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हमीरपुर: शादी के 2 साल बाद करगिल युद्ध में मिली थी शहादत, परिवार की आंखें आज भी हैं नम - kargil war

करगिल युद्ध में 527 वीर जवानों की शहादत हुई थी. इस लड़ाई में हिमाचल के भी 52 सैनिक शहीद हुए थे. इन शहीदों में हमीरपुर के बड़सर उपमंडल के प्रवीण कुमार का नाम भी शामिल था. प्रवीण कुमार 13 जैक राइफल्स में भर्ती हुए थे. शादी के महज 2 साल बाद वो शहीद हो गए थे.

करगिल शहीद प्रवीण कुमार का परिवार
करगिल शहीद प्रवीण कुमार का परिवार (ईटीवी भारत)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Jul 25, 2024, 6:27 PM IST

Updated : Jul 25, 2024, 7:57 PM IST

शहीद प्रवीण कुमार का परिवार (ईटीवी भारत)

हमीरपुर: हिमाचल प्रदेश के जिला हमीरपुर के बड़सर उपमंडल के गांव सुनहाणी के प्रवीण कुमार ने कारगिल युद्ध में अपने प्राणों की आहुति देकर सर्वोच्च बलिदान दिया था. कारगिल विजय दिवस के मौके पर प्रवीण कुमार की शाहदत से आज भी परिजनों की आंखें नम हो जाती हैं. शहीद प्रवीण की शहादत पर उनकी पत्नी किरण कुमार और बेटी निशा कुमारी आज भी नाज करती हैं.

शहीद प्रवीण की बेटी निशा पिता की तरह सेना में भर्ती होना चाहती हैं. वहीं, शहीद प्रवीण कुमार की पत्नी किरण कुमारी ने बताया कि जब उन्हें अपने पति की शहादत का पता चला तो वो चक्कर खाकर गिर गई थीं, लेकिन पति के शहीद होने से बहुत सदमा लगा था, उनकी कमी कभी भी पूरी नहीं हो सकती है. उनकी शहीदी पर आज वह फक्र करती हैं कि उनके पति ने देश के लिए अपने प्राणों की आहुति दी है.

वहीं, शहीद प्रवीण कुमार की बेटी निशा कुमारी ने बताया कि पिता की शहदत के समय वह बहुत छोटी थी, लेकिन आज वो अपने पिता की शहादत पर नाज करती हैं. वो बीएससी नर्सिंग की पढ़ाई कर भारतीय सेना में भर्ती होकर देश की सेवा करना चाहती हैं. गौरतलब है कि शहीद प्रवीण कुमार का जन्म 21 जून, 1970 को माता सत्या देवी एवं पिता स्व. ईश्वर दास के घर गांव सुन्हाणी, तहसील बड़सर, जिला हमीरपुर में हुआ था. प्रवीण ने अपनी पढ़ाई सीनियर सेकेंडरी स्कूल कुल्हेडा से की थी.

प्रवीण कुमार शुरू से ही देश की सेवा करना चाहते थे. शहीद प्रवीण कुमार 26 अक्टूबर 1990 को 21 वर्ष की आयु में 13 जैक राइफल्स में भर्ती हुए. बता दें कि कैप्टन विक्रम बत्रा भी 13 जैक राइफल में थे. 28 वर्ष की आयु में शहीद हुए प्रवीण कुमार का विवाह किरण कुमारी से हुआ थे. विवाह के 2 वर्ष बाद ही प्रवीण कुमार 6 जुलाई 1999 में कारगिल युद्ध में वीरगति को प्राप्त हुए. जब प्रवीण कुमार की शहादत हुई तो उनकी बेटी मात्र एक वर्ष की थी.

ये भी पढ़ें: करगिल युद्ध में भारत ने ऐसे 'धोया' था पाकिस्तान, अमेरिका से भी पड़ी थी 'लात'

शहीद प्रवीण कुमार का परिवार (ईटीवी भारत)

हमीरपुर: हिमाचल प्रदेश के जिला हमीरपुर के बड़सर उपमंडल के गांव सुनहाणी के प्रवीण कुमार ने कारगिल युद्ध में अपने प्राणों की आहुति देकर सर्वोच्च बलिदान दिया था. कारगिल विजय दिवस के मौके पर प्रवीण कुमार की शाहदत से आज भी परिजनों की आंखें नम हो जाती हैं. शहीद प्रवीण की शहादत पर उनकी पत्नी किरण कुमार और बेटी निशा कुमारी आज भी नाज करती हैं.

शहीद प्रवीण की बेटी निशा पिता की तरह सेना में भर्ती होना चाहती हैं. वहीं, शहीद प्रवीण कुमार की पत्नी किरण कुमारी ने बताया कि जब उन्हें अपने पति की शहादत का पता चला तो वो चक्कर खाकर गिर गई थीं, लेकिन पति के शहीद होने से बहुत सदमा लगा था, उनकी कमी कभी भी पूरी नहीं हो सकती है. उनकी शहीदी पर आज वह फक्र करती हैं कि उनके पति ने देश के लिए अपने प्राणों की आहुति दी है.

वहीं, शहीद प्रवीण कुमार की बेटी निशा कुमारी ने बताया कि पिता की शहदत के समय वह बहुत छोटी थी, लेकिन आज वो अपने पिता की शहादत पर नाज करती हैं. वो बीएससी नर्सिंग की पढ़ाई कर भारतीय सेना में भर्ती होकर देश की सेवा करना चाहती हैं. गौरतलब है कि शहीद प्रवीण कुमार का जन्म 21 जून, 1970 को माता सत्या देवी एवं पिता स्व. ईश्वर दास के घर गांव सुन्हाणी, तहसील बड़सर, जिला हमीरपुर में हुआ था. प्रवीण ने अपनी पढ़ाई सीनियर सेकेंडरी स्कूल कुल्हेडा से की थी.

प्रवीण कुमार शुरू से ही देश की सेवा करना चाहते थे. शहीद प्रवीण कुमार 26 अक्टूबर 1990 को 21 वर्ष की आयु में 13 जैक राइफल्स में भर्ती हुए. बता दें कि कैप्टन विक्रम बत्रा भी 13 जैक राइफल में थे. 28 वर्ष की आयु में शहीद हुए प्रवीण कुमार का विवाह किरण कुमारी से हुआ थे. विवाह के 2 वर्ष बाद ही प्रवीण कुमार 6 जुलाई 1999 में कारगिल युद्ध में वीरगति को प्राप्त हुए. जब प्रवीण कुमार की शहादत हुई तो उनकी बेटी मात्र एक वर्ष की थी.

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Last Updated : Jul 25, 2024, 7:57 PM IST
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