जयपुर. गांवों में हर घर तक नल से जल पहुंचाने की महत्वाकांक्षी योजना जल जीवन मिशन में करोड़ों रुपए के घोटाले के आरोपों की अब सीबीआई भी जांच करेगी. सीबीआई ने इस मामले को लेकर केस दर्ज कर लिया है. सबसे पहले भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने जल जीवन मिशन में घूसखोरी और कमीशनखोरी को लेकर ट्रैप की कार्रवाई की थी और मुकदमा दर्ज किया था. इसके बाद प्रवर्तन निदेशालय ने भी अवैध रूप से धन के लेनदेन का मुकदमा दर्ज किया था. दोनों एजेंसियां इस मामले में जांच कर रही हैं. अब सीबीआई ने भी केस दर्ज कर लिया है. दरअसल, राज्य सरकार ने 18 मार्च को इस मामले की सीबीआई जांच की सिफारिश की थी. जिसके बाद सीबीआई ने केस दर्ज किया है. सीबीआई के सूत्रों के अनुसार फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र के आधार पर टेंडर लेने को लेकर केस दर्ज किया गया है.
एसीबी ने इंजीनियर्स को घूस लेते पकड़ा था : जल जीवन मिशन में गड़बड़ी का खुलासा तब हुआ जब पिछले साल 6 अगस्त को एसीबी ने पीएचईडी के एक्सईएन मायालाल सैनी और जेईएन प्रदीप कुमार को ठेकेदार पदमचंद जैन से 2.20 लाख रुपए की घूस लेते पकड़ा था. इस कार्रवाई में अन्य लोगों को भी गिरफ्तार किया गया था. बाद में सामने आया कि फर्जी प्रमाण पत्र लगाकर 900 करोड़ रुपए के टेंडर लिए गए हैं. इसके साथ ही हरियाणा से चोरी के पाइप बिछाने का भी खुलासा हुआ था.
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ईडी ने जब्त किया 1 किलो सोना, 2.5 करोड़ नकद : जल जीवन मिशन में घोटाले और अवैध रूप से धन के लेनदेन को लेकर ईडी ने भी मुकदमा दर्ज किया है. विधानसभा चुनाव से पहले सितंबर 2023 में ईडी ने जयपुर सहित कई शहरों में छापेमारी की थी. इस कार्रवाई में अलग-अलग जगहों से ईडी ने 2.50 करोड़ की नकदी और एक किलो सोना जब्त किया था. इसके अलावा बड़ी संख्या में संपत्ति के दस्तावेज भी मिले थे.
पूर्व मंत्री महेश जोशी तक पहुंची थी जांच : ईडी ने इस मामले में पूर्व पीएचईडी मंत्री महेश जोशी के घर पर भी तलाशी ली थी. इसके अलावा महेश मित्तल, संजय बड़ाया, कल्याण सिंह कविया, विशाल सक्सेना, मायालाल सैनी, पदमचंद जैन, सुरेश शर्मा और अभिताभ कौशिक के ठिकानों पर भी तलाशी ली थी. जांच और पूछताछ के बाद ईडी ने महेश जोशी को पूछताछ के लिए भी बुलाया था. हालांकि, वे अभी तक ईडी के समक्ष पूछताछ के लिए पेश नहीं हुए.