रांचीः एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने शुक्रवार को झारखंड सरकार के जल संसाधन विभाग के सेक्शन अफसर सहित दो को 15 हजार रुपये रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया है. सेक्शन अफसर के द्वारा अपने ही एक कर्मचारी के इलाज के लिए विभाग के द्वारा स्वीकृत राशि को देने के लिए रिश्वत मांगी जा रही थी.
सत्यापन के बाद कार्रवाई
झारखंड सरकार की एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने शुक्रवार को नेपाल हाउस स्थित झारखंड मंत्रालय के जल संसाधन विभाग में छापेमारी कर सेक्शन अफसर ममता झरना एक्का और अपर डिविजन क्लर्क विजय कुमार को गिरफ्तार किया है. दोनों आरोपियों को एसीबी ने 15 हजार घूस लेते रंगेहाथ दबोचा. इसके बाद एसीबी की टीम ने ममता झरना के मारिया हाईट्स अपार्टमेंट डिबडीह स्थित फ्लैट में भी सर्च किया. ये दोनों अपने ही विभाग के निम्नवर्गीय लिपिक मैरी नाग से चिकित्सा प्रतिपूर्ति की राशि जारी करने के एवज में 50 हजार की घूस मांग रहे थे.
किडनी बीमारी से पीड़ित है मैरी, फिर भी सहकर्मी मांग रहे थे घूस
रांची के धुर्वा के डैम साइड सिंचाई कॉलोनी में रहनेवाली मैरी नाग ने एसीबी में शिकायत की थी कि उनके चिकित्सा प्रतिपूर्ति के लिए 6.77 लाख रुपये की स्वीकृति हुई है. इस स्वीकृति राशि को जारी करने के लिए ममता झरना एक्का के द्वारा 50 हजार की घूस मांगी जा रही है. शिकायत मिलने के बाद एसीबी की डीएसपी नीरा प्रभा टोप्पो ने मामले का सत्यापन किया. जिसके बाद आरोप को सही पाया गया. एसीबी की टीम ने इसके बाद घूस लेते रंगेहाथ दोनों कर्मियों को दबोचा.
मैरी ने एसीबी को बताया कि साल 2018 से ही वह किडनी की बीमारी से ग्रसित हैं, तब उनके पिता ने चिकित्सा प्रतिपूर्ति के लिए जल संसाधन विभाग में आवेदन दिया था. काफी प्रयास के बाद छह साल बाद इस राशि को देने की स्वीकृति मिली थी लेकिन विभाग के ही कर्मियों ने घूस लिए बिना इसे जारी करने से इंकार कर दिया था. जिसके बाद वो पूरा मामला एंटी करप्शन ब्यूरो में ले कर गई.
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