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जाली अंक तालिका से लड़ा सरपंच का चुनाव, कोर्ट ने सुनाई 5 साल कारावास की सजा - court sentenced the woman

अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट बेगूं ने जाली अंक तालिका से चुनाव लड़ने पर महिला को दोषी मानते हुए 5 साल के कारावास की सजा सुनाई है.

WOMAN TO 5 YEARS IMPRISONMENT,  CONTESTING THE SARPANCH ELECTION
कोर्ट ने सुनाई 5 साल कारावास की सजा. (Etv Bharat gfx)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : May 30, 2024, 7:22 PM IST

चित्तौड़गढ़. जाली अंक तालिका पेश करके चुनाव लड़ने वाली महिला को न्यायालय ने दोषी मानते हुए 5 साल के कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही मिथ्या तथ्य पेश करने पर परिवादी के खिलाफ भी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं. अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट बेगूं पीयूष जैलिया ने गुरुवार को यह फैसला सुनाया है.

अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट न्यायालय के अभियोजन अधिकारी प्रवीण कुमार ने बताया कि मामला वर्ष 2015 के चुनाव का है. पंचायत राज चुनाव के दौरान ठुकराई ग्राम पंचायत के सरपंच पद के चुनाव के लिए दुर्गाबाई ने नामांकन पर्चा भरा था. चुनाव में अभ्यर्थी के लिए आठवीं पास होना जरूरी था. नामांकन पर्चे में दुर्गा देवी की ओर से आठवीं कक्षा उत्तीर्ण की मार्कशीट पेश की गई और चुनाव लड़ा गया.

पढ़ेंः सीएम का PA बनकर बोर्ड सचिव को धमकाने के मामले में दंडात्मक कार्रवाई पर रोक - Rajasthan High Court

श्यामलाल पहाड़िया ने दुर्गा देवी की आठवीं पास की मार्कशीट को फर्जी बताते हुए न्यायालय में परिवाद प्रस्तुत किया. 8 साल तक इस मामले की सुनवाई के बाद पीठासीन अधिकारी ने आठवीं कक्षा उत्तीर्ण होने की मार्कशीट को फर्जी करार दिया और दुर्गा देवी को दोषी माना है. अपने निर्णय में उन्होंने अभियुक्त दुर्गा देवी को 5 साल के साधारण कारावास की सजा सुनाई है. इसके साथ ही परिवादी श्यामलाल पहाड़िया की ओर से मामले में झूठे तथ्य पेश किए गए थे. इस पर पीठासीन अधिकारी ने सीआरपीसी की धारा 344 के अंतर्गत प्रकरण दर्ज करने के निर्देश दिए हैं.

चित्तौड़गढ़. जाली अंक तालिका पेश करके चुनाव लड़ने वाली महिला को न्यायालय ने दोषी मानते हुए 5 साल के कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही मिथ्या तथ्य पेश करने पर परिवादी के खिलाफ भी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं. अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट बेगूं पीयूष जैलिया ने गुरुवार को यह फैसला सुनाया है.

अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट न्यायालय के अभियोजन अधिकारी प्रवीण कुमार ने बताया कि मामला वर्ष 2015 के चुनाव का है. पंचायत राज चुनाव के दौरान ठुकराई ग्राम पंचायत के सरपंच पद के चुनाव के लिए दुर्गाबाई ने नामांकन पर्चा भरा था. चुनाव में अभ्यर्थी के लिए आठवीं पास होना जरूरी था. नामांकन पर्चे में दुर्गा देवी की ओर से आठवीं कक्षा उत्तीर्ण की मार्कशीट पेश की गई और चुनाव लड़ा गया.

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श्यामलाल पहाड़िया ने दुर्गा देवी की आठवीं पास की मार्कशीट को फर्जी बताते हुए न्यायालय में परिवाद प्रस्तुत किया. 8 साल तक इस मामले की सुनवाई के बाद पीठासीन अधिकारी ने आठवीं कक्षा उत्तीर्ण होने की मार्कशीट को फर्जी करार दिया और दुर्गा देवी को दोषी माना है. अपने निर्णय में उन्होंने अभियुक्त दुर्गा देवी को 5 साल के साधारण कारावास की सजा सुनाई है. इसके साथ ही परिवादी श्यामलाल पहाड़िया की ओर से मामले में झूठे तथ्य पेश किए गए थे. इस पर पीठासीन अधिकारी ने सीआरपीसी की धारा 344 के अंतर्गत प्रकरण दर्ज करने के निर्देश दिए हैं.

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