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आरओ एआरओ पेपर लीक: 15 लाख रुपए प्रति अभ्यर्थी तय हुआ सौदा, गाड़ी में बैठकर रटवाया था पेपर - RO ARO paper leak

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Apr 6, 2024, 10:19 AM IST

आरओ एआरओ की परीक्षा के पेपर लीक में पुलिस ने नया खुलासा किया है. चलिए जानते हैं इस बारे में.

RO ARO paper leak
RO ARO paper leak

लखनऊ: आरओ एआरओ की परीक्षा का पेपर लीक करवाकर उसे लखनऊ के एक मॉल के करीब गाड़ी खड़ी कर अभ्यर्थियों को रटाया गया था. कुछ को रीवा के एक रिसोर्ट में तो कुछ को पुलिस पेपर लीक के मास्टरमाइंड राजी नयन के अस्पताल में पेपर पढ़ाया गया. इसके बाद उन्हें पहुंचा दिया गया था उनके एग्जाम सेंटर. इन सब में 15 लाख रुपए प्रति अभ्यर्थी की कीमत तय हुई थी. ऐसी डील सिर्फ आरओ एआरओ परीक्षा में ही नही बल्कि यूपी पुलिस कांस्टेबल भर्ती पेपर, प्रारंभिक परीक्षा, टीजीटी 2021 परीक्षा में भी हुई थी. इस डील में अहम भूमिका निभाने वाले लखनऊ के एक कोचिंग संचालक अमित सिंह को यूपी एसटीएफ ने गिरफ्तार कर लिया है.


एएसपी एसटीएफ विशाल विक्रम सिंह ने बताया कि बीते दिनों यूपी पुलिस और आरओ एआरओ परीक्षा पेपर लीक मामले में मास्टरमाइंड राजीव नयन मिश्रा को गिरफ्तारी को गई थी. पूछताछ में उसने कोचिंग संचालक अमित सिंह का नाम उगला, जिसने यूपी में कई पेपर लीक में अहम भूमिका निभाई है. अमित सिंह राजीव नयन मिश्रा से पेपर खरीदता था, अभ्यर्थियों को पढ़वाता था और उन्हे एग्जाम दिलवाता था. ऐसे में एसटीएफ ने अमित सिंह को पूछताछ के लिए बुलाया था. पूछताछ पर अमित ने बताया कि वह गोमतीनगर में कामर्स की कोचिंग चलाता था. उसी दौरान दीपक दुबे बलिया के जरिए उसकी मुलाकात राजीव नयन उर्फ राहुल मिश्रा से हुई थी. अमित सिंह ने राजीव नयन को टीजीटी परीक्षा-2020/21 का पेपर पढाने के लिए रूपये 20 लाख दिया था. इतना ही नही राजीव से संपर्क होने के बाद से कई भर्ती परीक्षाओं में राजीव नयन को कैण्डिडेट उपलब्ध करा चुका है, जो पेपर के बदले मोटी रकम देते थे.

पूछताछ में अमित ने बताया कि राजीव नयन मिश्रा ने उसे पहले ही बताया था कि वो अभ्यर्थियों का इंतजाम करें जल्द ही यूपी पुलिस और आरओ एआरओ का पेपर उसके हाथ में होगा. अमित के मुताबिक, राजीव ने उसे बताया था कि अभ्यर्थियों को इकट्ठा कर उन्हे लखनऊ और प्रयागराज में पेपर रटाया जाएगा. इन दोनो ही परीक्षा के लिए 15 लाख रुपए प्रति अभ्यर्थी तय किया गया था. एसटीएफ के मुताबिक पेपर लीक करवा उसे कमाए गए पैसों से राजीव नयन ने प्रयागराज में जो आर्योग्यम अस्पताल बनवाया था. वह अभ्यर्थियों को वहीं पर ले जाकर पेपर पढ़वाता था. आरओ एआरओ व यूपी पुलिस पेपर भी प्रयागराज में ही पढ़ाया गया था. कुछ अभ्यर्थियों को लखनऊ में एक प्लासियों मॉल के पास गाड़ियों में बैठा कर पढ़ाया गया था. पेपर के दिन करीब दो घंटे पेपर रटाने के बाद सभी अभ्यर्थियों को एग्जाम सेंटर पहुंचा दिया गया.


एएसपी एसटीएफ ने बताया कि आरओ एआरओ के अलावा अमित ने यूपी पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा के लिए भी अभ्यर्थियों का इंतजाम किया था. उसने करीब 40 अभ्यर्थियों से डील कर उन्हे राजीव नयन मिश्रा के खास पुष्कर के साथ बस से रीवा भेजा था, जहां शिव शक्ति रिसोर्ट में सभी अभ्यर्थियों को पेपर पढ़वाया गया. जहां राजीव नयन मिश्रा खुद मौजूद था. एसटीएफ के मुताबिक, अमित सिंह पहले भी पेपर लीक मामले में मेरठ में जेल जा चुका है.


