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बनारस के 700 गांव VDA में शामिल; स्मार्ट बनाने के लिए होंगे ये काम, बन रही प्लानिंग - 700 villages included in VDA - 700 VILLAGES INCLUDED IN VDA

वाराणसी विकास प्राधिकरण (VDA) के सीमा के विस्तार के बाद बनारस के लगभग 704 गांवों को प्राधिकरण में शामिल किया गया है. इसके साथ ही VDA इन गांवों को स्मार्ट बनाने पर भी काम करेगा.

स्मार्ट बनेंगे बनारस के 704 गांव.
स्मार्ट बनेंगे बनारस के 704 गांव. (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 14, 2024, 2:04 PM IST

वाराणसी: वाराणसी विकास प्राधिकरण (VDA) के सीमा के विस्तार के बाद बनारस के लगभग 704 गांवों को प्राधिकरण में शामिल किया गया है. नियमों के मुताबिक अब इन गांवों में भी किसी घर, कमर्शियल निर्माण के लिए प्राधिकरण की अनुमति जरूरी है. इसके साथ ही VDA इन गांवों को स्मार्ट बनाने पर भी काम करेगा. प्राधिकरण ने इस संदर्भ में पंचायत विभाग के साथ मिलकर एक प्लान तैयार किया है. जिसमें प्रतिवर्ष आने वाली 25 करोड़ रुपये की अवस्थाना निधि के जरिए इन गांवों को स्मार्ट बनने पर काम किया जाएगा.

वाराणसी विकास प्राधिकरण मोहनसराय कंन्नडीह, पड़ाव, राजा तालाब, सोयेपुर, जयापुर, सूजाबाद समेत 700 से ज्यादा गांवों को नए सिरे से डेवलप करने की तैयारी कर रहा है. इसमें बड़ागांव से लेकर सेवापुरी ब्लॉक तक में आने वाले गांवों को उनकी आबादी के हिसाब से चयनित करने की शुरुआत हुई है. वाराणसी विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष पुलकित गर्ग का कहना है कि प्राधिकरण अपने स्तर पर अवस्थापना निधि के जरिए गांवों के विकास की रूपरेखा तैयार करेगा, क्योंकि अब ग्रामीण क्षेत्र में पड़ने वाले रेजिडेंशियल या कमर्शियल निर्माण के लिए प्राधिकरण से अनुमति जरूरी है. जिस वजह से लोग अक्सर यह भी कहते हैं कि गांव में तो डेवलपमेंट हुआ ही नहीं तो, ऐसी हालत में प्राधिकरण इन गांवों में विकास कई काम करवाएगा.

गांवों में सीसी रोड, जिम और पार्क : बताया कि विकास प्राधिकरण और स्थापना निधि से गांव को स्मार्ट बनने के लिए काम करेगा. प्राधिकरण क्षेत्र में पड़ने वाले गांवों का नक्शा वीडीए की ओर से जिला पंचायत राज अधिकारी कार्यालय को सौंपा गया है. प्राधिकरण इन गांवों में पड़ने वाले सरकारी स्कूलों, पंचायत भवन, आंगनबाड़ी केंद्र, सीसी रोड, सुरक्षा की दृष्टि से सीसीटीवी कैमरे, नाली, जिम और पब्लिक एड्रेस सिस्टम के साथ ही छोटे-छोटे पार्कों को भी बनाएगा.

हर गांव पर खर्च होंगे 10 लाख रुपये: पुलकित गर्ग का कहना है कि पहले फेज में हमारी तरफ से हर गांव पर 10 लाख रुपए तक खर्च करने की तैयारी की जा रही है. हर वर्ष वीडीए की अवस्थाना निधि में लगभग 25 करोड रुपए आते हैं. इसी फंड से शहरी क्षेत्र में आने वाले गांवों को डेवलप करने का काम किया जाएगा. विकास प्राधिकरण की बोर्ड बैठक में इस पर फैसला भी लिया जा चुका है.

पंचायत के साथ मिलकर की जा रही प्लानिंग: इस बारे में मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु नागपाल का कहना है कि वाराणसी विकास प्राधिकरण के सीमा विस्तार के बाद प्राधिकरण की सीमा में लगभग 704 गांव आए हैं. जिनमें से अधिकांश गांव वाराणसी के शहरी सीमा में हैं. हालांकि इन गांव में अभी पंचायतें हैं. गांव में विकास कार्य पंचायत के जिम्मे है. इस वजह से आबादी के हिसाब से गांव में विकास किस तरह से किया जाए, किस काम की पहले जरूरत है, कहां सड़क बनाई जानी चाहिए, कहां ओपन जिम और कहां डेवलपमेंट के दूसरे काम किए जाएं, इसके लिए पंचायत के साथ मिलकर प्लानिंग तैयार की जा रही है. जनप्रतिनिधियों से भी बातचीत की गई है और उनसे भी प्लान मांगा गया है.

