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भारतीय गणतंत्र का गवाह है झारखंड! इस पुस्तकालय में आज भी मौजूद है भारत के संविधान की एक प्रति

A copy of Indian Constitution kept in Dhanbad. 26 जनवरी 1950 को भारतीय संविधान देश में लागू हुआ. इसका गवाह झारखंड भी बना है. 1953 में स्थापित प्रदेश का ये राजकीय पुस्तकालय उन यादों को समेट कर रखा है. ईटीवी भारत की खास रिपोर्ट से जानिए, ये लाइब्रेरी क्यों है ऐतिहासिक.

A copy of Indian Constitution is present in Dhanbad State Library
धनबाद के राजकीय पुस्तकालय में भारत के संविधान की प्रति मौजूद है
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jan 25, 2024, 9:48 AM IST

ईटीवी भारत की ग्राउंड रिपोर्ट, धनबाद के राजकीय पुस्तकालय में आज भी मौजूद है भारत के संविधान की एक प्रति

धनबादः गणतंत्र दिवस की तैयारी जोरों पर है. देशभर में कई कार्यक्रमों का आयोजन होना है. ऐसे में धनबाद जिला भी इन तैयारियों में पीछे नहीं है. क्योंकि झारखंड का धनबाद जिला भारतीय गणतंत्र का गवाह है और उन तमाम यादों को आज भी सहेज कर रखा है. धनबाद के राजकीय पुस्तकालय में भारत के संविधान की प्रति मौजूद है. इस लाइब्रेरी का जायजा लिया ईटीवी भारत संवाददाता नरेंद्र कुमार ने.

गणतंत्र दिवस के इतिहास का गवाह धनबाद राजकीय पुस्तकालय है. साल 1953 में इस पुस्तकालय की स्थापना की गई थी, जिसे आज लोग मास्टर सोबरन मांझी राज्य पुस्तकालय के नाम से जानते हैं. गणतंत्र दिवस पर इस पुस्तकालय का नाम आना लाजिमी है. क्योंकि यहां भारतीय संविधान की एक प्रति मौजूद है. वह भारतीय संविधान जिस पर माननीय से लेकर आम लोगों के अधिकार और कर्तव्य निहित हैं. हमारा देश इसी संविधान पर प्रगति के पथ पर अग्रसर हो रहा है. धनबादवासियों के लिए यह काफी गौरव की बात है. जिला शिक्षा पदाधिकारी भूतनाथ रजवार कहते हैं कि धनबाद में भारतीय संविधान की प्रति का होना हमे गौरवान्वित करता है. देश की इतनी बड़ी धरोहर हमारे पास है. उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान की प्रति, पुस्तकालय में अध्ययन के लिए पहुंचने वाले छात्रों के बीच एक नई उर्जा भरने का काम करते हैं.

वहीं पुस्तकालय में अध्ययन के लिए पहुंचने वाले छात्रों में भी भारतीय संविधान की प्रति को लेकर उत्साह देखने को मिलता है. छात्रों का कहना है कि संविधान की प्रति को हम सामने से देख पाते हैं, इससे हमारे अंदर एक विशेष तरह की ऊर्जा संचार होता है. छात्रों ने कहा कि जिस उद्देश्य के तहत संविधान का निर्माण किया गया था. वर्तमान समय में हमारा देश उन उद्देश्यों को प्राप्त करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है.

26 जनवरी 1950 को भारतीय संविधान देश में लागू हुआ. जिसे हम सभी गणतंत्र दिवस के रूप में मनाते हैं. सर्वोच्च पद पर आसीन होने से पहले सभी माननीय सविधान की शपथ भी लेते हैं. भारतीय संविधान की प्रति धनबाद राजकीय पुस्तकालय में होने पर यहां के युवाओं में एक अलग सी अनुभूति देखने को मिलती है. इसके साथ ही युवा अपने आपको गौरवान्वित महसूस कर रहें हैं.

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ईटीवी भारत की ग्राउंड रिपोर्ट, धनबाद के राजकीय पुस्तकालय में आज भी मौजूद है भारत के संविधान की एक प्रति

धनबादः गणतंत्र दिवस की तैयारी जोरों पर है. देशभर में कई कार्यक्रमों का आयोजन होना है. ऐसे में धनबाद जिला भी इन तैयारियों में पीछे नहीं है. क्योंकि झारखंड का धनबाद जिला भारतीय गणतंत्र का गवाह है और उन तमाम यादों को आज भी सहेज कर रखा है. धनबाद के राजकीय पुस्तकालय में भारत के संविधान की प्रति मौजूद है. इस लाइब्रेरी का जायजा लिया ईटीवी भारत संवाददाता नरेंद्र कुमार ने.

गणतंत्र दिवस के इतिहास का गवाह धनबाद राजकीय पुस्तकालय है. साल 1953 में इस पुस्तकालय की स्थापना की गई थी, जिसे आज लोग मास्टर सोबरन मांझी राज्य पुस्तकालय के नाम से जानते हैं. गणतंत्र दिवस पर इस पुस्तकालय का नाम आना लाजिमी है. क्योंकि यहां भारतीय संविधान की एक प्रति मौजूद है. वह भारतीय संविधान जिस पर माननीय से लेकर आम लोगों के अधिकार और कर्तव्य निहित हैं. हमारा देश इसी संविधान पर प्रगति के पथ पर अग्रसर हो रहा है. धनबादवासियों के लिए यह काफी गौरव की बात है. जिला शिक्षा पदाधिकारी भूतनाथ रजवार कहते हैं कि धनबाद में भारतीय संविधान की प्रति का होना हमे गौरवान्वित करता है. देश की इतनी बड़ी धरोहर हमारे पास है. उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान की प्रति, पुस्तकालय में अध्ययन के लिए पहुंचने वाले छात्रों के बीच एक नई उर्जा भरने का काम करते हैं.

वहीं पुस्तकालय में अध्ययन के लिए पहुंचने वाले छात्रों में भी भारतीय संविधान की प्रति को लेकर उत्साह देखने को मिलता है. छात्रों का कहना है कि संविधान की प्रति को हम सामने से देख पाते हैं, इससे हमारे अंदर एक विशेष तरह की ऊर्जा संचार होता है. छात्रों ने कहा कि जिस उद्देश्य के तहत संविधान का निर्माण किया गया था. वर्तमान समय में हमारा देश उन उद्देश्यों को प्राप्त करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है.

26 जनवरी 1950 को भारतीय संविधान देश में लागू हुआ. जिसे हम सभी गणतंत्र दिवस के रूप में मनाते हैं. सर्वोच्च पद पर आसीन होने से पहले सभी माननीय सविधान की शपथ भी लेते हैं. भारतीय संविधान की प्रति धनबाद राजकीय पुस्तकालय में होने पर यहां के युवाओं में एक अलग सी अनुभूति देखने को मिलती है. इसके साथ ही युवा अपने आपको गौरवान्वित महसूस कर रहें हैं.

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