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बिहार में फर्जी सर्टिफिकेट पर बन गए गुरुजी, मुजफ्फरपुर में 9 शिक्षकों पर केस दर्ज, कई रडार पर

बिहार के मुजफ्फरपुर में 9 शिक्षकों पर फर्जीवाड़े का आरोप लगा है. ये फर्जी सर्टिफिकेट लगाकर 12 साल से विभाग को चूना लगा रहे थे.

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बिहार में फर्जी सर्टिफिकेट पर बन गए गुरुजी (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Oct 8, 2024, 7:06 PM IST

मुजफ्फरपुर : बिहार के मुजफ्फरपुर में फर्जी सर्टिफिकेट लगाकर पिछले 10 से 12 सालों से पढ़ा रहे गुरुजी निगरानी विभाग की रडार पर हैं. इस मामले में निगरानी अन्वेषण ब्यूरो के इंस्पेक्टर उपेन्द्र कुमार ने मुजफ्फरपुर के विभिन्न प्रखंडों में फर्जी प्रमाण पत्र लगाकर बढ़ा रहे शिक्षकों पर केस दर्ज कराया है.

9 शिक्षकों पर केस दर्ज : इस केस में मुजफ्फरपुर के सरैया प्रखंड के 6, गायघाट के दो और कटरा के एक शिक्षक का नाम शामिल है. सभी पर यह आरोप है कि करीब 10 से 12 वर्षों से नौकरी कर रहे हैं और सरकार का लाखों रुपए वेतन उठा रहे हैं. निगरानी विभाग के सूत्रों की मानें तो नियोजन इकाई की भी इस फर्जीवाड़े के खेल में संलिप्तता हो सकती है.

विजिलेंस विभाग की कार्रवाई : निगरानी के इंस्पेक्टर उपेंद्र कुमार ने बताया कि बड़े पैमाने पर शिक्षकों के द्वारा असम के गुवाहाटी स्थित SCERT संस्थान के शिक्षक प्रशिक्षण सर्टिफिकेट जारी किया गया. सिर्फ यह 10 शिक्षकों का सर्टिफिकेट जांच में ऐसा खुलासा हुआ है. आने वाले पूर्व के लगभग 50 से अधिक के शिक्षक जांच के दायरे में हैं, जिनका सर्टिफिकेट इस संस्थान से जुड़ा है.

इन शिक्षकों ने किया फ्रॉड : आपको बता दें कि सरैया प्रखंड के बाघ नगरी उत्क्रमित मध्य विद्यालय बालक की शिक्षिका प्रीति कुमारी, मनोरंजन कुमार, तुरकौलिया उत्क्रमित मध्य विद्यालय में उर्दू के शिक्षक अनवर उल हक, उत्क्रमित मध्य विद्यालय बीरपुर की शिक्षिका रिंकी कुमारी, वंदना कुमारी और उत्क्रमित मध्य विद्यालय राघव छपरा के शिक्षक अरविंद कुमार पर सरिया थाने में केस दर्ज कराया गया है.

लटकी गिरफ्तारी की तलवार : वहीं गायघाट उत्क्रमित मध्य विद्यालय रौना मुसहर के शिक्षक सुबोध कुमार और मध्य विद्यालय चोरनिया की शिक्षिका नीतू कुमारी पर गायघाट थाने में, साथ ही साथ उत्क्रमित मध्य विद्यालय विशंभर पट्टी पश्चिम के शिक्षक अमित कुमार पर कटरा थाने में मामला दर्ज कराया गया है. मामला दर्ज होने के बाद अब शिक्षा माफियाओं में खौफ शुरू हो गया है और चर्चाओं का बाजार भी गर्म हो गया है.

नियोजन इकाई पर भी शंका : चर्चा ये है कि 50 से अधिक शिक्षक जो विभिन्न जगहों पर कर्जरात हैं क्या उनका भी सर्टिफिकेट असम के संस्थान के द्वारा फर्जी के तरीके से जारी किया गया था? अब सवाल उठता है कि नियोजन इकाई कैसी जांच पड़ताल की है कि करीब 10 से 12 वर्षों से नौकरी कर रहे हैं गुरुजी और सरकार का लाखों रुपए का वेतन उठा रहे हैं.

12 साल की सैलरी भी वसूली जाएगी : हालांकि निगरानी अन्वेषण ब्यूरो के द्वारा नियोजन इकाई भी शक के दायरे में आई है. संलिप्त की आशंका जताई गई है. नियोजन इकाई में शामिल लोगों की भी जांच होगी. लेकिन फिलहाल मुजफ्फरपुर में फर्जीवाड़े में पकड़े गए 9 शिक्षकों की मुश्किलें अब बढ़ गई है. ऐसे में सरकार द्वारा उठाए गए वेतन को भी वापस करना होगा और जेल भी जाना पड़ेगा.

