लखनऊ: साल 2018 में उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की तरफ से निकाली गई 8085 लेखपाल पदों की भर्ती प्रक्रिया के तहत नियुक्ति पा चुके अभ्यर्थियों ने जॉइनिंग लेटर को लेकर राजस्व परिषद में सोमवार को घेराव किया. इस दौरान अभ्यर्थियों ने नियुक्ति पत्र नहीं मिलने पर इच्छा मृत्यु की मांग की.
आज सुबह ही भारी संख्या में लेखपाल भर्ती प्रक्रिया में नियुक्ति पा चुके अभ्यर्थी परिषद कार्यालय पहुंचना शुरू हो गए थे. अभ्यर्थी परिषद के सचिव से मुलाकात की मांग को लेकर कार्यालय परिषद के परिसर में बैठ गए. अभ्यर्थियों के प्रदर्शन के दौरान उत्तर प्रदेश लेखपाल संघ के अध्यक्ष राम मूरत यादव भी अभ्यर्थियों के साथ शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने अभ्यर्थियों को उनके संघर्ष में हरसंभव मदद करने का आश्वासन दिया.
प्रदर्शन कर रहे लेखपाल अभ्यर्थियों से मुलाकात करने के लिए सचिव राजस्व परिषद ने पांच सदस्य प्रतिनिधिमंडल को मिलने के लिए बुलाया था. लेकिन, अभ्यर्थियों ने सचिव से मिलने से साफ तौर पर इनकार कर दिया. प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों ने कहा कि वह नियुक्ति पत्र के अलावा किसी आश्वासन को नहीं मानेंगे. उन्होंने कहा कि अगर सचिव को अभ्यर्थियों से बात करनी है तो वह प्रदर्शन स्थल पर खुद आए.
अभ्यर्थियों के प्रदर्शन में पहुंचे उत्तर प्रदेश लेखपाल संघ के अध्यक्ष राम मूरत यादव ने कहा कि वे लेखपाल अभ्यर्थियों के साथ हैं. वह उनके संघर्ष में पूरा सहयोग करेंगे. जिस स्तर पर भी उन्हें मदद चाहिए होगी, संघ द्वारा उन्हें हरसंभव मदद मुहैया कराई जाएगी. चाहे वह सड़क से लेकर न्यायालय तक ही संघर्ष क्यों न करना पड़े. संघ उनके साथ हर कदम पर खड़ा रहेगा.
लेखपाल भर्ती प्रक्रिया के अभ्यर्थी चंदन राय ने कहा कि पूरी प्रक्रिया 31 जनवरी 2024 तक समाप्त हो चुकी है. सभी चयनित 8085 अभ्यर्थियों ने अपने आवंटित जनपदों में जाकर जॉइनिंग भी कर ली थी. लेकिन, उन्हें उनका नियुक्ति पत्र 23 फरवरी को प्रधानमंत्री द्वारा आयोजित एक समारोह में विभिन्न मंडल मुख्यालय और जिला मुख्यालय पर वितरित किया जाना था.
इस समारोह के ठीक एक दिन पहले 22 फरवरी को राजस्व परिषद और सरकार ने उनके नियुक्ति पत्र वितरण पर रोक लगा दी और हवाला दिया कि 13 फरवरी व 19 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई के बाद उनकी नियुक्ति पत्र वितरण प्रक्रिया पर रोक लगाई जाती है. अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया कि राजस्व परिषद और सरकार मिलकर खेल कर रही है और जानबूझकर उनकी नियुक्ति को फंसाया गया है.
शिक्षक अभ्यर्थियों ने अपना दल कार्यालय में किया प्रदर्शन
6800 शिक्षक अभ्यर्थियों ने अपनी नियुक्ति की मांग को लेकर एनडीए गठबंधन में शामिल अपना दल (एस) के कार्यालय में घेरा डाल दिया. प्रदर्शन करने आए अभ्यर्थियों ने बताया कि केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल गृहमंत्री के सामने उनकी मांग रख चुकी हैं.
उन्होंने 6800 शिक्षक अभ्यर्थी के आरक्षण विसंगतियों के मामले को लेकर पिछले साल नवंबर में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात कर अभ्यर्थियों की मांग को उनके सामने रखा था. प्रदर्शन करने पहुंचे अभ्यर्थियों का कहना है कि सरकार की तरफ से लगातार उनकी मांगों को अनदेखा किया जा रहा है.
बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात कर जल्द ही उनकी समस्याओं को मुख्यमंत्री के सामने रखकर समाधान निकालने का आश्वासन दिया था. लेकिन, इस घटना के 25 दिन बाद भी अभी तक सरकार की ओर से अभ्यर्थियों की मांगों पर कोई सुनवाई नहीं की जा रही है. बीते 600 से अधिक दिनों से इको गार्डन में प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों ने बीते एक सप्ताह से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आवास, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के आवास, कैबिनेट मंत्री स्वतंत्र देव सिंह के आवास, भाजपा कार्यालय सहित प्रदेश के सभी राजनीतिक दलों के कार्यालय के बाहर लगातार प्रदर्शन करते आ रहे हैं.
अपना दल एस कार्यालय का घेराव करने पहुंचे अभ्यर्थियों का कहना है कि 69000 शिक्षक भर्ती की प्रक्रिया में सरकार की ओर से आरक्षण नियम में घोर लापरवाही करते हुए गलत अभ्यर्थियों को नियुक्ति प्रदान की गई है. सरकार के गलत आरक्षण लगाने के कारण प्रदेश के पिछड़े दलित समाज से आने वाले अभ्यर्थी अपना हक पाने से वंचित रह गए हैं. आंदोलन कर रहे अभ्यर्थियों ने बताया कि इस संबंध में कई बार आंदोलन के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मामले का संज्ञान खुद ले चुके हैं. मुख्यमंत्री ने अभ्यर्थियों की मांगों को सही मानते हुए संबंधित विभाग के अधिकारियों को विसंगति दूर करते हुए पीड़ित दलित पिछड़े वर्ग के अभ्यर्थियों को नियुक्ति दिए जाने का आदेश अधिकारियों को दिया था.
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