बांसवाड़ा. जिले के आंबापुरा क्षेत्र में वन विभाग की टीम को एक पैंथर सड़क किनारे घायल अवस्था में मिला. पैंथर को बिना ट्रेंकुलाइज किए ही अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे ट्रेंकुलाइज कर उपचार शुरू किया. पैंथर की उम्र करीब 2 वर्ष है. बांसवाड़ा क्षेत्रीय वन अधिकारी गोविंद सिंह ने बताया कि पैंथर कई जगह घायल है. उन्होंने बताया कि दो पैंथरों के संघर्ष में वह घायल हुआ है.
गोविंद सिंह ने बताया कि सुबह करीब 8 बजे झरी गांव के पूर्व सरपंच ने घायल पैंथर की सूचना दी. हम मौके पर पहुंचे तो हमें पैंथर सड़क किनारे बैठा मिला. उन्होंने कहा कि उसे ट्रेंकुलाइज नहीं किया जा सकता था, क्योंकि वह ज्यादा घायल अवस्था में था. उन्होंने बताया कि अगर ज्यादा घायल पैंथर को ट्रेंकुलाइज किया जाए तो उसकी जान भी जा सकती है, इसलिए जाल डालकर उसे पकड़ा गया और पिंजरे में रखकर उपचार के लिए पैंथर को अस्पताल में भर्ती कराया गया. डॉ. राजेश नावडे और उनकी टीम पैंथर का उपचार कर रही है. ठीक होने के बाद उच्च अधिकारियों से दिशा-निर्देश के बाद उसे छोड़ दिया जाएगा.
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मुंह और दोनों पंजे गंभीर रूप से घायल : अस्पताल में डॉक्टरों की टीम ने बताया कि पैंथर के मुंह पर चोट लगी है, दोनों पंजे भी घायल हैं और पूछ में हल्की चोट है. उन्होंने बताया कि पैंथर इस हालत में ज्यादा दूरी तक चल भी नहीं सकता है. डॉक्टर ने कहा कि उपचार शुरू कर दिया है, ठीक होने के बाद वन विभाग को सौंप दिया जाएगा.
16 किलोमीटर रहती है टेरिटरी : वन विभाग के अधिकारी ने बताया कि पैंथर की टेरिटरी करीब 16 किलोमीटर की होती है, यानी दिन में आराम से यह 16 किलोमीटर या 32 किलोमीटर तक दौड़ भाग कर सकता है. पैंथर को बेहद फुर्तीला और घातक माना जाता है. क्षेत्रीय वन अधिकारी ने बताया कि जिस जगह पैंथर मिला है, उस एरिया में पहले भी कई बार पैंथर देखे गए हैं.