कोटा : अजमेर से जबलपुर के बीच चलने वाली ट्रेन संख्या 12182 दयोदय एक्सप्रेस के एयर कंडीशन कोच में यात्रियों को सांप नजर आया. इसके बाद यात्रियों ने सांप का फोटो खींच लिया, जिसके बाद पूरे कोच में हड़कंप मच गया. जैसे ही ट्रेन कोटा जंक्शन पर पहुंची. उस कोच में सवार सभी यात्री जल्दी से नीचे उतर गए. सूचना पर कोच अटेंडेंट और सुपरवाइजर भी मौके पर पहुंचे. उन्होंने सांप को कोच से बाहर निकालने का प्रयास किया.
उसके बाद वैगन रिपेयर करने वाले जूनियर इंजीनियर मौके पर पहुंचे और सांप को पकड़ने की इन सब की कोशिश नाकाम रही. वहीं, रेलवे ने स्नेक कैचर गोविंद शर्मा को इसकी सूचना दी. इसके बाद गोविंद शर्मा वहां पहुंचे और देखा कि सांप कोच के वुडन प्लाई के अंदर छिपकर बैठा था.
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काफी मशक्कत के बाद भी जब सांप का रेस्क्यू नहीं हो पाया तो ट्रेन कोच को हटाने का निर्णय लिया गया. हालांकि, बाद में इस कोच को हटाने की जगह कोच को बंद कर दिया गया और यात्रियों को दूसरे कोच में शिफ्ट कर ट्रेन को रवाना किया गया. यही वजह है कि मंगलवार देर रात करीब 10 बजे कोटा से रवाना होने वाली ट्रेन को करीब डेढ़ घंटे की देरी से रवाना किया गया.
इस दौरान यह ट्रेन काफी देर तक प्लेटफार्म नंबर चार पर खड़ी रही और यात्री कोच के बाहर सांप के निकलने का इंतजार करते रहे. दूसरी तरफ रेल मंत्री का भी कोटा रेल मंडल में मंगलवार को दौर था. इसमें जबलपुर महाप्रबंधक कार्यालय से भी बड़ी संख्या में अधिकारी पहुंचे थे. इनमें से कई अधिकारियों को इस ट्रेन से ही जबलपुर मुख्यालय पहुंचना था. यह अधिकारी भी प्लेटफार्म पर यात्रियों के साथ परेशान होते दिखे.
पानी में रहने वाला था सांप, पकड़ने के बाद हाथ से हो गया था स्लिप : स्नेक कैचर गोविंद शर्मा का कहना है कि सांप वाटर स्नेक चेकर्ड कीलबैक (फाउली पिस्केटर) था. यह कीचड़ या गंदगी में रहने वाला सांप है. यह बिल्कुल भी जहरीला नहीं होता है. इसे सामान्य भाषा में डेंडू भी कहा जाता है. उन्होंने सांप को पकड़ लिया था और हाथ में भी आ गया था, लेकिन वो स्लिप हो गया और ज्यादा अंदर चला. इसके बाद वो बाहर नहीं आ पाया और प्लाई को खोलना भी मुश्किल हो रहा था. इसीलिए उसे निकाला नहीं जा सका है.