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लखनऊ: आरओ एआरओ की परीक्षा का पेपर लीक करवाकर उसे लखनऊ के एक मॉल के करीब गाड़ी खड़ी कर अभ्यर्थियों को रटाया गया था. कुछ को रीवा के एक रिसोर्ट में तो कुछ को पुलिस पेपर लीक के मास्टरमाइंड राजी नयन के अस्पताल में पेपर पढ़ाया गया. इसके बाद उन्हें पहुंचा दिया गया था उनके एग्जाम सेंटर. इन सब में 15 लाख रुपए प्रति अभ्यर्थी की कीमत तय हुई थी. ऐसी डील सिर्फ आरओ एआरओ परीक्षा में ही नही बल्कि यूपी पुलिस कांस्टेबल भर्ती पेपर, प्रारंभिक परीक्षा, टीजीटी 2021 परीक्षा में भी हुई थी. इस डील में अहम भूमिका निभाने वाले लखनऊ के एक कोचिंग संचालक अमित सिंह को यूपी एसटीएफ ने गिरफ्तार कर लिया है.


एएसपी एसटीएफ विशाल विक्रम सिंह ने बताया कि बीते दिनों यूपी पुलिस और आरओ एआरओ परीक्षा पेपर लीक मामले में मास्टरमाइंड राजीव नयन मिश्रा को गिरफ्तारी को गई थी. पूछताछ में उसने कोचिंग संचालक अमित सिंह का नाम उगला, जिसने यूपी में कई पेपर लीक में अहम भूमिका निभाई है. अमित सिंह राजीव नयन मिश्रा से पेपर खरीदता था, अभ्यर्थियों को पढ़वाता था और उन्हे एग्जाम दिलवाता था. ऐसे में एसटीएफ ने अमित सिंह को पूछताछ के लिए बुलाया था. पूछताछ पर अमित ने बताया कि वह गोमतीनगर में कामर्स की कोचिंग चलाता था. उसी दौरान दीपक दुबे बलिया के जरिए उसकी मुलाकात राजीव नयन उर्फ राहुल मिश्रा से हुई थी. अमित सिंह ने राजीव नयन को टीजीटी परीक्षा-2020/21 का पेपर पढाने के लिए रूपये 20 लाख दिया था. इतना ही नही राजीव से संपर्क होने के बाद से कई भर्ती परीक्षाओं में राजीव नयन को कैण्डिडेट उपलब्ध करा चुका है, जो पेपर के बदले मोटी रकम देते थे.

पूछताछ में अमित ने बताया कि राजीव नयन मिश्रा ने उसे पहले ही बताया था कि वो अभ्यर्थियों का इंतजाम करें जल्द ही यूपी पुलिस और आरओ एआरओ का पेपर उसके हाथ में होगा. अमित के मुताबिक, राजीव ने उसे बताया था कि अभ्यर्थियों को इकट्ठा कर उन्हे लखनऊ और प्रयागराज में पेपर रटाया जाएगा. इन दोनो ही परीक्षा के लिए 15 लाख रुपए प्रति अभ्यर्थी तय किया गया था. एसटीएफ के मुताबिक पेपर लीक करवा उसे कमाए गए पैसों से राजीव नयन ने प्रयागराज में जो आर्योग्यम अस्पताल बनवाया था. वह अभ्यर्थियों को वहीं पर ले जाकर पेपर पढ़वाता था. आरओ एआरओ व यूपी पुलिस पेपर भी प्रयागराज में ही पढ़ाया गया था. कुछ अभ्यर्थियों को लखनऊ में एक प्लासियों मॉल के पास गाड़ियों में बैठा कर पढ़ाया गया था. पेपर के दिन करीब दो घंटे पेपर रटाने के बाद सभी अभ्यर्थियों को एग्जाम सेंटर पहुंचा दिया गया.


एएसपी एसटीएफ ने बताया कि आरओ एआरओ के अलावा अमित ने यूपी पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा के लिए भी अभ्यर्थियों का इंतजाम किया था. उसने करीब 40 अभ्यर्थियों से डील कर उन्हे राजीव नयन मिश्रा के खास पुष्कर के साथ बस से रीवा भेजा था, जहां शिव शक्ति रिसोर्ट में सभी अभ्यर्थियों को पेपर पढ़वाया गया. जहां राजीव नयन मिश्रा खुद मौजूद था. एसटीएफ के मुताबिक, अमित सिंह पहले भी पेपर लीक मामले में मेरठ में जेल जा चुका है.


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