मंडी: हिमाचल प्रदेश के आईआईटी मंडी में 12वां दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया. इस दौरान स्नातक, स्नातकोत्तर के अलावा अन्य कोर्स के कुल 636 प्रशिक्षुओं को डिग्री प्रदान की गई. हिमाचली पहाड़ी टोपी कुर्ता पायजामा पहनकर 463 युवक और साड़ी में 173 युवतियां ने डिग्री ली.
समारोह में बतौर मुख्य अतिथि भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक मनोज जैन शामिल हुए. उनके साथ विशेष अतिथि के रूप में आईआईटी मंडी के निदेशक प्रो. राजीव आहूजा, डीआरडीओ में ईआर और आईपीआर के निदेशक डॉ. नरेंद्र कुमार आर्य, ब्रेनवेव साइंस के सीईओ कृष्णा इका भी शामिल हुए.
समारोह में कुल 24 प्रशिक्षुओं को विभिन्न मेडलों से सम्मानित किया गया. शैक्षणिक उत्कृष्टता के लिए मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बीटेक स्नातक शाश्वत गुप्ता को स्नातक छात्रों में सर्वोच्च सीजीपीए प्राप्त करने के लिए राष्ट्रपति स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया. वहीं, बायो इंजीनियरिंग में बीटेक जैन हिया सुधीर को स्नातक छात्रों में सर्वश्रेष्ठ समग्र प्रदर्शन के लिए निदेशक स्वर्ण पदक मिला.
इसके अतिरिक्त रसायन विज्ञान में एमएससी स्नातक देवांशु सजवान को समग्र उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए संस्थान का स्वर्ण पदक प्राप्त हुआ. इन्हें मुख्य अतिथि मनोज जैन ने यह पदक डिग्री के साथ दिए. इस साल स्नातक होने वाली छात्राओं की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है. 2023 में 23.36 प्रतिशत की तुलना में 2024 में यह आंकड़ा बढ़कर 27.20 प्रतिशत हो गया है.
आईआईटी मंडी के निदेशक प्रो. लक्ष्मीधर बेहरा ने कहा, "संस्थान रिमोट सेंसिंग, एआई और आईओटी जैसी तकनीकों का लाभ उठाकर वास्तविक समय की निगरानी और पूर्व चेतावनी प्रणालियों को बढ़ाना चाहता है. 10 से 20 प्रतिशत प्रशिक्षु उच्च शिक्षा की तरफ भी बढ़े हैं".
वहीं, मुख्य अतिथि मनोज जैन ने कहा, "थोड़े ही समय में आईआईटी मंडी ने भारत में व्यावसायिक शिक्षा के लगातार विकसित होते परिदृश्य में अपने लिए एक अलग पहचान बना ली है".
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