संभलः संभल में वक्फ संपत्तियों के फर्जी बैनामे कराने के मामले में पुलिस-प्रशासन अब सख्ती बरत रहा है. वक्फ संपत्ति को बेचने और श्रेणी परिवर्तन कराने में शामिल अधिकारियों और कर्मचारियों पर एक्शन लेने के मूड में है. प्रशासन का साफ कहना है कि जांच में जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
दरअसल, संभल की शाही जामा मस्जिद के सामने बन रही सत्यव्रत पुलिस चौकी की जमीन पर वक्फ का दावा किया गया था. दावा किया गया था कि सत्यव्रत पुलिस चौकी वक्कीफ भूमि पर बना रही है, जो कि सरासर गलत है. वक्फ से संबंधित दस्तावेजों को प्रशासन को दिए गए थे. इसके बाद DM डॉ. राजेंद्र पेंसिया के आदेश पर तीन सदस्यीय जांच कमेटी बनाई गई थी. जिसमें शामिल SDM, CO और नगर पालिका के EO ने वक्फ संपत्ति के दस्तावेजों की जांच की. जांच में पाया कि वक्फ से संबंधित सभी दस्तावेज फर्जी है. जांच में यह भी पाया गया कि वक्फनामा फर्जी है. इसके बाद नगर पालिका संभल के अधिशासी अधिकारी डॉक्टर मणि भूषण तिवारी की तहरीर के आधार पर सदर कोतवाली में अज्ञात के खिलाफ FIR दर्ज कराई गई थी.
वहीं, अब पुलिस प्रशासन उन सभी वक्फ जमीनों की जांच कर रहा है, जिनके बैनामे कराए गए हैं. माना जा रहा है कि जिन वक्फ जमीनों के बैनामे हुए हैं उन्हें बेचने और श्रेणी परिवर्तन कराने में शामिल अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जाएगी. DM डॉ राजेंद्र पेंसिया ने बताया कि सभी वक्फ संपत्तियों की जांच की जा रही है. जांच में जो भी अधिकारी या कर्मचारी दोषी पाया गया तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.