अलवर: एसीबी के इतिहास का संभवत: यह पहला मामला है, जब एसीबी ने खुद की ओर से की गई ट्रैप की कार्रवाई को निरस्त कर अपने ही शिकायतकर्ता के खिलाफ पुलिस में धोखाधड़ी का मामला शिवाजी पार्क थाने में दर्ज कराया है. एसीबी ने गुरुवार को अलवर में कोर्ट परिसर के गेट के बाहर सड़क पर रुपए गिनते हुए होमगार्ड के आरक्षक सहजुददीन को 30 हजार रुपए की रिश्वत लेने के मामले में गिरफ्तार किया था. गिरफ्तारी के दौरान भी सहजुददीन ने ट्रैप की कार्रवाई को गलत बताते हुए यह राशि प्लाट की अग्रिम पेमेंट के रूप में लेना बताया था. बाद में जांच के दौरान यह मामला झूठा पाया गया.
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के महानिदेशक डॉ रवि प्रकाश मेहरड़ा ने बताया कि गत 22 अगस्त को परिवादी महबूब अली की ओर से एसीबी अलवर प्रथम कार्यालय में स्वयं का हस्तलिखित प्रार्थना पत्र प्रस्तुत कर रिश्वत मांग पर कार्रवाई करने का उल्लेख किया. इस शिकायत के आधार पर नियमानुसार कार्रवाई कर 29 अगस्त को सहजुददीन होमगार्ड के खिलाफ ट्रैप कार्रवाई की गई. ट्रैप कार्रवाई के दौरान रिश्वत राशि के आदान-प्रदान के क्रम में डिजिटल वॉयस रिकॉर्डर में करवाई गई रिकॉर्डिंग सुनने के बाद विरोधाभाषी एवं संदिग्ध तथ्य पाए जाने पर एसीबी टीम की ओर से प्रकरण की विस्तृत जांच की गई.
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जांच के दौरान खुलासा हुआ कि महबूब अली, मकसूर और कपिल ने मिलकर सहजुददीन खान के खिलाफ रचा. उन्होंने कपिल को सहजुददीन के रूप में प्रस्तुत कर एसीबी में फर्जी रिश्वत मांग का सत्यापन करवाया. महबूब अली, मकसूर व कपिल ने षड़यंत्रपूर्वक होमगार्ड में भर्ती करवाने के नाम पर रिश्वत मांग का रिकॉर्ड वार्तालाप कराया. बाद में 450 वर्गगज के तीन प्लाट के बदले 30 हजार रुपए की राशि सहजुददीन को देने की योजना बनाई. इस मामले में तीनों व्यक्तियों की ओर से तथ्यों को छुपाते हुए षड़यंत्र कर ट्रैप की कार्रवाई करवाई.
इस मामले में एसीबी प्रथम इकाई के ट्रैप अधिकारी उप अधीक्षक महेन्द्र कुमार ने पुलिस थाना शिवाजी पार्क में आरोपियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता 2023 व सूचना प्रौद्योगिकी संशोधन अधिनियम 2018 के तहत धोखाधड़ी एवं कूटकरण का मामला दर्ज कराया गया. शिवाजी पार्क थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की है.