किस ब्लॉक में कितने गांव

  • चिरईगांव-85
  • बड़ागांव-04
  • आराजीलाइन-40
  • हरहुआ-122
  • चोलापुर-20
  • पिंडरा-23
  • सेवापुरी-67
  • काशी विद्यापीठ-83

यह भी पढ़ें : अखिलेश यादव के बयान पर भड़के रितेश्वर महाराज, कहा-सनातन को मानने वाले कभी यह बयान नहीं भूलेंगे - Sadguru Riteshwar Maharaj

वाराणसी: वाराणसी विकास प्राधिकरण (VDA) के सीमा के विस्तार के बाद बनारस के लगभग 704 गांवों को प्राधिकरण में शामिल किया गया है. नियमों के मुताबिक अब इन गांवों में भी किसी घर, कमर्शियल निर्माण के लिए प्राधिकरण की अनुमति जरूरी है. इसके साथ ही VDA इन गांवों को स्मार्ट बनाने पर भी काम करेगा. प्राधिकरण ने इस संदर्भ में पंचायत विभाग के साथ मिलकर एक प्लान तैयार किया है. जिसमें प्रतिवर्ष आने वाली 25 करोड़ रुपये की अवस्थाना निधि के जरिए इन गांवों को स्मार्ट बनने पर काम किया जाएगा.

वाराणसी विकास प्राधिकरण मोहनसराय कंन्नडीह, पड़ाव, राजा तालाब, सोयेपुर, जयापुर, सूजाबाद समेत 700 से ज्यादा गांवों को नए सिरे से डेवलप करने की तैयारी कर रहा है. इसमें बड़ागांव से लेकर सेवापुरी ब्लॉक तक में आने वाले गांवों को उनकी आबादी के हिसाब से चयनित करने की शुरुआत हुई है. वाराणसी विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष पुलकित गर्ग का कहना है कि प्राधिकरण अपने स्तर पर अवस्थापना निधि के जरिए गांवों के विकास की रूपरेखा तैयार करेगा, क्योंकि अब ग्रामीण क्षेत्र में पड़ने वाले रेजिडेंशियल या कमर्शियल निर्माण के लिए प्राधिकरण से अनुमति जरूरी है. जिस वजह से लोग अक्सर यह भी कहते हैं कि गांव में तो डेवलपमेंट हुआ ही नहीं तो, ऐसी हालत में प्राधिकरण इन गांवों में विकास कई काम करवाएगा.

गांवों में सीसी रोड, जिम और पार्क : बताया कि विकास प्राधिकरण और स्थापना निधि से गांव को स्मार्ट बनने के लिए काम करेगा. प्राधिकरण क्षेत्र में पड़ने वाले गांवों का नक्शा वीडीए की ओर से जिला पंचायत राज अधिकारी कार्यालय को सौंपा गया है. प्राधिकरण इन गांवों में पड़ने वाले सरकारी स्कूलों, पंचायत भवन, आंगनबाड़ी केंद्र, सीसी रोड, सुरक्षा की दृष्टि से सीसीटीवी कैमरे, नाली, जिम और पब्लिक एड्रेस सिस्टम के साथ ही छोटे-छोटे पार्कों को भी बनाएगा.

हर गांव पर खर्च होंगे 10 लाख रुपये: पुलकित गर्ग का कहना है कि पहले फेज में हमारी तरफ से हर गांव पर 10 लाख रुपए तक खर्च करने की तैयारी की जा रही है. हर वर्ष वीडीए की अवस्थाना निधि में लगभग 25 करोड रुपए आते हैं. इसी फंड से शहरी क्षेत्र में आने वाले गांवों को डेवलप करने का काम किया जाएगा. विकास प्राधिकरण की बोर्ड बैठक में इस पर फैसला भी लिया जा चुका है.

पंचायत के साथ मिलकर की जा रही प्लानिंग: इस बारे में मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु नागपाल का कहना है कि वाराणसी विकास प्राधिकरण के सीमा विस्तार के बाद प्राधिकरण की सीमा में लगभग 704 गांव आए हैं. जिनमें से अधिकांश गांव वाराणसी के शहरी सीमा में हैं. हालांकि इन गांव में अभी पंचायतें हैं. गांव में विकास कार्य पंचायत के जिम्मे है. इस वजह से आबादी के हिसाब से गांव में विकास किस तरह से किया जाए, किस काम की पहले जरूरत है, कहां सड़क बनाई जानी चाहिए, कहां ओपन जिम और कहां डेवलपमेंट के दूसरे काम किए जाएं, इसके लिए पंचायत के साथ मिलकर प्लानिंग तैयार की जा रही है. जनप्रतिनिधियों से भी बातचीत की गई है और उनसे भी प्लान मांगा गया है.

किस ब्लॉक में कितने गांव

  • चिरईगांव-85
  • बड़ागांव-04
  • आराजीलाइन-40
  • हरहुआ-122
  • चोलापुर-20
  • पिंडरा-23
  • सेवापुरी-67
  • काशी विद्यापीठ-83

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