नई दिल्ली: दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना के आदेश पर दिल्ली महिला आयोग में अस्थायी रूप से कार्यरत 223 कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया गया है. दिल्ली महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष और आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल ने LG पर आयोग को बंद करने का आरोप लगाया है. स्वाति ने 'ETV भारत' को बताया कि LG ने अस्थाई कर्मचारियों को बर्खास्त करने का तुगलकी फरमान जारी किया है. हम इसके खिलाफ सड़कों पर उतरेंगे.
यह दर्शाता है कि वह पूरी तरह से महिला विरोधी हैं. इसके लिए उन्हें शर्म आनी चाहिए. वर्तमान में 90 महिलाएं DCW में काम करती हैं, उनमें से 8 स्थाई कर्मचारी हैं. अगर यह आदेश जारी हो जाता है तो 82 लोगों को हटा दिया जाएगा. इसके बाद दिल्ली महिला आयोग का काम करना मुश्किल हो जाएगा. डीसीडब्ल्यू के हेल्पलाइन नंबर पर रोजाना हजारों कॉल्स आती हैं. 500 महिलाएं खुद आकर शिकायत दर्ज करवाती हैं. अब ये सब काम कैसे होंगे?
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वह आगे बताती हैं कि दिल्ली महिला आयोग की टीम ने बहुत बड़े काम किए हैं. इस टीम ने पिछले 8 वर्षों में एक लाख 70 हजार केस की सुनवाई की है. वहीं हेल्पलाइन नंबर पर 40 लाख कॉल्स आई हैं. इस टीम की रेप क्राइसेस सेल ने कोर्ट की सुनवाई में 2 लाख महिलाओं की मदद की है. 60 लाख शारीरिक शोषण की शिकार महिलाओं की काउंसलिंग की है. महिला पंचायतों के द्वारा 2 लाख केस हैंडल किए हैं. लेकिन अगर टीम को ही हटा दिया जाएगा तो काम कैसे होगा?
स्वाति का आरोप है कि LG द्वारा बिना सोचे-समझे आदेश जारी किया गया है. कहा कि वह एक अच्छी टीम को खत्म करना चाहते हैं. इस फरमान का मैं पुरजोर विरोध करती हूं. साथ ही आदेश के विरोध और कर्मचारियों की बहाली की मांग को लेकर प्रदर्शन किया जाएगा. उन्होंने बताया कि अब DCW की टीम कानूनी रास्ता अपनाते हुए कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगी.
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