चित्तौड़गढ़. दंपती से लूटपाट और महिला से सामूहिक दुष्कर्म के मामले में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालय बेगूं के पीठासीन अधिकारी राकेश गोयल ने चार आरोपियों को दोषी माना है. कोर्ट ने चारों आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही 5 लाख रुपए का अर्थदंड भी लगाया है.
अपर लोक अभियोजक खरीद मोहम्मद मिर्जा ने बताया कि कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई करते हुए मंडावरी के आरोपी अशोक , निर्मल उर्फ बिर्मल, सहदेव और पाड़ावास निवासी कैलाश को दोषी माना है. उन्होंने बताया कि धारा 376 डी के आरोप में उम्र कैद और 5-5 लाख रुपए जुर्माना कोर्ट ने लगाया है. साथ ही धारा 395 लूट और डकैती में आजीवन कारावास के साथ 50-50 हजार रुपए का अर्थ दंड लगाया गया है.
अपर लोक अभियोजक ने बताया कि पीड़ित पक्ष की ओर से न्यायालय में 86 दस्तावेज प्रदर्शित किए गए. वहीं, 21 गवाह पेश किए गए. मामले में दो अन्य आरोपी बाल अपचारी हैं, जिनका चालान पेश कर दिया गया और मामला बाल न्यायालय चित्तौड़गढ़ में विचाराधीन है. सजा सुनाने के दौरान आरोपी अशोक और सहदेव मौजूद रहे, जबकि कैलाश को मांडलगढ़ जेल और निर्मल को भीलवाड़ा जेल में ऑनलाइन सजा सुनाई गई. बता दें कि 30 जुलाई 2018 को बाइक सवार दंपती घर जा रहे थे. इस दौरान दो बाइक पर सवार 6 बदमाशों ने रास्ता रोककर उनसे मारपीट की और जंगल में ले जाकर लूटपाट करने के साथ पति को बंधक बनाकर महिला से सामूहिक दुष्कर्म किया था. इस मामले की गंभीरता को देखते हुए बेगूं बार एसोसिएशन की ओर से आरोपियों की पैरवी नहीं की गई.