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शिक्षिका बोली- सरस्वती का शिक्षा में क्या योगदान ? तस्वीर नहीं लगाऊंगी, यहां जानिए पूरा मामला - शिक्षा में क्या योगदान

राजस्थान में बारां जिले के लकडाई में गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान माता सरस्वती की तस्वीर नहीं लगाने की बात पर ग्रामीणों और शिक्षिका में नोक-झोंक हो गई, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.

villagers protested on Republic Day
टीचर और ग्रामीणों में नोक झोंक का वीडियो
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jan 27, 2024, 12:03 PM IST

टीचर और ग्रामीणों में नोक झोंक का वीडियो

बारां. जिले के किशनगंज तहसील के राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय लकडाई में गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान ग्रामीणों व विद्यालय की एक शिक्षिका में नोक-झोंक का मामला सामने आई है. यह नोक-झोंक कार्यक्रम में सरस्वती की तस्वीर नहीं लगाने को लेकर थी. ग्रामीणों की मांग थी कि कार्यक्रम में माता सरस्वती की तस्वीर लगाया जाए, जबकि शिक्षिका तस्वीर नहीं लगाने पर जोर देती नजर आई. इस बहस का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.

दरअसल, लकड़ाई सरकारी स्कूल में गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान महापुरुषों की तस्वीरें लगाई गई थी. शिक्षिका ने महात्मा गांधी और भीमराव अंबेडकर और सावित्री बाई फुले की तस्वीर लगा दी, लेकिन मां सरस्वती की तस्वीर को दरकिनार किया. इस पर आक्रोशित ग्रामीणों ने शिक्षिका का भारी विरोध किया और इस बीच दोनों की तीखी नोक-झोंक भी सामने आई. वीडियो में ग्रामीणों व शिक्षिका में बहस हो रही है, जिसमें ग्रामीण कार्यक्रम के दौरान सरस्वती माता की तस्वीर लगाने पर अड़े हुए हैं, जबकि शिक्षिका कह रही है कि मैंने सावित्री बाई फुले की तस्वीर लगा दी है, अब सरस्वती की तस्वीर की जरूरत नहीं.

इस दौरान ग्रामीण बोलते हुए नजर आ रहे हैं कि बच्चों की देवी सरस्वती हैं, जिस पर शिक्षिका ने कहा कि बच्चों की देवी सावित्री बाई फुले हैं. ग्रामीणों ने शिक्षिका से पूछा कि सरस्वती को किस स्कूल में नहीं पूजते ? इस पर शिक्षिका ने कहा कि मैं सरस्वती की तस्वीर नहीं लगाऊंगी. सरस्वती की तस्वीर लगाने का कोई औचित्य नहीं है. शिक्षिका ग्रामीणों ने बराबस बहस करती नजर आई.

इसे भी पढ़ें- उत्साह, उमंग और उल्लास से मनाया गया 75 वां गणतंत्र दिवस, राज्य स्तरीय समारोह में राज्यपाल कलराज मिश्र ने राष्ट्रीय ध्वज फहराया

शिक्षा में सरस्वती का क्या योगदान ? : वीडियो में देखा जा सकता है कि इसके बाद शिक्षिका ने किसी अधिकारी को फोन कर ग्रामीणों की ओर से डाले जा रहे दबाव से अवगत कराया. शिक्षिका अधिकारी से भी फोन पर पूछती नजर आई कि सरस्वती का शिक्षा के क्षेत्र में क्या योगदान है ? आखिर सरस्वती की तस्वीर स्कूल में क्यों लगाई जाए ? सारे विवाद के बीच ग्रामीण सरस्वती की तस्वीर उठाकर सभी तस्वीरों के साथ रख देते हैं.

जांच कर करेंगे उचित कार्रवाई : जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक पीयूश कुमार शर्मा ने बताया कि मामला मेरे संज्ञान में आ चुका है. हेमलता नाम की शिक्षिका ग्रामीणों से विवाद करती दिख रही है. मैंने बीईओ को पूरे मामले की जांच करने को कहा है, इसके बाद उचित कार्रवाई की जाएगी.

टीचर और ग्रामीणों में नोक झोंक का वीडियो

बारां. जिले के किशनगंज तहसील के राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय लकडाई में गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान ग्रामीणों व विद्यालय की एक शिक्षिका में नोक-झोंक का मामला सामने आई है. यह नोक-झोंक कार्यक्रम में सरस्वती की तस्वीर नहीं लगाने को लेकर थी. ग्रामीणों की मांग थी कि कार्यक्रम में माता सरस्वती की तस्वीर लगाया जाए, जबकि शिक्षिका तस्वीर नहीं लगाने पर जोर देती नजर आई. इस बहस का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.

दरअसल, लकड़ाई सरकारी स्कूल में गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान महापुरुषों की तस्वीरें लगाई गई थी. शिक्षिका ने महात्मा गांधी और भीमराव अंबेडकर और सावित्री बाई फुले की तस्वीर लगा दी, लेकिन मां सरस्वती की तस्वीर को दरकिनार किया. इस पर आक्रोशित ग्रामीणों ने शिक्षिका का भारी विरोध किया और इस बीच दोनों की तीखी नोक-झोंक भी सामने आई. वीडियो में ग्रामीणों व शिक्षिका में बहस हो रही है, जिसमें ग्रामीण कार्यक्रम के दौरान सरस्वती माता की तस्वीर लगाने पर अड़े हुए हैं, जबकि शिक्षिका कह रही है कि मैंने सावित्री बाई फुले की तस्वीर लगा दी है, अब सरस्वती की तस्वीर की जरूरत नहीं.

इस दौरान ग्रामीण बोलते हुए नजर आ रहे हैं कि बच्चों की देवी सरस्वती हैं, जिस पर शिक्षिका ने कहा कि बच्चों की देवी सावित्री बाई फुले हैं. ग्रामीणों ने शिक्षिका से पूछा कि सरस्वती को किस स्कूल में नहीं पूजते ? इस पर शिक्षिका ने कहा कि मैं सरस्वती की तस्वीर नहीं लगाऊंगी. सरस्वती की तस्वीर लगाने का कोई औचित्य नहीं है. शिक्षिका ग्रामीणों ने बराबस बहस करती नजर आई.

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शिक्षा में सरस्वती का क्या योगदान ? : वीडियो में देखा जा सकता है कि इसके बाद शिक्षिका ने किसी अधिकारी को फोन कर ग्रामीणों की ओर से डाले जा रहे दबाव से अवगत कराया. शिक्षिका अधिकारी से भी फोन पर पूछती नजर आई कि सरस्वती का शिक्षा के क्षेत्र में क्या योगदान है ? आखिर सरस्वती की तस्वीर स्कूल में क्यों लगाई जाए ? सारे विवाद के बीच ग्रामीण सरस्वती की तस्वीर उठाकर सभी तस्वीरों के साथ रख देते हैं.

जांच कर करेंगे उचित कार्रवाई : जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक पीयूश कुमार शर्मा ने बताया कि मामला मेरे संज्ञान में आ चुका है. हेमलता नाम की शिक्षिका ग्रामीणों से विवाद करती दिख रही है. मैंने बीईओ को पूरे मामले की जांच करने को कहा है, इसके बाद उचित कार्रवाई की जाएगी.

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