वाराणसी : जिले के दशाश्वमेघ घाट पर मंगलवार को सैकड़ों की संख्या में तदर्थ शिक्षक पहुंचे. इसके बाद तदर्थ शिक्षक काशी पहुंचकर बाबा विश्वनाथ के दर्शन किए. इस दौरान शिक्षकों ने हाथों में गंगाजल, पोस्टर और सिर पर भाजपा की टोपी लगाकर अपनी पुनः बहाली को लेकर अर्जी लगाई. प्रतापगढ़, सुल्तानपुर, अंबेडकरनगर, जौनपुर, वाराणसी, आजमगढ़, रायबरेली, गोरखपुर, प्रयागराज, बस्ती, बहराइच, बलरामपुर, बाराबंकी, गोंडा, लखनऊ, अयोध्या, अमेठी, बलिया से हजारों की संख्या में तदर्थ शिक्षकों ने इस दौरान हर हर महादेव का उद्घोष भी किया.
विभिन्न जनपदों से पहुंचे शिक्षकों ने कहा कि 'हम विरोध नहीं कर रहे हैं बल्कि सभी देवी-देवताओं का आशीर्वाद ले रहे हैं. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने सदन में कहा है कि शिक्षक सड़क पर न जाएं, उनका पूरा ख्याल है'. शिक्षक अनिल सिंह राणा ने कहा कि उत्तर प्रदेश के 25 जनपदों से तदर्थ शिक्षक आए हुए हैं. पिछले 25 वर्षों से हम सेवाओं में बने हुए हैं. चुनाव से लेकर संपूर्ण कार्य हम करते थे. सरकार के सभी कार्यों को हम लोगों के द्वारा किया जाता था. दिसंबर 2023 को प्रदेश सरकार ने हम लोगों को पद मुक्त कर दिया. हमें सभी प्रकार की सेवा से बाहर कर दिया है. मंगलवार को उत्तर प्रदेश में माध्यमिक शिक्षा की परीक्षाएं चल रही हैं. तदर्थ शिक्षकों की संख्या करीब दो हजार है. यह कार्य नहीं कर रहे हैं. वाराणसी में बाबा श्री काशी विश्वनाथ के धाम में हम लोग अपनी हाजिरी लेकर आए हैं. हमारी संख्या यहां पर छह सौ के करीब है. हम अयोध्या भी गए थे और गोरखनाथ के मंदिर भी गए थे. हमारी मांग है कि हमें पुनः बहाल किया जाए.
यह भी पढ़ें : तदर्थ शिक्षकों को बीते कई माह से नहीं मिला वेतन, 12 दिनों से धरने पर बैठे गुरुजन