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पौड़ी गढ़वाल में खाद्य कारोबारियों और विक्रेताओं पर 13 लाख रुपए का जुर्माना, जानें कारण

खाद्य कारोबारियों और विक्रेताओं पर न्याय निर्णायक अधिकारी ने बड़ा फैसला सुनाया, 13 लाख रुपए का लगाया जुर्माना.

PAURI GARHWAL NEWS
पौड़ी गढ़वाल में खाद्य कारोबारियों पर कार्रवाई (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : 3 hours ago

श्रीनगर: न्याय निर्णायक अधिकारी (अपर जिलाधिकारी पौड़ी गढ़वाल) इला गिरि की कोर्ट ने खाद्य सुरक्षा अधिनियम का पालन न करने पर विभिन्न खाद्य कारोबारियों और विक्रेताओं पर कुल 13 लाख 30 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है. जिला अभिहीत अधिकारी खाद्य संरक्षा विभाग अजब सिंह रावत ने इसकी जानकारी दी.

जिला अभिहीत अधिकारी खाद्य संरक्षा विभाग अजब सिंह रावत ने बताया कि न्याय निर्णायक अधिकारी इला गिरि ने पांच अलग-अलग मामलों में फैसले सुनाए. तमिलनाडु के बड़े ब्रांड वाले घी निर्माता पर खाद्य सुरक्षा मानक अधिनियम एवं विनियम की धारा 51 के तहत घी के अधोमानक पाये जाने पर 2,10,000 (दो लाख दस हजार रुपये) का जुर्माना लगाया गया है.

इसके अलावा दुकानदार द्वारा घी के खरीद बिल न्यायालय में उपलब्ध न कराने पर दस हजार रुपए का जुर्माना लगाया है. उन्होंने बताया कि गुजरात से सप्लाई हो रहे इंटरनेशनल ब्रांड के दूध में वसा की मात्रा अधिनियम में बनाये गये मानक से कम पाई गई. इस पर खाद्य विश्लेषक ने दूध को अधोमानक घोषित किया था.

न्यायालय ने उक्त कम्पनी पर धारा 51 के अन्तर्गत दो लाख रुपए का जुर्माना लगाया है. साथ ही पटेल नगर और मुजफ्फरनगर यूपी की कंपनियों पर न्यायालय में बिल प्रस्तुत न करने पर एक लाख रुपए का जुर्माना लगाया है. कोटद्वार रोड पौड़ी के विक्रेता और होलसेल व कमीशन एजेंट अफजलगढ़ बिजनौर यूपी द्वारा न्यायालय में बिल प्रस्तुत करने पर कार्रवाई से अवमुक्त किया गया है.

रावत ने बताया कि खाद्य संरक्षा मानक अधिनियम 2006 नियम विनियम 2011 की धारा 51 के अन्तर्गत सेक्टर 57 सोनीपत हरियाणा की कंपनी पर दो लाख 70 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है. वहीं, स्थानीय खाद्य कारोबारी ने न्यायालय में खाद्य पदार्थ का खरीद बिल प्रस्तुत नहीं किया, जिस कारण न्यायालय ने दुकानदार पर दस हजार रुपए का जुर्माना लगाया है.

वहीं खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 एवं नियम विनियम 2011 की घारा 51 के अर्न्तगत खाद्य पदार्थ कच्ची घानी तेल के अधोमानक पाये जाने पर न्यायालय ने आयल मिल्स एसएच 72 हरिद्वार रोड छिदरवाला ऋषिकेश पर एक लाख रुपए का जुर्माना है.

इसके अलावा प्रबन्धक आयल मिल फूड पार्क उद्योग विहार गंगानगर राजस्थान पर दो लाख बीस हजार रुपए का जुर्माना लगाया है. जबकि रास विहारी अग्रवाल स्वर्गाश्रम जोंक को न्यायालय में बिल प्रस्तुत करने पर कार्रवाई से अवमुक्त किया गया.

उन्होंने बताया कि मशहूर पान मसाला के नमूने मिसब्रांड घोषित किए जाने पर खाद्य संरक्षा मानक अधिनियम 2006 एवं नियम विनियम 2011 की धारा 52 के तहत सी-123 नारायणा इंडस्ट्रियल एरिया फेस-1 नई दिल्ली की कंपनी पर तीन लाख रुपए का जुर्माना लगाया है.

न्यायालय में खरीद बिल प्रस्तुत न करने पर (बिना पक्के बिल के खाद्य सामग्री क्रय करने पर) न्यायालय ने पान भण्डार बदरीनाथ रोड श्रीनगर पौड़ी गढ़वाल पर दस हजार रुपये का जुर्माना लगाया. उपरोक्त सभी खाद्य कारोबारकर्ताओं को न्यायालय ने आदेश प्राप्ति के 15 दिन के भीतर जुर्माना धनराशि न्याय निर्णायक अधिकारी के पक्ष में चेक अथवा ड्राफ्ट के माध्यम से जमा करने के आदेश दिए हैं.

