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70 साल का जलयोगी; 32 साल से 8 घंटे पानी में रोज कर रहे योग, दावा- बीपी, डायबिटीज रहती है कंट्रोल में - Jalyogi of Agra - JALYOGI OF AGRA

आगरा के जलयोगी हरेश कुमार चतुर्वेद की, जो 70 साल के हैं और पिछले 32 साल से निरंतर जलयोग कर रहे हैं. हरेश की प्रसिद्धि इतनी है कि लोग उनके पास जलयोग सीखने के लिए आते हैं.

8 घंटे पानी में रोज योग कर रहे 70 साल के हरेश कुमार चतुर्वेदी.
8 घंटे पानी में रोज योग कर रहे 70 साल के हरेश कुमार चतुर्वेदी. (photo credit etv bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jun 18, 2024, 1:52 PM IST

Updated : Jun 18, 2024, 2:17 PM IST

8 घंटे पानी में रोज योग कर रहे 70 साल के हरेश कुमार चतुर्वेदी. (video credit etv bharat)

आगरा : खुद को फिट रखने के लिए सेहत के प्रति सचेत हर व्यक्ति योगासन को जरूरी मानता है. इसके फायदे बताता है. सुबह-सुबह घरों-पार्कों में लोग आपको योग करते दिख जाएंगे. लेकिन क्या आपने किसी ऐसे योगासन के बारे में सुना है जो पानी में किया जाता है और इससे कई तरह की बीमारियों को दूर रखने का दावा भी है. जी हां, हम बात कर रहे हैं आगरा के जलयोगी हरेश कुमार चतुर्वेदी की, जो 70 साल के हैं और पिछले 32 साल से निरंतर जलयोग कर रहे हैं. हरेश की प्रसिद्धि इतनी है कि लोग उनके पास जलयोग सीखने के लिए आते हैं. हरेश का दावा है कि जलयोग से बीपी और डायबिटीज कंट्रोल होती है. यदि माह में दो से चार बार भी जलयोग किया जाए तो जोड़ों के दर्द में राहत मिलेगी. आइए, जानते हैं जलयोग और जलयोगी हरेश कुमार चतुर्वेदी के बारे में.

जलयोगी के साथ वकील भी हैं हरेश

जिले की तहसील के तालगांव में हरेश कुमार चतुर्वेदी का जन्म हुआ. हाल में आगरा के खंदारी में स्थित आजाद नगर में रहते हैं. वे करीब 44 साल से वकालत भी कर रहे हैं. हरेश कुमार चतुर्वेदी ने बचपन में यमुना की धारा में तैरना सीखा. इसके बाद तैराकी का बेहतरीन प्रशिक्षण कोलकाता में हुबली नदी में लिया था. तीन साल तक तैराकी का प्रशिक्षण लिया. इसके साथ ही कुश्ती का प्रशिक्षण भी लिया. हरेश कुमार चतुर्वेदी की जलयोगी बनने की कहानी अनूठी है. 32 साल पहले बटेश्वर में यमुना में साधू ददुआ बाबा को जलयोग करते देखा था. इसके बाद कासगंज के कछला गंगा घाट पर गुजराती बाबा को पानी में भजन करते देखा. यहीं से हरेश कुमार ने जलयोगी करने की ठान ली. अब तक हुबली, यमुना, गंगा और ब्रह्मपुत्र नदी में जलयोग कर चुके हैं.

सात से आठ घंटे तक जलयोग

जलयोगी हरेश कुमार चतुर्वेदी कहते हैं कि लगातार सात से आठ घंटे तक योगासन करते हैं. उन्होंने दयाल बाग के एक स्‍वीमिंग पूल में जल की सतह पर तमाम जलयोग की क्रियाएं दिखाईं. उन्होंने कभी पानी में लेटे ध्यान किया तो कभी भजन. पानी में उनका अपने शरीर पर गजब का नियंत्रण देखने को मिला. पानी में रहकर कई योगासन किए.

स्वीमिंग कोच भी रहे

हरेश कुमार ने बताया कि हुबली से तैराकी का प्रशिक्षण लेकर जब आगरा लौटे तो एकलव्य स्पोर्ट्स स्टेडियम में स्वीमिंग कोच बन गए. एकलव्य स्पोर्ट्स स्टेडियम में कई जिलों के अधिकारियों, उनके परिजनों, युवाओं को स्वीमिंग की ट्रेनिंग दी. इसी दौरान योग और जलयोग से जुड़कर जलयोग के योगासन सिखाने लगे. कहते हैं, वकालत के साथ ही योग और जलयोग की ट्रेनिंग भी युवाओं को दे रहा हूं. जिससे बाढ या अन्य आपात की स्थिति में बच्चे और युवा अपनी जान के साथ ही दूसरे लोगों की जान बचा सकें.

