कुल्लू: अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव में इस बार शमशर से 10 सालों के बाद गढ़पति देवता शमशरी महादेव भी भाग लेंगे. इसके लिए देवता के कारकूनों ने हामी भर दी है. शमशरी महादेव को दशहरा उत्सव समिति की ओर हर साल निमंत्रण भेजा जाता है. खर्चा अधिक होने के कारण देवता दशहरा उत्सव में भाग लेने को नहीं आता थे, लेकिन इस बार देवता दशहरा उत्सव में भाग लेंगे. पहले शमशरी महादेव दशहरा उत्सव में भाग लेने के लिए आते थे, लेकिन वर्ष 2014 से देवता ने दशहरा उत्सव में भाग नहीं लिया था.
13 से 19 अक्टूबर तक मनाए जाने वाले देवी-देवताओं के महाकुंभ अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव के लिए जिले के 332 देवी-देवताओं को निमंत्रण पत्र भेजे गए हैं. इसमें कई देवी देवता निमंत्रण मिलने के बाद भी दशहरा उत्सव में भाग लेने के लिए नहीं आते हैं. जिला भर के देवी-देवताओं के कारदारों को निमंत्रण प्राप्त होने पर दशहरा उत्सव की तैयारियां भी शुरू हो गई हैं. उत्सव में जहां अराध्य देवता शमशरी महादेव, देवता खुडीजल, व्यास ऋषि, टकरासी नाग, कोट पुझारी, देवता चोतरू नाग, सप्तऋषि और देवता चंभु आदि देवी देवता भाग लेंगे. जिला कुल्लू के आउटर सराज आनी-निरमंड के एक दर्जन देवी देवता भी दशहरा उत्सव की शोभा बढ़ाएंगे.
कारकूनों ने देखी देवता की जगह
आनी से शमशरी महादेव के कारकून सोमवार को कुल्लू आए, जिन्होंने देवता की जगह को देखा और वहां पर कुछ कार्य करने की बात कही है. वर्षों से देवता शमशरी महादेव इसी जगह पर विराजमान होते हैं. अब वहां पर कोई अन्य देवता विराजमान होते थे. ऐसे में इस बार शमशरी महादेव के आने से यह जगह दूसरे देवता को छोड़नी होगी. आउटर सिराज की ओर देवता के साथ हजारों लोगों के आने की उम्मीद है.
पिछले साल यह देवता सालों बाद पहुंचे
वर्ष 2023 में 50 साल बाद शाट के देवता गौत्तम ऋषि, सिमसा के कार्तिक स्वामी 32 साल और निरमंड क्षेत्र से देवता मार्कंडेय 40 साल बाद मेले में विराजमान हुए थे. कई सालों बाद उन्होंने दशहरा उत्सव में विराजमान होकर शोभा बढ़ाई थी. इस बार भी कई देवी देवता भाग ले सकते हैं. देवी देवता कारदार संघ, कुल्लू अंतरराष्ट्रीय दशहरा के अध्यक्ष दोत राम ठाकुर ने कहा कि दशहरा उत्सव के लिए जिला भर से देवी-देवता भाग लेंगे. देवी-देवता से ही दशहरा उत्सव की शोभा बढ़ती है. इस बार तीन से चार देवी देवता के कारकूनों ने कई सालों बाद उत्सव में पहुंचने के लिए हामी भरी है.