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श्रीनगर: न्याय निर्णायक अधिकारी (अपर जिलाधिकारी पौड़ी गढ़वाल) इला गिरि की कोर्ट ने खाद्य सुरक्षा अधिनियम का पालन न करने पर विभिन्न खाद्य कारोबारियों और विक्रेताओं पर कुल 13 लाख 30 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है. जिला अभिहीत अधिकारी खाद्य संरक्षा विभाग अजब सिंह रावत ने इसकी जानकारी दी.

जिला अभिहीत अधिकारी खाद्य संरक्षा विभाग अजब सिंह रावत ने बताया कि न्याय निर्णायक अधिकारी इला गिरि ने पांच अलग-अलग मामलों में फैसले सुनाए. तमिलनाडु के बड़े ब्रांड वाले घी निर्माता पर खाद्य सुरक्षा मानक अधिनियम एवं विनियम की धारा 51 के तहत घी के अधोमानक पाये जाने पर 2,10,000 (दो लाख दस हजार रुपये) का जुर्माना लगाया गया है.

इसके अलावा दुकानदार द्वारा घी के खरीद बिल न्यायालय में उपलब्ध न कराने पर दस हजार रुपए का जुर्माना लगाया है. उन्होंने बताया कि गुजरात से सप्लाई हो रहे इंटरनेशनल ब्रांड के दूध में वसा की मात्रा अधिनियम में बनाये गये मानक से कम पाई गई. इस पर खाद्य विश्लेषक ने दूध को अधोमानक घोषित किया था.

न्यायालय ने उक्त कम्पनी पर धारा 51 के अन्तर्गत दो लाख रुपए का जुर्माना लगाया है. साथ ही पटेल नगर और मुजफ्फरनगर यूपी की कंपनियों पर न्यायालय में बिल प्रस्तुत न करने पर एक लाख रुपए का जुर्माना लगाया है. कोटद्वार रोड पौड़ी के विक्रेता और होलसेल व कमीशन एजेंट अफजलगढ़ बिजनौर यूपी द्वारा न्यायालय में बिल प्रस्तुत करने पर कार्रवाई से अवमुक्त किया गया है.

रावत ने बताया कि खाद्य संरक्षा मानक अधिनियम 2006 नियम विनियम 2011 की धारा 51 के अन्तर्गत सेक्टर 57 सोनीपत हरियाणा की कंपनी पर दो लाख 70 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है. वहीं, स्थानीय खाद्य कारोबारी ने न्यायालय में खाद्य पदार्थ का खरीद बिल प्रस्तुत नहीं किया, जिस कारण न्यायालय ने दुकानदार पर दस हजार रुपए का जुर्माना लगाया है.

वहीं खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 एवं नियम विनियम 2011 की घारा 51 के अर्न्तगत खाद्य पदार्थ कच्ची घानी तेल के अधोमानक पाये जाने पर न्यायालय ने आयल मिल्स एसएच 72 हरिद्वार रोड छिदरवाला ऋषिकेश पर एक लाख रुपए का जुर्माना है.

इसके अलावा प्रबन्धक आयल मिल फूड पार्क उद्योग विहार गंगानगर राजस्थान पर दो लाख बीस हजार रुपए का जुर्माना लगाया है. जबकि रास विहारी अग्रवाल स्वर्गाश्रम जोंक को न्यायालय में बिल प्रस्तुत करने पर कार्रवाई से अवमुक्त किया गया.

उन्होंने बताया कि मशहूर पान मसाला के नमूने मिसब्रांड घोषित किए जाने पर खाद्य संरक्षा मानक अधिनियम 2006 एवं नियम विनियम 2011 की धारा 52 के तहत सी-123 नारायणा इंडस्ट्रियल एरिया फेस-1 नई दिल्ली की कंपनी पर तीन लाख रुपए का जुर्माना लगाया है.

न्यायालय में खरीद बिल प्रस्तुत न करने पर (बिना पक्के बिल के खाद्य सामग्री क्रय करने पर) न्यायालय ने पान भण्डार बदरीनाथ रोड श्रीनगर पौड़ी गढ़वाल पर दस हजार रुपये का जुर्माना लगाया. उपरोक्त सभी खाद्य कारोबारकर्ताओं को न्यायालय ने आदेश प्राप्ति के 15 दिन के भीतर जुर्माना धनराशि न्याय निर्णायक अधिकारी के पक्ष में चेक अथवा ड्राफ्ट के माध्यम से जमा करने के आदेश दिए हैं.

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