पानी में प्राणायाम, पद्मासन, ब्रह्मासन, ताड़कासन

हरेश कुमार चतुर्वेदी ने बताया कि हमारे धार्मिक ग्रंथों में भी जल योग के बारे में जिक्र है. संत और महात्मा भी पानी में योग और पूजा करते थे. मैं भी पानी की सतह पर प्राणायाम, पद्मासन, ब्रह्मासन, ताड़कासन, गरुणासन, सूर्यनमस्कार, नासास्पर्शन, पार्वती आसन, उर्दपथ वज्रासन, मत्स्यासन, हलासन समेत करीब 50 योगासन करता हूं.

हुनर को पहचान दिलाने का सपना

जलयोगी हरेश कुमार कहते हैं, मेरा बस अब एक ही सपना है. प्रदेश और केंद्र सरकार उनका साथ दे. मेरी मदद करे. जिससे मैं अपना हुनर आगे आने वाली पीढ़ी सिखाकर उन्हें भी जलयोग में माहिर बना सकूं. इसे राष्ट्रीय स्तर पर खेल गतिविधि में शामिल किया जाए. जिससे जहां युवा दूसरों की जान बचाने के साथ ही जीविका भी जलयोग से पा सकेंगे. इसके साथ ही ऋषि और मुनियों की परंपरा भी आगे बढ़ाई जा सकेगी.

जलयोग करने के गजब फायदे

जलयोगी हरेश कुमार का दावा है कि योग का खूब प्रचार प्रसार हो रहा है. कई बीमारियों में योगासन रामबाण दवा की तरह काम करते हैं. मगर, जल में योग किया जाए तो इसके प्रभाव और बढ जाते हैं. जलयोगी हरेश कुमार का दावा है कि, जलयोग करने से बीपी कंट्रोल रहता है. डायबिटीज भी नियंत्रित रहती है. इसके साथ ही जलयोग से जोड़ों के दर्द में आराम मिलता है. जलयोग के अन्य भी तमाम फायदे हैं.

यह भी पढ़ें :यूपी में पतंजलि के नाम पर दूसरी ठगी: अब डॉक्टर से ऐठें 1.28 लाख, इंटरनेट से खोजा था नंबर, आचार्य बालकृष्ण जता चुके हैं मजबूरी - PATANJALI YOGA PEETH

8 घंटे पानी में रोज योग कर रहे 70 साल के हरेश कुमार चतुर्वेदी. (video credit etv bharat)

आगरा : खुद को फिट रखने के लिए सेहत के प्रति सचेत हर व्यक्ति योगासन को जरूरी मानता है. इसके फायदे बताता है. सुबह-सुबह घरों-पार्कों में लोग आपको योग करते दिख जाएंगे. लेकिन क्या आपने किसी ऐसे योगासन के बारे में सुना है जो पानी में किया जाता है और इससे कई तरह की बीमारियों को दूर रखने का दावा भी है. जी हां, हम बात कर रहे हैं आगरा के जलयोगी हरेश कुमार चतुर्वेदी की, जो 70 साल के हैं और पिछले 32 साल से निरंतर जलयोग कर रहे हैं. हरेश की प्रसिद्धि इतनी है कि लोग उनके पास जलयोग सीखने के लिए आते हैं. हरेश का दावा है कि जलयोग से बीपी और डायबिटीज कंट्रोल होती है. यदि माह में दो से चार बार भी जलयोग किया जाए तो जोड़ों के दर्द में राहत मिलेगी. आइए, जानते हैं जलयोग और जलयोगी हरेश कुमार चतुर्वेदी के बारे में.

