मेरठ: 83 साल के बुजुर्ग एथलीट हरवीर सिंह के सामने आज भी नौजवान फेल हैं. इनकी फुर्ती और उत्साह को देखकर पता ही नहीं लगता कि ये 80 से ज्यादा बसंत देख चुके हैं. हाल ही में अयोध्या में आयोजित पंडित दीनदयाल उपाध्याय प्रथम अंतरर्राष्ट्रीय भारत मास्टर्स एथलेटिक्स प्रतियोगिता 2024 में उन्होंने तीन गेम्स में हिस्सा लिया और अपनी श्रेणी के हजारों प्रतियोगियों को पीछे छोड़ कर तीनों में गोल्ड मेडल देश को दिलाए. देश के कई बड़े आयोजनों में मेडल जीत चुके हरवीर सिंह की बस अब एक ही तमन्ना है कि, मदद मिले तो वो वर्ल्ड मास्टर्स एथलेटिक्स चैंपियनशिप में भाग ले सकें.
मेरठ के रजपुरा गांव के रहने वाले हरवीर सिंह यूं तो 83 साल के हैं, लेकिन इस उम्र में भी उनकी फिटनेस का अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि अब तक सैकड़ों मेडल अलग अलग गेम्स में जीतकर अपने नाम कर चुके हैं. इस उम्र में भी गांव, जिले, प्रदेश और देश का झंडा बुलंद किए हुए हैं. अभी अयोध्या में उन्होंने तीन गोल्ड जीते. पिछले साल भी हरवीर सिंह ने चेन्नई में आयोजित हुई 42वीं नेशनल मास्टर्स एथलेटिक्स चैंपियनशिप में बाधा दौड़ में अलग-अलग 3 श्रेणी में हिस्सा लिया था और तीनों में ही उन्होंने गोल्ड मेडल देश के लिए जीते थे.
ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए हरवीर सिंह बताते हैं कि, बचपन से ही खेल प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने का शौक रहा है, कुछ समस्याएं आईं जिसके चलते उन्होंने खेल से मजबूरी में दूरी बना ली. लेकिन 34 साल बाद 2014 में दोबारा से खेलना शुरू कर दिया.
हरवीर सिंह बताते हैं कि वह जो कुछ कर रहे हैं ईश्वर की मर्जी है. वह तो बस प्रयास करते हैं. ईश्वर के आशीर्वाद से ही सबकुछ होता है. हरवीर सिंह ने बताया कि, बीते दिनों गाज़ियाबाद में भी एक प्रतियोगिता में प्रतिभाग किया था. जहां पांच गेम्स में हिस्सा लिया और सभी में फर्स्ट आए.
हरवीर सिंह का कहना है कि, वह अब तक सैंकड़ों मेडल जीत चुके हैं. वह कहते हैं कि सादा जीवन जीते हैं, मांस मदिरा तम्बाकू को कभी उन्होंने छुआ नहीं. घर में जो मिल जाए वहीं खाते हैं और नियमित दूध पीते हैं. उन्होंने कहा कि, नियमित रूप से कोई व्यायाम भी वह नहीं करते, लेकिन खुद को फिट रखने के लिए खेतों पर परिवार के सदस्यों के साथ वह घूमने चले जाते हैं.
बुजुर्ग एथलीट का कहना है कि, उनका सपना है कि एक बार अपनी उम्र वर्ग की वर्ल्ड लेवल प्रतियोगिता में खेलने का मौका मिले और वह पूरी दुनिया में देश का नाम रोशन कर पाएं.हरवीर सिंह चाहते हैं कि सरकार को बुजुर्ग खिलाडियों की मदद करनी चाहिए, ताकि देश का नाम सारी दुनिया में हो.
हरवीर सिंह कहते हैं कि, जब 83 साल की उम्र में मैं अपने सपने पूरे कर सकता हूं तो अपने सपनों को उड़ान देने के लिए युवा और नई पीढ़ी भी आगे आए. उनका कहना कि कि उनकी बातें और यह मेहनत का जज्बा कुछ लोगों को भी प्रभावित कर पाए बस यही वह चाहते हैं.
बता दें कि, अयोध्या में पिछले महीने 5 जून से शुरू हुए पंडित दीनदयाल उपाध्याय प्रथम अंतर्राष्ट्रीय आमंत्रण भारत मास्टर्स एथलीट एथलीट्स प्रतियोगिता में 80 से अधिक आयु वर्ग में हरवीर सिंह ने दो किलोमीटर वॉक रेस प्रतियोगिता, 1500 मीटर दौड़ में गोल्ड और 5 किलोमीटर दौड़ में स्वर्ण पदक जीता था और 7 जून को प्रतियोगिता का समापन हुआ था. क्षेत्रीय क्रीड़ा अधिकारी योगेंद्रपाल सिंह कहते हैं कि, हरवीर सिंह जिले की शान हैं. समय समय पर अलग अलग आयोजनों में वह युवाओं में जोश भरने का काम भी करते हैं.
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