कुचामनसिटी: खाद्य सुरक्षा योजना में फर्जी तरीके से नाम जुड़वाने वाले लोगों के खिलाफ पूरे राजस्थान 31 जनवरी के बाद कार्रवाई होगी. इस बीच खाद्य विभाग ने अपील की है कि ऐसे लोगों जो सक्षम हैं , फिर भी उनका नाम योजना में है, वे 31 जनवरी तक स्वयं अपना नाम हटवा सकते हैं. इसके बाद सरकार की ओर से ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई होगी. साथ ही उनसे वसूली भी की जाएगी.
जिला रसद अधिकारी उपेंद्र ढाका ने बताया कि खाद्य मंत्री के निर्देशानुसार पूरे राजस्थान में 'गिव अप अभियान' जोर-जोर से चलाया जा रहा है. इसके माध्यम से सभी नागरिकों से अपील की गई है कि सक्षम लोग खाद्य सुरक्षा योजना से स्वत: ही अपना नाम हटा लें. उन्होंने बताया कि जिस तरह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक बार गैस सिलेंडर की सब्सिडी छोड़ने का अभियान चलाया था. उसी प्रकार यह अभियान चलाया गया है.
ये लोग ले सकते हैं नाम वापस: जिला रसद अधिकारी ने अपील की कि वे लोग आगे चलकर आएं, जिनका राशन कार्ड में नाम है और सक्षम है. वे लोग अपना नाम राशन कार्ड से हटवा सकते हैं. इसमें तीन कैटेगरी हैं. पहली किसी के पास चौपहिया वाहन हो, दूसरी कोई आयकर दाता हो और तीसरी सरकारी नौकरी में हो और राशन का लाभ ले रहे हों. ऐसे लोग 31 जनवरी तक स्वयं आगे आकर अपनी स्वेच्छा से अपने नजदीकी राशन डीलर की दुकान पर आकर वहां फॉर्म भरकर अपना नाम हटवा सकते हैं.
उन्होंने बताया कि खाद्य मंत्री सुमित गोदारा का मुख्य उद्देश्य है कि गरीब तबके के लोगों के नाम इस योजना में ज्यादा से ज्यादा जोड़े जाएं. अभी भी प्रदेश में कई ऐसे परिवार हैं, जो गरीब तबके के हैं, लेकिन योजना में शामिल नहीं है. जबकि कई सक्षम लोग इससे जुड़े हुए हैं. इसलिए वे स्वयं अपना नाम हटाएं तो गरीब लोगों का नाम उसमें जोड़ा जा सकेगा. अभी तक जिले में सभी लोग बढ़-चढ़कर इसमें अपनी भूमिका निभा रहे हैं.
350 के नाम हटाए: ढाका ने बताया कि अभी तक नाम हटाने के लिए 2600 लोगों के आवेदन आ चुके हैं. 350 लोगों के नाम हटाए जा चुके हैं. सभी नाम हटाने वाले फार्मों की जांच कर लीगल कार्रवाई कर उन्हें हटाया जा रहा है. ढाका ने बताया कि 31 जनवरी के बाद में सक्षम लोगों को आईडेंटिफाई कर उनसे रिकवरी की जाएगी.