नई दिल्लीः दिल्ली में एक तरफ वाहनों के पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल (पीयूसी) जांच का रेट कम बढ़ाने के विरोध में करीब 700 पेट्रोल पंप पर पीयूसी जांच केंद्रों को बंद कर दिया है. दूसरी ओर दिल्ली सरकार लोगों से अन्य अधिकृत प्रदूषण जांच केंद्रों का विकल्प अपनाने की अपील कर रही. दिल्ली में करीब 300 अन्य अधिकृत पॉल्यूशन जांच केंद्र हैं. जहां जाकर लोग वाहनों के प्रदूषण की जांच करा सकते हैं.
परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने एक्स पर पोस्ट डालकर कहा कि दिल्ली में पेट्रोल पंपों के अलावा करीब 300 अन्य स्थानों पर सरकार द्वारा अधिकृत प्रदूषण जांच केंद्र हैं, जहां पर नियमित रूप से वाहनों की प्रदूषण की जांच हो रही है. सोमवार को इन केंद्रों पर 1375 वाहनों की प्रदूषण की जांच की गई. मंगलवार को शाम करीब 5 बजे तक करीब 1464 वाहनों की प्रदूषण की जांच हुई.
जैसा आप सभी को ज्ञात है कि हड़ताल की वजह से पेट्रोल पंप पर वाहनों की प्रदूषण जाँच नहीं हो पा रही है।
— Kailash Gahlot (@kgahlot) July 16, 2024
दिल्ली में पेट्रोल पंप के अलावा लगभग 300 अन्य स्थानों पर दिल्ली सरकार द्वारा अधिकृत प्रदूषण जाँच केंद्र कार्य कर रहे हैं।
कल इन प्रदूषण जाँच केंद्रों पर 1375 वाहनों की जाँच की…
परिवहन मंत्री ने कहा कि उनकी सूची परिवहन विभाग की वेबसाईट transport.delhi.gov.in/transport/list पर है. उन्होंने सभी वाहन चालकों से अपील करते हुए कहा कि जब तक पेट्रोल पंपों पर स्थित प्रदूषण जांच केंद्रों की हड़ताल चल रही है. तब तक वाहन चालक दिल्ली सरकार के इन 300 केंद्रों पर अपने वाहनों की प्रदूषण जांच करा सकते हैं. इसके साथ ही दिल्ली सरकार कुछ और प्रदूषण जांच केंद्र खोलने पर विचार कर रही है.
परिवहन मंत्री ने कहा कि जांच केंद्र स्थापित करने के लिए 2.5x2.5 का एक केबिन, मशीनें, बिजली का कनेक्शन चाहिए. प्रदूषण जांच केंद्र स्थापित करने के लिए आवेदन की प्रक्रिया जल्द शुरू होगी. जांच केंद्र स्थापित करने की जगह देने के लिए आरडब्ल्यूए भी तैयार हैं. आरडब्ल्यूए के साथ ही बड़े-बड़े होटल समेत व्यवसायिक केंद्रों से जल्द बातचीत शुरू की जाएगी.
बीती 11 जुलाई को दिल्ली सरकार ने दिल्ली पेट्रोल डीलर्स एसोसिएशन के अनुरोध पर वाहनों की प्रदूषण की जांच की दरों में वृद्धि की घोषणा की है. यह शुल्क वृद्धि 2011 के बाद से नहीं की गई थी. शुल्क में वृद्धि पर कैलाश गहलोत ने कहा था कि दिल्ली पेट्रोल डीलर्स एसोसिएशन की लंबे समय से लंबित मांगों के मद्देनजर और प्रदूषण जांच सेवाओं की बढ़ती लागत को ध्यान में रखते हुए सरकार ने दरों में संशोधन करने का निर्णय लिया है.
दूसरी तरफ दिल्ली पेट्रोल डीलर्स एसोसिएशन ने शुल्क में और वृद्धि की मांग करते हुए हड़ताल शुरू कर दी. इस वजह से वाहनों की प्रदूषण की जांच प्रभावित हो रही है. पेट्रोल, सीएनजी, या एलपीजी (जैव ईंधन सहित) दो और तीन पहिया वाहनों के प्रदूषण जांच का शुल्क 60 से 80 रुपये किए गया है. पेट्रोल, सीएनजी, या एलपीजी (जैव-ईंधन सहित) चार पहिया वाहनों और उससे ऊपर की श्रेणियों के लिए 110 रुपये किया गया है. डीजल से चलने वाले वाहनों के लिए 140 रुपये किया गया है.