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अकबरनगर में फिर शुरू हुआ प्रशासन का सर्वे, 7 फरवरी को हाईकोर्ट में है तारीख

लखनऊ में अकबरनगर में फिर से सर्वे शुरू हो गया है. कोर्ट ने कहा है कि जितने भी लोगों को इस मामले में न्याय चाहिए, उनको दो फरवरी तक कोर्ट में अपील करनी होगी.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 28, 2024, 8:57 PM IST

लखनऊ: कुकरेल नदी के किनारे बसी बस्ती अकबरनगर फेस 1 और फेस 2 में लखनऊ विकास प्राधिकरण, नगर निगम पुलिस और प्रशासन का संयुक्त सर्वे एक बार फिर से शुरू हो गया है. हाईकोर्ट ने अपने पिछले आदेश में कहा है कि जितने भी लोगों को इस मामले में न्याय चाहिए, उनको दो फरवरी तक कोर्ट में अपील करनी होगी. कोर्ट पूरे मामले की फिर से सुनवाई करेगा. सात फरवरी को तारीख है. हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि अकबरनगर मामले में पुनर्वास की प्रक्रिया को पूरा करना होगा. यह भी माना गया है कि यह जमीन नदी की है. यहां रहने वाले लोगों का कोई वैधानिक हक इस भूमि पर नहीं बनता. अपने पक्ष में फैसला आने की प्रत्याशा में प्रशासन ने एक बार फिर से सर्वे शुरू किया है. सभी जरूरतमंदों को दुकान और मकान में पुनर्वास देने के लिए लखनऊ विकास प्राधिकरण प्रशासन प्रयास कर रहा है.

बख्शी का तालाब से पेपर मिल कॉलोनी तक बहने वाली कुकरेल नदी के किनारे सरकार रिवर फ्रंट विकसित करना चाहती है. मगर इस नदी के किनारे करीब 1300अवैध निर्माण किए गए हैं. यहां रिवर फ्रंट विकसित करने से पहले अवैध निर्माणों को हटाना आवश्यक है. जिसको देखते हुए जो कार्रवाई प्रशासन ने शुरू की थी. 21 दिसंबर 2023 को हाईकोर्ट ने उस पर एक महीने के लिए पहले रोक लगाई थी. इसी महीने अपने अगले आदेश में हाईकोर्ट ने कहा था कि जितने लोगों को भी इस मामले में न्याय चाहिए, वह 2 फरवरी तक हाई कोर्ट में अपील कर दें. इस बीच में प्रशासन ने एक बार फिर से अपना सर्वे शुरू किया है. सभी लोगों को यह कहा जा रहा है कि वह पुनर्वास के लिए आवेदन कर दें. लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष डॉ. इंद्रमणि त्रिपाठी खुद ही मौके पर पहुंचकर सर्वे कर रहे हैं.

लखनऊ: कुकरेल नदी के किनारे बसी बस्ती अकबरनगर फेस 1 और फेस 2 में लखनऊ विकास प्राधिकरण, नगर निगम पुलिस और प्रशासन का संयुक्त सर्वे एक बार फिर से शुरू हो गया है. हाईकोर्ट ने अपने पिछले आदेश में कहा है कि जितने भी लोगों को इस मामले में न्याय चाहिए, उनको दो फरवरी तक कोर्ट में अपील करनी होगी. कोर्ट पूरे मामले की फिर से सुनवाई करेगा. सात फरवरी को तारीख है. हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि अकबरनगर मामले में पुनर्वास की प्रक्रिया को पूरा करना होगा. यह भी माना गया है कि यह जमीन नदी की है. यहां रहने वाले लोगों का कोई वैधानिक हक इस भूमि पर नहीं बनता. अपने पक्ष में फैसला आने की प्रत्याशा में प्रशासन ने एक बार फिर से सर्वे शुरू किया है. सभी जरूरतमंदों को दुकान और मकान में पुनर्वास देने के लिए लखनऊ विकास प्राधिकरण प्रशासन प्रयास कर रहा है.

बख्शी का तालाब से पेपर मिल कॉलोनी तक बहने वाली कुकरेल नदी के किनारे सरकार रिवर फ्रंट विकसित करना चाहती है. मगर इस नदी के किनारे करीब 1300अवैध निर्माण किए गए हैं. यहां रिवर फ्रंट विकसित करने से पहले अवैध निर्माणों को हटाना आवश्यक है. जिसको देखते हुए जो कार्रवाई प्रशासन ने शुरू की थी. 21 दिसंबर 2023 को हाईकोर्ट ने उस पर एक महीने के लिए पहले रोक लगाई थी. इसी महीने अपने अगले आदेश में हाईकोर्ट ने कहा था कि जितने लोगों को भी इस मामले में न्याय चाहिए, वह 2 फरवरी तक हाई कोर्ट में अपील कर दें. इस बीच में प्रशासन ने एक बार फिर से अपना सर्वे शुरू किया है. सभी लोगों को यह कहा जा रहा है कि वह पुनर्वास के लिए आवेदन कर दें. लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष डॉ. इंद्रमणि त्रिपाठी खुद ही मौके पर पहुंचकर सर्वे कर रहे हैं.

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