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21 जुलाई से 46वीं विश्व धरोहर समिति की बैठक, विदेशी मेहमानों के स्वागत के लिए लुटियंस दिल्ली तैयार - World Heritage Committee Meeting

World Heritage Committee Meeting: 46वीं विश्व धरोहर समिति की बैठक 21 जुलाई से 31 जुलाई के बीच दिल्ली में आयोजित की जाएगी. जिससे पहले नई दिल्ली नगर पालिका परिषद शहर के सौंदर्यीकरण में जुटा हुआ है. बारिश के मौसम में जलभराव से निपटने के लिए भी तैयारी की जा रही है. 75 पंपों को स्टैंडबाय पर रखा है. जलभराव की निगरानी के लिए कई स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे भी लगाए हैं.

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jul 20, 2024, 1:21 PM IST

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Etv Bharat (Etv Bharat)

नई दिल्ली: लुटियन दिल्ली एक बार फिर विदेशी मेहमानों के लिए सज गई है. रविवार से शुरू होने वाली विश्व धरोहर समिति की बैठक में शामिल हो रहे 142 देशों के प्रतिनिधि राजधानी की खूबसूरती का दीदार करेंगे. इंडिया गेट, लोदी गार्डन, जंतर-मंतर, पुराना किला, लालकिला, कुतुब मीनार समेत दूसरे ऐतिहासिक स्थलों का भ्रमण करेंगे. विदेशी मेहमानों से कनाट प्लेस की शाम भी गुलजार होंगी. नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (NDMC) 46वीं विश्व धरोहर समिति सत्र के प्रतिनिधियों का स्वागत करने के तैयार है. कार्यक्रम 21 जुलाई से 31 जुलाई 2024 तक दिल्ली में आयोजित किया जाएगा, जिसमें 142 देशों के 825 प्रतिनिधि भाग लेंगे.

दीवार पर मिथिला चित्रकला
दीवार पर मिथिला चित्रकला (ETV BHARAT)

50000 सजावटी पौधे लगाए गए

एनडीएमसी के उपाध्यक्ष सतीश उपाध्याय ने जानकारी देते हुए बताया कि, सरदार पटेल मार्ग को गमले में लगे पौधों और फूलों की सजावट से सुसज्जित किया गया है. एनडीएमसी के बागवानी विभाग ने लगभग 50,000 सजावटी पौधे और फूल लगाए है. विश्व धरोहर समिति के लोगों वाले आठ पुष्प बोर्ड प्रदर्शित किए जाएंगे. सरदार पटेल मार्ग से भारत मंडपम तक विशेष तैयारियों में गमले रखे जाएगे. इसके अलावा विभिन्न रंगों के झंडे लगाने के साथ-साथ पेड़ों पर रोशनी की जाएगी. इसके अलावा विभाग ने गर्मी व जलभराव से क्षतिग्रस्त पौधों को बदल दिया है. इसी तरह कनॉट प्लेस को भी खास रोशनी से सजाया जाएगा. यहां पर ग्यारह डिजिटल बोर्ड पर कनॉट प्लेस की ऐतिहासिक तस्वीरें प्रदर्शित की जाएगी.

यह भी पढ़ें- दिल्ली मेट्रो के 15 स्टेशन पर लगेंगे ई-वेस्ट रीसाइकलिंग बॉक्स, जानिए इनसे मुसाफिरों को क्या फायदा?

जल प्रबंधन और मानसून की तैयारी

चालू मानसून सत्र और पिछले जलभराव चुनौतियों को देखते हुए, एनडीएमसी ने प्रतिनिधियों की सुचारू यात्रा सुनिश्चित करने के लिए व्यापक उपाय किए हैं. नियंत्रण कक्ष जलभराव की समस्याओं की निगरानी और समाधान के लिए 175 कर्मियों के साथ छह नियंत्रण कक्ष स्थापित किए गए हैं. पंपिंग इंफ्रास्ट्रक्चर, जलभराव प्रबंधन के लिए 120 स्थायी पंप और 75 पोर्टेबल पंप लगाए गए हैं. अतिरिक्त समर्थन किसी भी आकस्मिक जलभराव स्थिति के लिए 48 अस्थायी कर्मचारी तैनात हैं.

