ETV Bharat / state

सीएम योगी के शहर गोरखपुर की पुलिस जमीन के धंधे में लिप्त; 56 पर बड़ी कार्रवाई - Gorakhpur - GORAKHPUR

सीएम योगी के शहर में पुलिस पर बड़ी कार्रवाई; जमीन के धंधे में लिप्त मिले 56 पुलिसकर्मी ADG कार्यालय से ट्रांसफर सीएम योगी के शहर गोरखपुर के 56 पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई, जमीन के धंधे में थे लिप्त

Etv Bharat
Etv Bharat
author img

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Apr 20, 2024, 1:21 PM IST

गोरखपुर: जमीन के धंधे से होने वाली बेतहाशा कमाई, गोरखपुर जोन के 56 पुलिस कर्मियों के गले की फांस बन गई है. इस धंधे के जरिए कमाई करने के लिए जोन के विभिन्न जिलों में तैनात रहने वाले इन सिपाहियों ने एडीजी कार्यालय में तैनात सीए बाबू से साठगांठ करके खिलाड़ी कोटे में, फर्जी तरीके से अपनी संबद्धता एडीजी कार्यालय से कराई और इसके बाद जहां कहीं भी जमीन के विवाद का मामला होता था, उसके निपटारे में पहुंच जाते थे.

जिसके जरिए यह अपने चहेतों को लाभ पहुंचाते थे और अच्छी रकम कमाते थे. यह कारनामा उनका कई महीनों से चल रहा था. जिसकी शिकायत गोपनीय तरीके से बिना किसी नाम पते के एडीजी केएस प्रताप कुमार तक पहुंची थी. उन्होंने जांच गोरखपुर की एडिशनल एएसपी/ प्रशिक्षु आईपीएस अंशिका वर्मा को सौंपी थी.

अंशिका वर्मा की जांच में 56 पुलिसकर्मी जो विभिन्न जिलों से गोरखपुर में तैनाती पाए थे, विवादित जमीनों की दलाली और पैरवी में सन्लिपत पाए गए. इसके बाद एडीजी ने इन आरोपी सिपाहियों को उनके मूल जनपद में स्थानांतरित करते हुए, त्रिस्तरीय जांच कमेटी बना दी है जो तीनों एसपी रैंक के अधिकारी करेंगे.

जमीन के धंधे में लिप्त यह सिपाही खिलाड़ी न होते हुए भी खेल कोटे के तहत एडीजी कार्यालय में संबद्ध थे. गोपनीय रूप से मिली शिकायत के बाद एडीजी की जांच में भी खुलासा हो गया था. जिसमें कुछ खेल स्पर्धाओं की एडीजी ने पड़ताल की. खिलाड़ी जिस खेल में शामिल हुए उसमें कोई प्रतियोगिता जीत नहीं पाए.

इसके बाद उनके कार्यालय के सीए बाबू (कॉन्फिडेंशियल असिस्टेंट) जिसे गोपनीय सहायक कहते हैं, उसकी भूमिका जांच के दायरे में आ गई. इन सभी सिपाहियों ने गोपनीय सहायक अमित श्रीवास्तव से मिली भगतकर अपनी सम्बद्धता कराई थी जो एडिशनल एसपी की जांच रिपोर्ट में सामने आया है.

खास बात यह है कि इस तरह के काम में महिला पुलिसकर्मी भी अपने आप को संबद्ध कर रखी थीं. इस मामले के खुलने के बाद एडीजी ने अपने गोपनीय सहायक अमित कुमार श्रीवास्तव को सीबीसीआईडी में तो सिपाही संतोष कुमार को सिद्धार्थनगर, रेनू पांडेय, को संत कबीर नगर, किरण यादव को कुशीनगर भेज दिया.

मामले में एडीजी ने जो तीन कमेटी बनाई है उसमें गलत तरीके से खिलाड़ी बनने के मामले की जांच, एसपी संत कबीर नगर करेंगे. विवादित जमीन के धंधे की जांच गोरखपुर के एसपी सिटी को सौंपी गई है. यही नहीं जांच में गोपनीय सहायक बाबू की भी सम्बद्धता गलत तरीके से हुई है जिसकी जांच भी एसपी संत कबीर नगर को ही सौंपी गई है.

वहीं एडिशनल एसपी आंशिका वर्मा भी कुछ मामलों की जांच करेंगी. एडीजी डॉ. केएस प्रताप ने बताया कि जांच रिपोर्ट आने पर आगे की जो भी कार्रवाई होगी वह की जाएगी. विवादित जमीन और संबद्धता का मामला सामने आने पर ही यह कार्रवाई की गई है.

