पटना: केके पाठक के बाद अब डॉ एस सिद्धार्थ भी काफी एक्शन में दिख रहे हैं. विभाग में अपर मुख्य सचिव का पदभार लेने के बाद से लगातार कई ऐसे एक्शन ले रहे हैं जो प्रदेश के शिक्षा व्यवस्था में सुधार से संबंधित है. इसी कड़ी में अब प्रदेश के शिक्षण व्यवस्था में सुधार को लेकर उन्होंने आठ पन्नों का दिशा निर्देश राज्य के सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों के लिए जारी किया है.
एस.सिद्धार्थ का नया फरमान: इसमें आधारभूत संरचना को विशेष रूप से दुरुस्त करने का उन्होंने निर्देश दिया है. डॉ एस सिद्धार्थ ने निर्देश में कहा है कि सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी अपने अधीन विद्यालयों के विद्यालय भवन को दुरुस्त करने पर विशेष ध्यान दें. वह सुनिश्चित करें कि विद्यालय के कमरों की खिड़कियां और दरवाजे दुरुस्त हो और छत न टपकती हो.
8 पन्नों का जारी किया निर्देश: इसके अलावा स्कूल के बेंच डेस्क दुरुस्त हो, विद्यालय में पीने के पानी की व्यवस्था बेहतर हो और शौचालय की साफ-सफाई नियमित तरीके से हो. इसके अलावा विद्यालय में विद्युत की आपूर्ति बेहतर हो और पंखा बल्ब सभी सुचारू रूप से कम कर रहे हैं. अपर मुख्य सचिव ने यह भी अपने निर्देश में कहा है कि एक माह के बाद निरीक्षण में यदि आधारभूत संरचनाओं के किसी भी आयाम में कमी नजर आती है तो इसकी पूरी जवाबदेही डीईओ की होगी.
शिक्षण व्यवस्था में सुधार के निर्देश: सभी जिला के डीईओ से डॉ एस सिद्धार्थ ने कहा है कि शिक्षण व्यवस्था में शिक्षकों की उपस्थिति पर जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई जाएगी और सभी शिक्षक ऑनलाइन अटेंडेंस बनाएं सुनिश्चित किया जाए. शिक्षकों की छुट्टी की आवश्यकता है तो औपचारिक रूप से अनुमति प्राप्त करने के बाद ही छुट्टी पर जाएंगे. इसी प्रकार स्कूल में कला संगीत शिल्प कला और खेल पर भी विशेष रूप से ध्यान दिया जाए.
बच्चों की उपस्थिति सुनिश्चित करने का निर्देश: उन्होंने अपने निर्देश में कहा कि होमवर्क नहीं दिए जाने और गृह कार्य का मूल्यांकन नहीं किए जाने की शिकायत विभाग को प्राप्त हो रही है इसे दूर किया जाए. इसके अलावा विद्यालय में बच्चों की उपस्थिति भी सुनिश्चित करने का काम करें. विद्यालय में बच्चों को फाऊंडेशनल लिटरेसी एंड न्यूमैरेसी किट सभी को उपलब्ध हो यह भी सुनिश्चित किया जाए. कई जगह से शिकायत मिल रही है कि किट बच्चों को उपलब्ध नहीं हुआ है यह दूर हो.
गुणवत्ता और पौष्टिकता पर विशेष रूप से ध्यान: डॉ एस सिद्धार्थ ने अपने निर्देश में कहा है कि मध्याह्न भोजन योजना बच्चों के पोषण के लिए महत्वपूर्ण है. ऐसे में उसकी गुणवत्ता और पौष्टिकता पर विशेष रूप से ध्यान दिया जाए. उन्होंने यह भी कहा है कि ऐसा देखा जा रहा है कि शिक्षकों की शिकायत है सीधे राज्य मुख्यालय स्तर पर पहुंच रही है जिससे स्पष्ट हो रहा है कि शिक्षकों को ना प्रखंड स्तर नहीं जिला स्तर पर सुना जा रहा है.
सभी शिकायतों को दूर करने का आदेश: ऐसे में सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी सप्ताह में एक दिन शनिवार को शिक्षक दरबार लगाते हुए उनकी समस्या सुने और निदान करें. सरकार के द्वारा बच्चों को पुस्तक पोशाक छात्रवृत्ति साइकिल इत्यादि की कई प्रकार की सुविधा दी जा रही है लेकिन फिर भी कई जगह से शिकायत मिल रही है कि बच्चों को यह उपलब्ध नहीं हो रही. यह सब शिकायत दूर होनी चाहिए.