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मुजफ्फरपुर : बिहार के मुजफ्फरपुर में फर्जी सर्टिफिकेट लगाकर पिछले 10 से 12 सालों से पढ़ा रहे गुरुजी निगरानी विभाग की रडार पर हैं. इस मामले में निगरानी अन्वेषण ब्यूरो के इंस्पेक्टर उपेन्द्र कुमार ने मुजफ्फरपुर के विभिन्न प्रखंडों में फर्जी प्रमाण पत्र लगाकर बढ़ा रहे शिक्षकों पर केस दर्ज कराया है.

9 शिक्षकों पर केस दर्ज : इस केस में मुजफ्फरपुर के सरैया प्रखंड के 6, गायघाट के दो और कटरा के एक शिक्षक का नाम शामिल है. सभी पर यह आरोप है कि करीब 10 से 12 वर्षों से नौकरी कर रहे हैं और सरकार का लाखों रुपए वेतन उठा रहे हैं. निगरानी विभाग के सूत्रों की मानें तो नियोजन इकाई की भी इस फर्जीवाड़े के खेल में संलिप्तता हो सकती है.

विजिलेंस विभाग की कार्रवाई : निगरानी के इंस्पेक्टर उपेंद्र कुमार ने बताया कि बड़े पैमाने पर शिक्षकों के द्वारा असम के गुवाहाटी स्थित SCERT संस्थान के शिक्षक प्रशिक्षण सर्टिफिकेट जारी किया गया. सिर्फ यह 10 शिक्षकों का सर्टिफिकेट जांच में ऐसा खुलासा हुआ है. आने वाले पूर्व के लगभग 50 से अधिक के शिक्षक जांच के दायरे में हैं, जिनका सर्टिफिकेट इस संस्थान से जुड़ा है.

इन शिक्षकों ने किया फ्रॉड : आपको बता दें कि सरैया प्रखंड के बाघ नगरी उत्क्रमित मध्य विद्यालय बालक की शिक्षिका प्रीति कुमारी, मनोरंजन कुमार, तुरकौलिया उत्क्रमित मध्य विद्यालय में उर्दू के शिक्षक अनवर उल हक, उत्क्रमित मध्य विद्यालय बीरपुर की शिक्षिका रिंकी कुमारी, वंदना कुमारी और उत्क्रमित मध्य विद्यालय राघव छपरा के शिक्षक अरविंद कुमार पर सरिया थाने में केस दर्ज कराया गया है.

लटकी गिरफ्तारी की तलवार : वहीं गायघाट उत्क्रमित मध्य विद्यालय रौना मुसहर के शिक्षक सुबोध कुमार और मध्य विद्यालय चोरनिया की शिक्षिका नीतू कुमारी पर गायघाट थाने में, साथ ही साथ उत्क्रमित मध्य विद्यालय विशंभर पट्टी पश्चिम के शिक्षक अमित कुमार पर कटरा थाने में मामला दर्ज कराया गया है. मामला दर्ज होने के बाद अब शिक्षा माफियाओं में खौफ शुरू हो गया है और चर्चाओं का बाजार भी गर्म हो गया है.

नियोजन इकाई पर भी शंका : चर्चा ये है कि 50 से अधिक शिक्षक जो विभिन्न जगहों पर कर्जरात हैं क्या उनका भी सर्टिफिकेट असम के संस्थान के द्वारा फर्जी के तरीके से जारी किया गया था? अब सवाल उठता है कि नियोजन इकाई कैसी जांच पड़ताल की है कि करीब 10 से 12 वर्षों से नौकरी कर रहे हैं गुरुजी और सरकार का लाखों रुपए का वेतन उठा रहे हैं.

12 साल की सैलरी भी वसूली जाएगी : हालांकि निगरानी अन्वेषण ब्यूरो के द्वारा नियोजन इकाई भी शक के दायरे में आई है. संलिप्त की आशंका जताई गई है. नियोजन इकाई में शामिल लोगों की भी जांच होगी. लेकिन फिलहाल मुजफ्फरपुर में फर्जीवाड़े में पकड़े गए 9 शिक्षकों की मुश्किलें अब बढ़ गई है. ऐसे में सरकार द्वारा उठाए गए वेतन को भी वापस करना होगा और जेल भी जाना पड़ेगा.

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