जमुई: बिहार के जमुई जिले में एक अधिवक्ता को दिनदहाड़े गोली मार दी गई थी, जिसको लेकर शनिवार को अधिवक्ता संघ ने शांतिपूर्ण मौन जुलूस निकाला. इस दौरान उन्होंने न्यायिक कार्य नहीं कार्य नहीं करने का फैसला लिया. सभी का कहना है कि जब तक पुलिस कोई कड़ी कार्रवाई नहीं करती अपराधी की ओर से कोई भी अधिवक्ता केस नहीं लड़ेगा. बता दें कि शुक्रवार को भी 3 बजे के बाद अधिवक्ताओं ने कार्य नहीं किया था.
शफर मलिक को मारी गोली: दरअसल, जमुई व्यवहार न्यायालय के एक अधिवक्ता शफर मलिक उर्फ मुन्नू मलिक को अपराधियों द्वारा जान से मारने की नियत से गोली मारी गई थी. जिसके विरोध मे जमुई व्यवहार न्यायालय के अधिवक्तागण आक्रोशित हो उठे थे और दोपहर बाद से ही न्यायिक कार्य छोड़कर अधिवक्ताओं ने आपात बैठक की और कई कड़े फैसले लिए.
48 घंटे के अंदर गिरफ्तारी की मांग: जिला विधिक संघ की ओर से आयोजित बैठक मे अधिवक्ताओं ने सर्व सम्मती से न्यायिक कार्य नहीं करने और मौन जुलुस मार्च निकालकर जिला जज, जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन देने का निश्चय किया. अधिवक्ताओं ने 48 घंटे के अंदर गोली मारने वाले अपराधी को गिरफ्तार करने और उक्त अपराधी के पक्ष में किसी भी अधिवक्ता द्वारा किसी भी न्यायालय में कार्य नहीं करने का निर्णय लिया. अधिवक्ताओं ने किसी दूसरे जिले के भी अधिवक्ता को उक्त अपराधी के पक्ष मे जमुई के किसी भी न्यायालय में केस नहीं लड़ने का निर्णय लिया.
"यह एक अत्यंत दुखद घटना है और अपराधियों के बढ़ते मनोबल का परिणाम है. संघ द्वारा लिए गए निर्णय के खिलाफ अगर कोई भी अधिवक्ता उक्त अपराधी के पक्ष में किसी भी न्यायालय मे काम करता है तो उन्हें संघ की ओर से मिलने वाली सभी सुविधाओं से वंचित कर दिया जायेगा." - चंद्रशेखर उपाध्याय, अध्यक्ष, विधिक
सभी ने दुख व्यक्त किया: संघ के पूर्व महासचिव शत्रुघ्न प्रसाद, सकलदेव यादव और विपिन कुमार सिन्हा ने भी घटना को दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाई करने की मांग की. पूर्व अध्यक्ष धीरेंद्र कुमार सिंह ने भी घटना पर दुख और अफसोस व्यक्त किया.
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