पिथौरागढ़: उत्तराखंड की बदहाल स्वास्थ्य और शिक्षा व्यवस्था किसी से छिपी नहीं है. बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्थाओं के चलते कई बार लोग असमय अपनी जान गंवा रहे हैं. सरकार और सिस्टम को आईना दिखाने वाला एक तस्वीर सीमांत क्षेत्र पिथौरागढ़ जनपद के धारचूला से सामने आया है. जहां एक बीमार महिला को 10 किलोमीटर पैदल और 2 किलोमीटर पीठ पर लादकर कर ग्रामीण अस्पताल ले गए. जहां डॉक्टरों ने बुजुर्ग महिला को हायर सेंटर रेफर कर दिया है.
सामाजिक कार्यकर्ता और पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष पवन सिंह धामी ने बताया कि मामला धारचूला के जुम्मा गांव का है. पीएमजीएसवाई की एलागाड़-जुम्मा सड़क पिछले दो माह से बंद होने से ग्रामीणों को भारी परेशानी हो रही है. यहां तक की लोगों को गैस सिलेंडर भी उपलब्ध नहीं हो पा रहा है. बुजुर्ग और बीमार लोगों को लाने ले जाने के लिए डोली और पीठ का सहारा लेना पड़ रहा है.ग्राम पंचायत जुम्मा के तोक रौड़ा निवासी 46 वर्षीय कीड़ी देवी के पेट में अचानक से दर्द उठ गया.
महिला की पीड़ा देख परिजनों ने उन्हें लगभग 10 किमी पैदल चलकर सड़क तक पहुंचाया. वहां से पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष और सामाजिक कार्यकर्ता पवन सिंह धामी ने उन्हें अपनी पीठ में दो किमी तक ढोकर उबड़-खाबड़ मार्ग से मुख्य सड़क तक पहुंचाया. उसके बाद बीमार महिला के परिजन वाहन से सीएचसी धारचूला पहुंचे.डॉक्टर ने प्राथमिक उपचार कर बीमार महिला को जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया है.सामाजिक कार्यकर्ता पवन सिंह धामी ने बताया कि सड़क चौड़ीकरण कार्य के चलते पीएमजीएसवाई की एलागाड़-जुम्मा सड़क 500 मीटर क्षतिग्रस्त हो गई है.
सड़क के निर्माण के लिए कई बार प्रशासन से गुहार लगा चुके हैं लेकिन सड़क ठीक नहीं होने से ग्रामीणों को काफी फजीहत उठानी पड़ रही है. सामाजिक कार्यकर्ता पवन सिंह नेगी ने बताया कि सड़क टूटने के चलते लोगों के घरों तक खाद्यान्न और एलपीजी सिलेंडर तक नहीं पहुंच पा रहे हैं. ग्रामीणों ने सरकार और प्रशासन से सड़क को तुरंत दुरुस्त करने की मांग उठाई है. सामाजिक कार्यकर्ता पवन सिंह पूर्व में भी गांव के बीमार बुजुर्ग और महिलाओं को इस तरह से पीठ पर उठाकर अस्पताल तक पहुंचाते रहे हैं. इसके अलावा ग्रामीणों के राशन और गैस सिलेंडर को भी पहुंचने में मदद कर रहे हैं.
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