दुर्ग: स्वास्थ्य विभाग की नाक के नीचे दुर्ग में एक फर्जी महिला डॉक्टर सालों से लोगों का इलाज करते पकड़ी गई. फर्जी महिला डॉक्टर के क्लीनिक खोलने बैठने की जानकारी पहले सीएमएचओ को मिली. सीएमएचओ ने इसकी जानकारी अपने आला अधिकारियों को दी. जिसके बाद कलेक्टर ने फर्जी डॉक्टर पर एक्शन लेने के आदेश जारी किए. शासन से आदेश मिलते ही सीएमएचओ की टीम रुआबांधा इलाके में पहुंची. टीम ने आकृति क्लीनिक पर छापा मारते हुए फर्जी महिला डॉक्टर प्रभा पटैरिया से उनकी डिग्री मांगी. महिला ने डिग्री नहीं दिखाई. जिसके बाद क्लीनिक से जुड़े सारे दस्तावेज खंगाले गए. सीएमएचओ ने तत्काल प्रभा पटैरिया को नर्सिंग होम एक्ट के तहत नोटिस जारी किया. नोटिस देकर उनसे तीन दिनों के भीतर फर्जीवाड़े को लेकर सफाई मांगी गई.
फर्जी महिला डॉक्टर पर एक्शन: नर्सिंग होम एक्ट के नोडल अधिकारी डॉ अनिल शुक्ला को ये सूचना मिली थी कि एक महिला डॉक्टर फर्जी डिग्री के आधार पर लोगों का इलाज कर रही है. महिला ने बकायादा खुद को एमबीबीएस डिग्रीधारी भी बताती है. महिला क्लीनिक खोलकर लोगों को बेवकूफ भी बना रही है. शिकायत के बाद जब जांच की गई तो महिला की पोल पट्टी खुल गई. सीएमएचओ जेपी मेश्राम ने महिला को नोटिस थमाकर उसकी सफाई मांगी है.
बिना डिग्री के कर रही थी मरीजों का इलाज: फर्जी महिला डॉक्टर बिना डिग्री के ऐलोपैथ की दवाएं न सिर्फ मरीजों को लिख रही थी बल्कि पैथोलॉजी जांच भी कर रही थी. जहां पर क्लीनिक खोला गया था वहां पर बोर्ड में महिला ने खुद को BSC, BAMS, PGDYN और MHA का डिग्री होना बताया था. सीएमएचओ ने जब मौके पर रेड किया तो क्लीनिक में अभिषेक पटैरिया भी इलाज करते पकड़े गए. उनके पास भी किसी तरह की कोई डॉक्टरी डिग्री नहीं मिली. वर्तमान में प्रभा पटैरिया कई निजी अस्पतालों में भी मरीजों को नियमित रुप से देख रही थी. कहा जा रहा है कि महिला के पास जो डिग्री थी उससे वो आयुर्वेद का उपचार उसकी दवाएं दे सकती थी लेकिन वो एलोपैथ की दवाएं मरीजों को लिख रही थी.