ये भी पढ़ेंः रवि किशन को पति बताने वाली महिला पर FIR, सहयोगी सपा नेता व यूट्यूबर पर भी केस दर्ज, मांग रही थी 20 करोड़

गोरखपुर: जमीन के धंधे से होने वाली बेतहाशा कमाई, गोरखपुर जोन के 56 पुलिस कर्मियों के गले की फांस बन गई है. इस धंधे के जरिए कमाई करने के लिए जोन के विभिन्न जिलों में तैनात रहने वाले इन सिपाहियों ने एडीजी कार्यालय में तैनात सीए बाबू से साठगांठ करके खिलाड़ी कोटे में, फर्जी तरीके से अपनी संबद्धता एडीजी कार्यालय से कराई और इसके बाद जहां कहीं भी जमीन के विवाद का मामला होता था, उसके निपटारे में पहुंच जाते थे.

जिसके जरिए यह अपने चहेतों को लाभ पहुंचाते थे और अच्छी रकम कमाते थे. यह कारनामा उनका कई महीनों से चल रहा था. जिसकी शिकायत गोपनीय तरीके से बिना किसी नाम पते के एडीजी केएस प्रताप कुमार तक पहुंची थी. उन्होंने जांच गोरखपुर की एडिशनल एएसपी/ प्रशिक्षु आईपीएस अंशिका वर्मा को सौंपी थी.

अंशिका वर्मा की जांच में 56 पुलिसकर्मी जो विभिन्न जिलों से गोरखपुर में तैनाती पाए थे, विवादित जमीनों की दलाली और पैरवी में सन्लिपत पाए गए. इसके बाद एडीजी ने इन आरोपी सिपाहियों को उनके मूल जनपद में स्थानांतरित करते हुए, त्रिस्तरीय जांच कमेटी बना दी है जो तीनों एसपी रैंक के अधिकारी करेंगे.

जमीन के धंधे में लिप्त यह सिपाही खिलाड़ी न होते हुए भी खेल कोटे के तहत एडीजी कार्यालय में संबद्ध थे. गोपनीय रूप से मिली शिकायत के बाद एडीजी की जांच में भी खुलासा हो गया था. जिसमें कुछ खेल स्पर्धाओं की एडीजी ने पड़ताल की. खिलाड़ी जिस खेल में शामिल हुए उसमें कोई प्रतियोगिता जीत नहीं पाए.

इसके बाद उनके कार्यालय के सीए बाबू (कॉन्फिडेंशियल असिस्टेंट) जिसे गोपनीय सहायक कहते हैं, उसकी भूमिका जांच के दायरे में आ गई. इन सभी सिपाहियों ने गोपनीय सहायक अमित श्रीवास्तव से मिली भगतकर अपनी सम्बद्धता कराई थी जो एडिशनल एसपी की जांच रिपोर्ट में सामने आया है.

खास बात यह है कि इस तरह के काम में महिला पुलिसकर्मी भी अपने आप को संबद्ध कर रखी थीं. इस मामले के खुलने के बाद एडीजी ने अपने गोपनीय सहायक अमित कुमार श्रीवास्तव को सीबीसीआईडी में तो सिपाही संतोष कुमार को सिद्धार्थनगर, रेनू पांडेय, को संत कबीर नगर, किरण यादव को कुशीनगर भेज दिया.

मामले में एडीजी ने जो तीन कमेटी बनाई है उसमें गलत तरीके से खिलाड़ी बनने के मामले की जांच, एसपी संत कबीर नगर करेंगे. विवादित जमीन के धंधे की जांच गोरखपुर के एसपी सिटी को सौंपी गई है. यही नहीं जांच में गोपनीय सहायक बाबू की भी सम्बद्धता गलत तरीके से हुई है जिसकी जांच भी एसपी संत कबीर नगर को ही सौंपी गई है.

वहीं एडिशनल एसपी आंशिका वर्मा भी कुछ मामलों की जांच करेंगी. एडीजी डॉ. केएस प्रताप ने बताया कि जांच रिपोर्ट आने पर आगे की जो भी कार्रवाई होगी वह की जाएगी. विवादित जमीन और संबद्धता का मामला सामने आने पर ही यह कार्रवाई की गई है.

ये भी पढ़ेंः रवि किशन को पति बताने वाली महिला पर FIR, सहयोगी सपा नेता व यूट्यूबर पर भी केस दर्ज, मांग रही थी 20 करोड़

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.