सरदार पटेल मार्ग पर लगाए गए  पौधों
सरदार पटेल मार्ग पर लगाए गए पौधों (ETV Bharat)

सीसीटीवी निगरानी एनडीएमसी के कमांड एंड कंट्रोल सेंटर के माध्यम से व्यापक निगरानी से जलभराव, सड़क अवरोध या अन्य व्यवधानों का प्रबंधन किया जाएगा. जलभराव की समस्याओं की निगरानी के लिए एनडीएमसी ने अपने क्षेत्र के संवेदनशील बिंदुओं पर अतिरिक्त सीसीटीवी कैमरे स्थापित किए हैं. सतीष ने कहा कि एनडीएमसी 46वीं विश्व धरोहर समिति सत्र में सभी प्रतिनिधियों के लिए एक यादगार और आरामदायक प्रवास सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है.

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नई दिल्ली: लुटियन दिल्ली एक बार फिर विदेशी मेहमानों के लिए सज गई है. रविवार से शुरू होने वाली विश्व धरोहर समिति की बैठक में शामिल हो रहे 142 देशों के प्रतिनिधि राजधानी की खूबसूरती का दीदार करेंगे. इंडिया गेट, लोदी गार्डन, जंतर-मंतर, पुराना किला, लालकिला, कुतुब मीनार समेत दूसरे ऐतिहासिक स्थलों का भ्रमण करेंगे. विदेशी मेहमानों से कनाट प्लेस की शाम भी गुलजार होंगी. नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (NDMC) 46वीं विश्व धरोहर समिति सत्र के प्रतिनिधियों का स्वागत करने के तैयार है. कार्यक्रम 21 जुलाई से 31 जुलाई 2024 तक दिल्ली में आयोजित किया जाएगा, जिसमें 142 देशों के 825 प्रतिनिधि भाग लेंगे.

दीवार पर मिथिला चित्रकला
दीवार पर मिथिला चित्रकला (ETV BHARAT)

50000 सजावटी पौधे लगाए गए

एनडीएमसी के उपाध्यक्ष सतीश उपाध्याय ने जानकारी देते हुए बताया कि, सरदार पटेल मार्ग को गमले में लगे पौधों और फूलों की सजावट से सुसज्जित किया गया है. एनडीएमसी के बागवानी विभाग ने लगभग 50,000 सजावटी पौधे और फूल लगाए है. विश्व धरोहर समिति के लोगों वाले आठ पुष्प बोर्ड प्रदर्शित किए जाएंगे. सरदार पटेल मार्ग से भारत मंडपम तक विशेष तैयारियों में गमले रखे जाएगे. इसके अलावा विभिन्न रंगों के झंडे लगाने के साथ-साथ पेड़ों पर रोशनी की जाएगी. इसके अलावा विभाग ने गर्मी व जलभराव से क्षतिग्रस्त पौधों को बदल दिया है. इसी तरह कनॉट प्लेस को भी खास रोशनी से सजाया जाएगा. यहां पर ग्यारह डिजिटल बोर्ड पर कनॉट प्लेस की ऐतिहासिक तस्वीरें प्रदर्शित की जाएगी.

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जल प्रबंधन और मानसून की तैयारी

चालू मानसून सत्र और पिछले जलभराव चुनौतियों को देखते हुए, एनडीएमसी ने प्रतिनिधियों की सुचारू यात्रा सुनिश्चित करने के लिए व्यापक उपाय किए हैं. नियंत्रण कक्ष जलभराव की समस्याओं की निगरानी और समाधान के लिए 175 कर्मियों के साथ छह नियंत्रण कक्ष स्थापित किए गए हैं. पंपिंग इंफ्रास्ट्रक्चर, जलभराव प्रबंधन के लिए 120 स्थायी पंप और 75 पोर्टेबल पंप लगाए गए हैं. अतिरिक्त समर्थन किसी भी आकस्मिक जलभराव स्थिति के लिए 48 अस्थायी कर्मचारी तैनात हैं.

सरदार पटेल मार्ग पर लगाए गए  पौधों
सरदार पटेल मार्ग पर लगाए गए पौधों (ETV Bharat)

सीसीटीवी निगरानी एनडीएमसी के कमांड एंड कंट्रोल सेंटर के माध्यम से व्यापक निगरानी से जलभराव, सड़क अवरोध या अन्य व्यवधानों का प्रबंधन किया जाएगा. जलभराव की समस्याओं की निगरानी के लिए एनडीएमसी ने अपने क्षेत्र के संवेदनशील बिंदुओं पर अतिरिक्त सीसीटीवी कैमरे स्थापित किए हैं. सतीष ने कहा कि एनडीएमसी 46वीं विश्व धरोहर समिति सत्र में सभी प्रतिनिधियों के लिए एक यादगार और आरामदायक प्रवास सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है.

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