7th Pay Commission Refuse DA Arrear : रक्षाबंधन से पहले केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनकर्मियों के लिए दुखद खबर है. डीए के एरियर की आस लगाए बैठे केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनकर्मियों को एक बार फिर निराशा झेलनी पड़ेगी. कोरोना काल के वक्त सरकारी कर्मचारियों का जो 18 महीने का डीए रोका गया था. उसका एरियर मिलने की उम्मीद को वित्त राज्य मंत्री ने खत्म कर दिया है. जी हां राज्यसभा में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने यह साफ कर दिया है कि 18 महीने का जो डीए रोका गया था, उसका एरियर अब नहीं दिया जाएगा. ऐसे में एमपी के कई केंद्रीय कर्मचारी भी निराश हैं.
अभी डीए का एरियर बढ़ाना संभव नहीं
यह बयान सामने आने के बाद मध्य प्रदेश में मौजूद कई कर्मचारियों को तगड़ा झटका लगा है. बता दें जब रोके गए डीए को लेकर राष्ट्रीय परिषद के प्रतिनिधियों सहित कई कर्मचारी संगठनों ने पत्र लिखकर डीए का एरियर बढ़ाने की मांग की थी. साथ ही पीएम मोदी को भी पत्र लिखकर उन्होंने एरिएयर बढ़ाने की गुहार लगाई थी. कर्मचारियों की आस पर मंगलवार को उस वक्त पानी फिर गया जब वित्त राज्य मंत्री ने राज्यसभा में एक सवाल पर जवाब दिया. वित्त राज्य मंत्री पंकज चौथरी ने कहा कि कोरोना काल में अर्थव्यवस्था की हालत ठीक नहीं होने के चलते डीए रोका गया था. उस समय सरकार पर आर्थिक दबाव था. एरियर बढ़ाने को लेकर कई कर्मचारियों के आवेदन मिले हैं, लेकिन अभी इन सभी का एरियर देना संभव नहीं है.'
एमपी के केंद्रीय कर्मचारियों में आक्रोश
वित्त राज्य मंत्री के इस बयान के साथ ही एरियर बढ़ने की सारी तस्वीर साफ हो गई है. आपको बता दें मध्य प्रदेश में लगभग 450,000 नियमित कर्मचारी हैं. इनमें केन्द्रीय कर्मचारियों की भी संख्या शामिल है. विभिन्न संस्थाओं, अर्ध-सरकारी, शहरी और ग्रामीण स्थानीय निकायों में 300,000 कर्मचारी हैं. केन्द्रीय कर्मचारियों की एमपी में अच्छी खासी संख्या है. प्रदेश में मौजूद इन सभी खिलाड़ियों को केंद्र सरकार से बड़ा झटका मिला है. इस खबर के बाद से ही वे आक्रोशित हैं.
सड़कों पर उतरेंगे कर्मचारी
केंद्रीय कर्मचारी समन्वय समिति के महासचिव यशवंत पुरोहित ने बताया कि 'केंद्रीय कर्मचारियों को जून 2020, जुलाई 2020 और जनवरी 2021 में जो 4-4 प्रतिशत डीए मिलना था. सरकार ने उस समय कोविड काल का हवाला देते हुए, इसे आर्थिक हालात ठीक होने पर देने की बात कही थी, लेकिन अब आर्थिक हालात ठीक होने के बाद भी देने से मना कर रही है. केंद्रीय कर्मचारियों की 8 लंबित मांगों में से एक मांग रुके हुए डीए को देने की भी थी, लेकिन सरकार के इस रवैये के खिलाफ कर्मचारियों में रोष है और वो इसे सड़कों तक लेकर जाएंगे.'
एमपी से दिल्ली तक उठाएंगे आवाज
वहीं वेस्ट सेंट्रल रेलवे मजदूर संघ के अध्यक्ष राजेश पांडे ने बताया कि 'सरकार एक बार कोरोना काल में भी कर्मचारियों के साथ वादा खिलाफी कर चुकी है. अब फिर वहीं कर रही है. इससे सरकार को केंद्रीय कर्मचारियों की नाराजगी भी झेलनी पड़ सकती है. बीते 18 महीने का डीए कर्मचारियों का हक है और हम इसके लिए एमपी से दिल्ली तक आवाज उठाएंगे. यदि जरुरत पड़ी तो केंद्रीय कर्मचारी काम बंद हड़ताल करेंगे.