दौसा. जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी पीएचईडी मंत्री कन्हैया लाल चौधरी ने सोमवार को दौसा जिले में 234 करोड़ की ईसरदा-दौसा परियोजना का शिलान्यास किया. इस दौरान उन्होंने जिले के महुवा उपखंड में दौरा किया. दौरे के दौरान पीएचईडी मंत्री को स्थानीय ग्रामीणों ने पीपलखेड़ा के पास रोक लिया और पेयजल समस्या के बारे में बताने लगे. इस दौरान मंत्री कन्हैया लाल चौधरी के साथ क्वालिटी कंट्रोल की 7 लोगों की टीम मौजूद थी. ऐसे में मंत्री ने तुरंत क्वालिटी कंट्रोल टीम को आदेश देकर जल जीवन मिशन योजना के अंतर्गत काम में लिए गए पाइपों की जांच के निर्देश दिए. शासन सचिव डॉ. समित शर्मा ने बताया कि जांच के दौरान पाइप लाइन तय मापदंडों के अनुसार नहीं मिलने सहित और भी कई खामियां मिली. इसके चलते मंत्री ने पीएचईडी विभाग के 5 अधिकारियों को निलंबित करने के आदेश दिए. साथ ही पीएचईडी के अधीक्षण अभियंता पर भी जांच बैठाने के निर्देश दिए.
जलदाय विभाग के 5 अधिकारियों को किया निलंबित : मंत्री ने मौके पर मौजूद अधिकारियों से योजना की जांच कराने की बात कही. उन्होंने विभाग के शासन सचिव डॉ. समित शर्मा से बात कर विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार के बारे में बताया. साथ कार्रवाई की भी बात कही. इस पर महवा के एक्सईएन हेमंत मीना, एक्सईएन सिद्धार्थ मीणा, सहायक अभियंता नानक राम बैरवा, कनिष्ठ अभियंता धारा सिंह मीना, कनिष्ठ अभियंता महाराज सिंह गुर्जर को निलम्बित करने के आदेश जारी किए. वहीं, अधीक्षण अभियंता कैलाशचंद मीना को जांच के दायरे में लिया गया है. डॉ. समित शर्मा ने कहा कि कार्यों की गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं किया जाएगा.
क्या है पूरा मामला : दरअसल, जलदाय मंत्री दौसा जिले के मौजपुर और गोहंडी मीना में ईसरदा-दौसा पेयजल परियोजना पैकेज-5 के तहत पम्प हाउस का शिलान्यास करने गए थे. शिलान्यास कार्यक्रम के बाद मंत्री महवा तहसील के पीपलखेड़ा गांव में जल जीवन मिशन के तहत चल रहे कार्यों का निरीक्षण करने निकले. निरीक्षण के दौरान विभिन्न स्थानों पर डाली गई पाइप लाइन की गहराई नापने पर मापदंडों में कमी पाई गई. इस दौरान निरीक्षण दल ने संबंधित अभियंताओं से माप पुस्तिका और ले-आउट प्लान मांगे. ऐसे में विभागीय कर्मचारी निरीक्षण दल को संतोषपूर्ण जवाब नहीं दे पाए.
जलजीवन मिशन योजना के नलकूप भी मिले बंद : योजना में खामी मिलने के बाद मंत्री ने अन्य जगह भी विभाग के कार्यों की जांच की. इसमें योजना में खोदे गए 6 नलकूपों में से 2 नलकूप बंद पाए जाने के साथ ही अन्य खामियां मिली. निरीक्षण दल की जांच में परियोजना के कार्य निविदा शर्तों के अनुसार पूरे नहीं होना और परियोजना में सुपरविजन की कमी भी पाई गई. इन अनियमितताओं को और स्थानीय जन प्रतिनिधियों की ओर से की गई शिकायतों को देखते हुए जलदाय मंत्री ने संबंधित अधिकारियों को निलम्बित करने के निर्देश दिए.
जांच करवाने से डर रहे हैं : पीएचईडी मंत्री कन्हैया लाल चौधरी ने मौके पर मौजूद जलदाय विभाग के अधिकारियों से कहा कि वो जहां भी लाइन डाली है, वहां किस क्वालिटी का पाइप है. इन्हें चेक करवाएं. चेक नहीं करवा रहे हैं, इसका मतलब भ्रष्टाचार हुआ है. चोरी की है तभी तो छुपा रहे हैं.