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तीन दिन से भू समाधि में बैठा युवक, मां ने दी सीएम के सामने आत्मदाह करने की चेतावनी, सांसद बोलीं- युवक को न्याय दे सरकार - bhumi samadhi of a youth - BHUMI SAMADHI OF A YOUTH

भरतपुर शहर में अनुकंपा नियुक्ति की मांग को लेकर पिछले तीन दिन से भू समाधि में बैठा है. युवक की मां ने सीएम के सामने आत्मदाह की चेतावनी दी है. भरतपुर सांसद संजना जाटव शुक्रवार को युवक के पास गई और बोली कि यह मामला मैं संसद में उठाउंगी. उन्होंने राज्य की भाजपा सरकार से युवक को नौकरी देने की मांग की.

bhumi samadhi of a youth
तीन दिन से भू समाधि में बैठा युवक (photo etv bharat bharatpur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jun 14, 2024, 2:31 PM IST

मां ने दी सीएम के सामने आत्मदाह करने की चेतावनी (वीडियो ईटीवी भारत भरतपुर)

भरतपुर. शहर के सीएम जन सुनवाई केंद्र के बाहर तीन दिन से एक युवक भू-समाधि में बैठा है. युवक को नियमों का हवाला देकर प्रशासन ने अनुकंपा नियुक्ति देने से इनकार कर दिया. अब युवक की मां ने अनुकंपा नियुक्ति नहीं मिलने पर सीएम के सामने आत्मदाह करने की चेतावनी दी है. इस बीच, भरतपुर सांसद संजना जाटव शुक्रवार को मौके पर पहुंचीं और भाजपा सरकार से युवक को न्याय देने की मांग की. साथ ही कहा कि वह युवक की मांग को संसद में भी उठाएंगी.

डीग जिले के कुम्हेर क्षेत्र के गांव लखन का नगला (पैंगोर) निवासी राधेश्याम उर्फ गौरव बीते तीन दिन से अनुकंपा नियुक्ति की मांग को लेकर भरतपुर शहर के सीएम जन सुनवाई केंद्र के सामने भू-समाधि लेकर बैठा है. युवक की मां माया देवी ने बताया कि युवक ने तीन दिन से खाना भी नहीं खाया है. वह अपने पिता की मौत के बाद तीन साल से अनुकंपा नियुक्ति के लिए नेता, मंत्री और अधिकारियों के आगे पीछे चक्कर काट रहा है. मंत्री जवाहर सिंह बेढम और पूर्व मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने भी युवक को नियुक्ति का आश्वासन दिया था. युवक की मां माया देवी ने कहा कि उनके पति जवाहर सिंह ने सीआरपीएफ में रहकर देश की सेवा की थी, लेकिन अब उनकी मौत के बाद बेटा को अनुकंपा नियुक्ति नहीं दी जा रही. माया ने चेतावनी दी कि यदि उनके बेटे को अनुकंपा नियुक्ति नहीं दी गई तो वह मुख्यमंत्री के सामने जाकर आत्महत्या कर लेंगी.

पढ़ें: दौसा में मांग मनवाने के लिए टावर पर चढ़े दो युवक, दी आत्मदाह की चेतावनी

युवक के पिता को नहीं था शहीद का दर्जा: अतिरिक्त जिला कलेक्टर नीरज कुमार मीणा ने बताया कि जवाहर सिंह के आश्रित पुत्र राधेश्याम उर्फ गौरव द्वारा पिता के स्थान पर नियुक्ति देने के लिए 1 फरवरी 2021 को आवेदन पत्र प्रस्तुत किया गया था, लेकिन नियमानुसार प्रार्थी के आवेदन पत्र के साथ पिता के शहीद होने सम्बन्धी दस्तावेज संलग्न नहीं है. इस कारण नियुक्ति प्रदान नहीं की गई. जवाहर सिंह की मृत्यु तेज बुखार होने से घर पर हुई थी. इस कारण उन्हें शहीद की श्रेणी में नहीं रखा गया. इस कारण राधेश्याम उर्फ गौरव को कार्मिक (क-2) विभाग राजस्थान जयपुर की अधिसूचना 1 अक्टूबर 2002 एवं 7 दिसम्बर 2022 के तहत आश्रित के रूप में अनुकम्पा नियुक्ति नहीं दी गई है. उन्होंने कहा कि वैसे भी आवेदक युवक डीग जिले का है. मामला भरतपुर कार्यालय से 19 अक्टूबर 2023 को डीग जिला कलक्टर को भेज दिया गया है.

संसद में उठाऊंगी मुद्दा: शुक्रवार को भरतपुर सांसद संजना जाटव भी युवक के पास पहुंची. यहां पर उन्होंने युवक राधेश्याम और उसकी मां से मुलाकात की. सांसद संजना ने कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार युवक को न्याय दे. वे इस मुद्दे को संसद में भी उठाएंगी.

