मंडी: भयंकर गर्मी के कारण इन दिनों हिमाचल में लोग बेहाल हैं. वहीं, इस गर्मी की मार जंगलों पर भी पड़ रही है. इस बार मंडी जिला में गत वर्षों के मुकाबले में फॉरेस्ट फायर की अधिक घटनाएं देखने को मिल रही हैं.
वन विभाग के मुताबिक इस बार अभी तक पूरे जिला में वनों में आग लगने की 330 घटनाएं सामने आ चुकी हैं. इस कारण वन विभाग की 3112 हेक्टेयर वन भूमि को भारी नुकसान पहुंचा है. 727 हेक्टेयर वन भूमि तो वो है जिस पर कुछ समय पहले ही पौधारोपण किया गया था.
मुख्य वन अरण्यपाल मंडी अजीत ठाकुर ने बताया कि मंडी जिला में वनों को आग लगने की घटनाओं के कारण अभी तक 1.09 करोड़ रुपये के नुकसान का आंकलन किया गया है. अजीत ठाकुर ने बताया कि अधिकतर फॉरेस्ट फायर की घटनाएं शरारती तत्वों के कारण होती हैं.
330 में से 128 मामले ऐसे हैं जिन पर वन विभाग को संदेह है और उसकी जानकारी पुलिस को दे दी गई है. पुलिस अपने स्तर पर जांच पड़ताल कर रही है जबकि वन विभाग अपने स्तर पर जांच में जुटा हुआ है.
फॉरेस्ट फायर पर काबू पाने के लिए जहां वन विभाग के कर्मी दिन रात जुटे हुए हैं. वहीं, स्थानीय प्रशासन, पुलिस, फायर ब्रिगेड और स्थानीय लोगों का भी विभाग को भरपूर सहयोग मिल रहा है. उन्होंने इस सहयोग के लिए सभी का आभार जताया.
अजीत ठाकुर ने बताया कि गत दो वर्षों में मौसम के सही रहने के कारण वनों में आग लगने की घटनाओं में कमी आई थी लेकिन इस दौरान चीड़ की पत्तियां और अन्य प्रकार की ज्वलनशील सामग्री भी वनों में काफी ज्यादा एकत्रित हुई.
अमूमन कुछ वर्षों के अंतराल में ऐसा देखने को मिलता है और उसके बाद जब भयंकर गर्मी पड़ती है तो आग लगने की घटनाएं बढ़ती हैं और ऐसा ही कुछ इस बार भी देखने को मिला है.
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