की मीटिंग लेकर उनके पेंच कसे थे. अब माना जा रहा है कि आचार संहिता के दौरान जिन जिलों में अपराधिक घटनाएं सामने आईं और पुलिस की लचर कार्यप्रणाली दिखी, उन जिलों के पुलिस कप्तानों पर तलवार चल सकती है.
सूत्रों के मुताबिक, अगले एक हफ्ते में उत्तर प्रदेश के पुलिस महकमे में बड़े स्तर पर तबादले किए जाएंगे. डीजीपी मुख्यालय और गृह विभाग अफसरों की स्क्रीनिंग कर रहे हैं. जिसके बाद रिपोर्ट सीएम ऑफिस भेजी जाएगी. इसमें पश्चिम व अवध के जिलों के कई पुलिस कप्तान शामिल हैं.
इसके अलावा दो पुलिस कमिश्नरेट में तैनात कई आईपीएस अफसरों को भी हटाए जाने के संकेत मिल रहे हैं. वहीं पूर्वी व पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अलावा अवध क्षेत्र के कई आईजी रेंज भी बदले जा सकते हैं. दरअसल, इन जिलों के कई पुलिस अफसरों की शिकायत मुख्यमंत्री कार्यालय को मिली थी, जिसमें चुनाव के दौरान की गई द्वेषपूर्ण कार्रवाई, मुख्यालय स्तर से जारी किए गए निर्देशों की अनदेखी शामिल है.
हालांकि, आचार संहिता लागू होने के बाद यूपी में कुछ फेरबदल किए गए थे, जो चुनाव आयोग की मंजूरी के बाद हुए थे. इसमें प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद को आयोग के निर्देश पर हटाने के बाद दीपक कुमार को अपर मुख्य सचिव गृह की जिम्मेदारी दी गई थी. इसके अलावा केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से वापस आए पीवी रामशास्त्री को डीजी जेल और एसएन साबत को डीजी सीबीसीआईडी बनाया गया था.
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