ऋषिकेश: उत्तराखंड चारधाम यात्रा में बढ़ती श्रद्धालुओं की भीड़ को नियंत्रण करने के लिए प्रशासन ने कदम उठाया है. चारधाम यात्रा के निर्धारित रजिस्ट्रेशन की तिथि से पहले जाने वाले श्रद्धालुओं को लेकर प्रशासन सख्त हो गया है. प्रशासन ने रजिस्ट्रेशन के निर्धारित तिथि से पहले जाने वाले श्रद्धालुओं को ऋषिकेश में ही रोकना शुरू कर दिया है.
गुरुवार को गढ़वाल आयुक्त विनय शंकर पांडे, आईजी करण सिंह नगन्याल, एसएसपी देहरादून अजय सिंह के साथ तमाम अधिकारी भद्रकाली पहुंचे. उन्होंने एक के बाद एक सैकड़ों वाहनों को रोका और चेकिंग की. जो निर्धारित तिथि से पहले यात्रा मार्ग पर रवाना हो रहे थे, उन श्रद्धालुओं को प्रशासन ने ऋषिकेश वापस लौटा दिया. अधिकारियों ने ऐसे श्रद्धालुओं को रजिस्ट्रेशन की तिथि से एक दिन पहले यात्रा मार्ग पर जाने के लिए निर्देशित किया. प्रशासन के इस निर्णय से कई श्रद्धालु आहत नजर आए. श्रद्धालु अधिकारियों के साथ बहस भी करते दिखे. हालांकि, प्रशासन की टीम ने श्रद्धालुओं को समझा-बुझाकर कर शांत किया.
गढ़वाल आयुक्त ने बताया कि रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था सरकार ने इसलिए बनाई है जिससे कि चारों धामों में किसी प्रकार की अव्यवस्था न फैले. लेकिन लगातार श्रद्धालु ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन करने के बाद रजिस्ट्रेशन तिथि से कई दिन पहले ही धामों के लिए जा रहे हैं. इससे श्रद्धालु और प्रशासन दोनों व्यवस्थाओं को लेकर चुनौतियों से जूझ रहे हैं. इसलिए ऋषिकेश और देहरादून में चारों धाम के एंट्री प्वाइंट पर चेकिंग शुरू की गई है. जो भी श्रद्धालु रजिस्ट्रेशन की तिथि से कई दिन पहले यात्रा मार्ग पर जा रहे हैं, उनको ऋषिकेश वापस भेजा जा रहा है. उन्होंने बताया कि यात्रियों की जान सुरक्षित रखना प्रशासन की सबसे बड़ी प्राथमिकता है.
18 मई से शुरू होंगे ऑफलाइन पंजीकरण: गढ़वाल आयुक्त विनय शंकर पांडे ने बताया कि धामों में लगातार बढ़ रही भीड़ को देखते हुए दो दिन पहले ऋषिकेश-हरिद्वार में ऑफलाइन पंजीकरण बंद कर दिया गया था. लेकिन स्थिति में अभी ज्यादा सुधार नहीं है. इसलिए ऑफलाइन पंजीकरण की तिथि को एक दिन और बढ़ा दिया गया है. अब ऑफलाइन पंजीकरण ऋषिकेश और हरिद्वार में 18 मई से शुरू होंगे. उन्होंने श्रद्धालुओं से बिना रजिस्ट्रेशन के यात्रा मार्ग पर नहीं जाने की अपील की है. इस संबंध में सरकार की ओर देश के सभी राज्यों के मुख्य सचिव को एक पत्र भेजा गया है. इसमें अपने-अपने राज्य के श्रद्धालुओं को बिना रजिस्ट्रेशन के यात्रा मार्ग पर नहीं भेजने के लिए कहा गया है.
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