भरतपुर : अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के जयपुर प्रांत के 60वें अधिवेशन के दौरान उस समय हंगामा मच गया, जब महाराजा सूरजमल बृज विश्वविद्यालय भरतपुर के कुलपति प्रो. रमेश चंद्र का एक छात्र विष्णु खैमरा ने रास्ता रोक लिया. छात्र ने कुलपति पर अपनी स्नातक डिग्री रद्द करने का आरोप लगाया, जिससे अधिवेशन का माहौल गरमा गया. यह घटना भरतपुर के यूआईटी ऑडिटोरियम के बाहर हुई. कुलपति ने सभी आरोपों को गलत ठहराते हुए डिग्री रद्द करने के कदम को विश्वविद्यालय के नियमों का हवाला देते हुए सही बताया है.
गलत तरीके से रद्द की गई डिग्री : छात्र विष्णु ने आरोप लगाया कि कुलपति ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए उसकी डिग्री रद्द कर दी. छात्र ने कहा कि "मेरी डिग्री बिना किसी ठोस कारण के रद्द कर दी गई है, जिससे मेरा भविष्य अंधकार में पड़ गया है. यह अन्यायपूर्ण फैसला मेरी मेहनत और करियर के साथ खिलवाड़ है."
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नियमों के तहत लिया गया फैसला : इस आरोप पर प्रतिक्रिया देते हुए कुलपति प्रो. रमेश चंद्र ने कहा, "मैं उस छात्र को व्यक्तिगत रूप से नहीं जानता. विश्वविद्यालय के नियमों के अनुसार, यदि किसी विद्यार्थी पर आपराधिक मामले दर्ज होते हैं, तो उसकी डिग्री रद्द कर दी जाती है. यह फैसला नियमों के अनुरूप लिया गया है, न कि किसी व्यक्तिगत दुश्मनी के कारण."
राज्यपाल की मौजूदगी में गरमाया मामला : कार्यक्रम में राजस्थान के राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद थे. उद्घाटन समारोह के दौरान युवाओं और शिक्षा के महत्व पर जोर दिया गया, लेकिन समारोह के समापन के बाद यह विवाद चर्चा का मुख्य विषय बन गया. डिग्री रद्द करने के इस मुद्दे पर छात्र संगठनों ने विरोध जताया है. उनका कहना है कि यदि किसी छात्र पर आपराधिक मामला दर्ज है, तो उसकी जांच पूरी होने तक डिग्री रद्द नहीं की जानी चाहिए. उन्होंने विश्वविद्यालय प्रशासन से पारदर्शिता की मांग की है और कहा है कि इस फैसले की समीक्षा होनी चाहिए.