नई दिल्ली: राजधानी में संचालित किए जा रहे नर्सिंग होम और प्राइवेट अस्पतालों पर एंटी करप्शन ब्रांच (एसीबी) ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. दरसअल दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना के आदेश के बाद अब एसीबी ने सभी नर्सिंग होम के रजिस्ट्रेशन से लेकर लाइसेंस और नियमों की जांच तेज कर दी है. बताया जा रहा है कि अब तक यमुनापार के करीब 35 से ज्यादा नर्सिंग होम्स की जांच पूरी कर ली गई है.
एसीबी को दिए गए थे जांच के आदेश
इस बीच देखा जाए तो दो दिन पहले ही दिल्ली के उपराज्यपाल के आदेशों के बाद दिल्ली सरकार के विजिलेंस विभाग के स्पेशल सेक्रेटरी वाईवीवीजे राजशेखर की ओर से इन सभी प्राइवेट नर्सिंग होम्स की जांच करने संबंधी आदेश एसीबी को दिए गए थे. नर्सिंग होम्स की जांच करने के बाद रिपोर्ट एक सप्ताह के भीतर यानी 5 जून तक एक्शन टेकन रिपोर्ट के रूप में देने के आदेश भी दिए थे. दिल्ली में करीब 1190 प्राइवेट नर्सिंग होम संचालित हो रहे हैं.
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ये हुई कार्रवाई: बेबी केयर सेंटर अग्निकांड के बाद अब नर्सिंग होम्स की जांच की जा रही है. मामले की गहनता से जांच करने के लिए एसीबी को आदेश दिए गए थे. साथ ही यह भी कहा गया था कि उन सभी अफसरों और विभागों की संलिप्तता का पता लगाया जाए, जिन्होंने अस्पताल को रजिस्ट्रेशन और लाइसेंस आदि जारी किया. बता दें कि विवेक विहार अग्निकांड और दूसरे अन्य मामलों में जांच पूरी होने के बाद दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज के ओएसडी डॉ. आर एन दास को एलजी के आदेश पर सस्पेंड कर दिया गया था. डॉ. आर एन दास को सस्पेंड करने के दौरान उनसे जुड़े कई मामलों का विस्तार से खुलासा भी किया गया था, जिसमें उन्होंने डीजीएचएस में पद पर रहते हुए घोर अनियमिताएं बरती थीं.
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