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राम नगरी की 84 कोसी परिक्रमा पर निकले 5000 साधु-संत, 15 मई को अयोध्या लौटेंगे - 84 Kosi Parikrama

अयोध्या से निकलने वाली 84 कोसी परिक्रमा यात्रा में संतो के समिति का जत्था जुड़ गया है. इस जत्थे में 5000 साधु संत रवाना हुए हैं. यह परिक्रमा 15 मई को वापस अयोध्या पहुंचेगी.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Apr 24, 2024, 9:59 AM IST

अयोध्या: राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के बाद अयोध्या से निकलने वाली 84 कोसी परिक्रमा की भव्यता भी बढ़ गई है. अयोध्या से दो अलग-अलग स्थान से निकलने वाली इस पारंपरिक परिक्रमा यात्रा में एक बार संतो के समिति का जत्था जुड़ गया है. मंगलवार को अयोध्या से निकली 84 कोसी परिक्रमा यात्रा में लगभग 5000 से अधिक साधु संत शामिल हो रहे हैं.

परिक्रमा के प्रभारी सुरेंद्र सिंह ने दी जानकारी
अयोध्या के कारसेवकपुरम से निकली परिक्रमा के विहिप के पुरुषोत्तम नारायण ने केसरिया ध्वज दिखाकर रवाना किया. विहिप के हनुमान मंडल और धर्मार्थ सेवा संस्थान के संयोजन में 24 अप्रैल से शुरू होने वाली परिक्रमा चार जिलों से होकर गुजरेगी. परिक्रमा के प्रभारी सुरेंद्र सिंह ने बताया, कि परिक्रमा बुधवार को मखौड़ा से रवाना होगी. 15 मई को वापस अयोध्या पहुंचेगी. परिक्रमा शुरू करने से पहले हर साल रामकोट की परिक्रमा परिक्रमार्थी करते रहे हैं. इस बार हनुमान जयंती और चैत्र पूर्णिमा पर भीड़ के चलते हमने परिक्रमा स्थगित कर दी है, ताकि प्रशासन को कोई असुविधा न हो.

इसे भी पढ़े-अयोध्या के 14 कोसी परिक्रमा क्षेत्र में शराबबंदी: दुकानों को हटाने के आदेश, 45KM के दायरे में नहीं बिकेगी शराब

विहिप के शरद शर्मा ने कहा, कि 84 कोसी परिक्रमा के दौरान कई ऋषि-मुनियों की तपस्थली मिलती है, जहां से आध्यात्मिक ऊर्जा प्राप्त होती है. यह समाज को एक सूत्र में बांधने का अभिनव प्रयास है, आस्था का प्रकटीकरण है.

वहीं, अयोध्या धाम चौरासी कोसी परिक्रमा धर्मार्थ सेवा संस्थान के बैनर तले महंत गयादास के नेतृत्व में नरोत्तम भवन रायगंज से परिक्रमार्थियों का जत्था मखधाम के लिए निकला है. गयादास ने बताया, कि जत्थे में 500 साधु संत रवाना हुए हैं. इतने ही परिक्रमार्थी मखौड़ा में परिक्रमा में शामिल होंगे. परिक्रमा 15 मई को वापस अयोध्या पहुंचेगी. इस बार इस यात्रा में सतगुरु सेवा संस्थान के द्वारा 200 से अधिक साधु संतों का जत्था शामिल हुआ है.

यह भी पढ़े-अयोध्या में 84 कोसी परिक्रमा पथ पर पड़ने वाले 154 धर्म स्थलों का होगा विकास

अयोध्या: राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के बाद अयोध्या से निकलने वाली 84 कोसी परिक्रमा की भव्यता भी बढ़ गई है. अयोध्या से दो अलग-अलग स्थान से निकलने वाली इस पारंपरिक परिक्रमा यात्रा में एक बार संतो के समिति का जत्था जुड़ गया है. मंगलवार को अयोध्या से निकली 84 कोसी परिक्रमा यात्रा में लगभग 5000 से अधिक साधु संत शामिल हो रहे हैं.

परिक्रमा के प्रभारी सुरेंद्र सिंह ने दी जानकारी
अयोध्या के कारसेवकपुरम से निकली परिक्रमा के विहिप के पुरुषोत्तम नारायण ने केसरिया ध्वज दिखाकर रवाना किया. विहिप के हनुमान मंडल और धर्मार्थ सेवा संस्थान के संयोजन में 24 अप्रैल से शुरू होने वाली परिक्रमा चार जिलों से होकर गुजरेगी. परिक्रमा के प्रभारी सुरेंद्र सिंह ने बताया, कि परिक्रमा बुधवार को मखौड़ा से रवाना होगी. 15 मई को वापस अयोध्या पहुंचेगी. परिक्रमा शुरू करने से पहले हर साल रामकोट की परिक्रमा परिक्रमार्थी करते रहे हैं. इस बार हनुमान जयंती और चैत्र पूर्णिमा पर भीड़ के चलते हमने परिक्रमा स्थगित कर दी है, ताकि प्रशासन को कोई असुविधा न हो.

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विहिप के शरद शर्मा ने कहा, कि 84 कोसी परिक्रमा के दौरान कई ऋषि-मुनियों की तपस्थली मिलती है, जहां से आध्यात्मिक ऊर्जा प्राप्त होती है. यह समाज को एक सूत्र में बांधने का अभिनव प्रयास है, आस्था का प्रकटीकरण है.

वहीं, अयोध्या धाम चौरासी कोसी परिक्रमा धर्मार्थ सेवा संस्थान के बैनर तले महंत गयादास के नेतृत्व में नरोत्तम भवन रायगंज से परिक्रमार्थियों का जत्था मखधाम के लिए निकला है. गयादास ने बताया, कि जत्थे में 500 साधु संत रवाना हुए हैं. इतने ही परिक्रमार्थी मखौड़ा में परिक्रमा में शामिल होंगे. परिक्रमा 15 मई को वापस अयोध्या पहुंचेगी. इस बार इस यात्रा में सतगुरु सेवा संस्थान के द्वारा 200 से अधिक साधु संतों का जत्था शामिल हुआ है.

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