यह भी पढ़ें: अनुकंपा नियुक्ति की मांग को लेकर 24 घंटे से भू समाधि लगाकर बैठा युवक, समझाइश में जुटा प्रशासन

25 साल पहले पिता की मौत हुई थी: गौरतलब है कि युवक राधेश्याम के पिता जवाहर सिंह सीआरपीएफ की 114 बटालियन में तैनात थे. वर्ष 1999 में युवक के पिता की रांची से नीमच में फील्ड ऑपरेशन में जाने के दौरान तबियत खराब हो गई थी, जिनकी बाद में मौत हो गई थी. युवक बीते तीन साल से अनुकंपा नियुक्ति के लिए स्थानीय अधिकारी, नेता और मंत्रियों के चक्कर काट रहा है, लेकिन हर जगह से उसे सिर्फ आश्वासन मिल रहा है. युवक पहले भी राष्ट्रपति को पत्र लिखकर इच्छा मृत्यु की मांग भी कर चुका है.

मां ने दी सीएम के सामने आत्मदाह करने की चेतावनी (वीडियो ईटीवी भारत भरतपुर)

भरतपुर. शहर के सीएम जन सुनवाई केंद्र के बाहर तीन दिन से एक युवक भू-समाधि में बैठा है. युवक को नियमों का हवाला देकर प्रशासन ने अनुकंपा नियुक्ति देने से इनकार कर दिया. अब युवक की मां ने अनुकंपा नियुक्ति नहीं मिलने पर सीएम के सामने आत्मदाह करने की चेतावनी दी है. इस बीच, भरतपुर सांसद संजना जाटव शुक्रवार को मौके पर पहुंचीं और भाजपा सरकार से युवक को न्याय देने की मांग की. साथ ही कहा कि वह युवक की मांग को संसद में भी उठाएंगी.

डीग जिले के कुम्हेर क्षेत्र के गांव लखन का नगला (पैंगोर) निवासी राधेश्याम उर्फ गौरव बीते तीन दिन से अनुकंपा नियुक्ति की मांग को लेकर भरतपुर शहर के सीएम जन सुनवाई केंद्र के सामने भू-समाधि लेकर बैठा है. युवक की मां माया देवी ने बताया कि युवक ने तीन दिन से खाना भी नहीं खाया है. वह अपने पिता की मौत के बाद तीन साल से अनुकंपा नियुक्ति के लिए नेता, मंत्री और अधिकारियों के आगे पीछे चक्कर काट रहा है. मंत्री जवाहर सिंह बेढम और पूर्व मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने भी युवक को नियुक्ति का आश्वासन दिया था. युवक की मां माया देवी ने कहा कि उनके पति जवाहर सिंह ने सीआरपीएफ में रहकर देश की सेवा की थी, लेकिन अब उनकी मौत के बाद बेटा को अनुकंपा नियुक्ति नहीं दी जा रही. माया ने चेतावनी दी कि यदि उनके बेटे को अनुकंपा नियुक्ति नहीं दी गई तो वह मुख्यमंत्री के सामने जाकर आत्महत्या कर लेंगी.

पढ़ें: दौसा में मांग मनवाने के लिए टावर पर चढ़े दो युवक, दी आत्मदाह की चेतावनी

युवक के पिता को नहीं था शहीद का दर्जा: अतिरिक्त जिला कलेक्टर नीरज कुमार मीणा ने बताया कि जवाहर सिंह के आश्रित पुत्र राधेश्याम उर्फ गौरव द्वारा पिता के स्थान पर नियुक्ति देने के लिए 1 फरवरी 2021 को आवेदन पत्र प्रस्तुत किया गया था, लेकिन नियमानुसार प्रार्थी के आवेदन पत्र के साथ पिता के शहीद होने सम्बन्धी दस्तावेज संलग्न नहीं है. इस कारण नियुक्ति प्रदान नहीं की गई. जवाहर सिंह की मृत्यु तेज बुखार होने से घर पर हुई थी. इस कारण उन्हें शहीद की श्रेणी में नहीं रखा गया. इस कारण राधेश्याम उर्फ गौरव को कार्मिक (क-2) विभाग राजस्थान जयपुर की अधिसूचना 1 अक्टूबर 2002 एवं 7 दिसम्बर 2022 के तहत आश्रित के रूप में अनुकम्पा नियुक्ति नहीं दी गई है. उन्होंने कहा कि वैसे भी आवेदक युवक डीग जिले का है. मामला भरतपुर कार्यालय से 19 अक्टूबर 2023 को डीग जिला कलक्टर को भेज दिया गया है.

संसद में उठाऊंगी मुद्दा: शुक्रवार को भरतपुर सांसद संजना जाटव भी युवक के पास पहुंची. यहां पर उन्होंने युवक राधेश्याम और उसकी मां से मुलाकात की. सांसद संजना ने कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार युवक को न्याय दे. वे इस मुद्दे को संसद में भी उठाएंगी.

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25 साल पहले पिता की मौत हुई थी: गौरतलब है कि युवक राधेश्याम के पिता जवाहर सिंह सीआरपीएफ की 114 बटालियन में तैनात थे. वर्ष 1999 में युवक के पिता की रांची से नीमच में फील्ड ऑपरेशन में जाने के दौरान तबियत खराब हो गई थी, जिनकी बाद में मौत हो गई थी. युवक बीते तीन साल से अनुकंपा नियुक्ति के लिए स्थानीय अधिकारी, नेता और मंत्रियों के चक्कर काट रहा है, लेकिन हर जगह से उसे सिर्फ आश्वासन मिल रहा है. युवक पहले भी राष्ट्रपति को पत्र लिखकर इच्छा मृत्यु की मांग भी कर चुका है.

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