जलयोगी के साथ वकील भी हैं हरेश

जिले की तहसील के तालगांव में हरेश कुमार चतुर्वेदी का जन्म हुआ. हाल में आगरा के खंदारी में स्थित आजाद नगर में रहते हैं. वे करीब 44 साल से वकालत भी कर रहे हैं. हरेश कुमार चतुर्वेदी ने बचपन में यमुना की धारा में तैरना सीखा. इसके बाद तैराकी का बेहतरीन प्रशिक्षण कोलकाता में हुबली नदी में लिया था. तीन साल तक तैराकी का प्रशिक्षण लिया. इसके साथ ही कुश्ती का प्रशिक्षण भी लिया. हरेश कुमार चतुर्वेदी की जलयोगी बनने की कहानी अनूठी है. 32 साल पहले बटेश्वर में यमुना में साधू ददुआ बाबा को जलयोग करते देखा था. इसके बाद कासगंज के कछला गंगा घाट पर गुजराती बाबा को पानी में भजन करते देखा. यहीं से हरेश कुमार ने जलयोगी करने की ठान ली. अब तक हुबली, यमुना, गंगा और ब्रह्मपुत्र नदी में जलयोग कर चुके हैं.

सात से आठ घंटे तक जलयोग

जलयोगी हरेश कुमार चतुर्वेदी कहते हैं कि लगातार सात से आठ घंटे तक योगासन करते हैं. उन्होंने दयाल बाग के एक स्‍वीमिंग पूल में जल की सतह पर तमाम जलयोग की क्रियाएं दिखाईं. उन्होंने कभी पानी में लेटे ध्यान किया तो कभी भजन. पानी में उनका अपने शरीर पर गजब का नियंत्रण देखने को मिला. पानी में रहकर कई योगासन किए.

स्वीमिंग कोच भी रहे

हरेश कुमार ने बताया कि हुबली से तैराकी का प्रशिक्षण लेकर जब आगरा लौटे तो एकलव्य स्पोर्ट्स स्टेडियम में स्वीमिंग कोच बन गए. एकलव्य स्पोर्ट्स स्टेडियम में कई जिलों के अधिकारियों, उनके परिजनों, युवाओं को स्वीमिंग की ट्रेनिंग दी. इसी दौरान योग और जलयोग से जुड़कर जलयोग के योगासन सिखाने लगे. कहते हैं, वकालत के साथ ही योग और जलयोग की ट्रेनिंग भी युवाओं को दे रहा हूं. जिससे बाढ या अन्य आपात की स्थिति में बच्चे और युवा अपनी जान के साथ ही दूसरे लोगों की जान बचा सकें.

पानी में प्राणायाम, पद्मासन, ब्रह्मासन, ताड़कासन

हरेश कुमार चतुर्वेदी ने बताया कि हमारे धार्मिक ग्रंथों में भी जल योग के बारे में जिक्र है. संत और महात्मा भी पानी में योग और पूजा करते थे. मैं भी पानी की सतह पर प्राणायाम, पद्मासन, ब्रह्मासन, ताड़कासन, गरुणासन, सूर्यनमस्कार, नासास्पर्शन, पार्वती आसन, उर्दपथ वज्रासन, मत्स्यासन, हलासन समेत करीब 50 योगासन करता हूं.

हुनर को पहचान दिलाने का सपना

जलयोगी हरेश कुमार कहते हैं, मेरा बस अब एक ही सपना है. प्रदेश और केंद्र सरकार उनका साथ दे. मेरी मदद करे. जिससे मैं अपना हुनर आगे आने वाली पीढ़ी सिखाकर उन्हें भी जलयोग में माहिर बना सकूं. इसे राष्ट्रीय स्तर पर खेल गतिविधि में शामिल किया जाए. जिससे जहां युवा दूसरों की जान बचाने के साथ ही जीविका भी जलयोग से पा सकेंगे. इसके साथ ही ऋषि और मुनियों की परंपरा भी आगे बढ़ाई जा सकेगी.

जलयोग करने के गजब फायदे

जलयोगी हरेश कुमार का दावा है कि योग का खूब प्रचार प्रसार हो रहा है. कई बीमारियों में योगासन रामबाण दवा की तरह काम करते हैं. मगर, जल में योग किया जाए तो इसके प्रभाव और बढ जाते हैं. जलयोगी हरेश कुमार का दावा है कि, जलयोग करने से बीपी कंट्रोल रहता है. डायबिटीज भी नियंत्रित रहती है. इसके साथ ही जलयोग से जोड़ों के दर्द में आराम मिलता है. जलयोग के अन्य भी तमाम फायदे हैं.

यह भी पढ़ें :यूपी में पतंजलि के नाम पर दूसरी ठगी: अब डॉक्टर से ऐठें 1.28 लाख, इंटरनेट से खोजा था नंबर, आचार्य बालकृष्ण जता चुके हैं मजबूरी - PATANJALI YOGA PEETH

Last Updated : Jun 18, 2024, 2:17 PM IST
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